रेगिस्तान में छिपी है अकूत खनिज संपदा

मरुस्थल
07-10-2021 07:32 PM
रेगिस्तान में छिपी है अकूत खनिज संपदा

बचपन से मरुस्थलों के प्रति हमारे मन में एक बड़े रेतीले भू-भाग की छवि बनाई गई है! एक ऐसा क्षेत्र जहाँ जीवन का नामोनिशान नहीं है। किंतु वास्तव में रेगिस्तान की परिस्थियाँ हमारे मन में गढ़ी गई छवियों से एकदम विपरीत हैं! यदि आप हमारी आज की सभी पोस्ट पर एक नज़र भी फेरेंगे, तो पाएंगे की रेगिस्तान दुनियां के अन्य भू-क्षेत्र की तुलना में, कहीं भी पीछे नहीं है। वरन कुछ नजरियों में तो यह उपजाऊ भूमि से अधिक उपयोगी साबित हो सकता है। यहाँ पर जीवन संभव है, मनुष्य का विकास संभव है, कई पेड़ पोंधे भी उगते हैं। लेकिन इसके अलावा भी इसकी एक बड़ी खासियत यह भी है की यहाँ पर बहुमूल्य खनिज संपंदा का अकूत भंडार उपलब्ध है। मरुस्थल प्राकृतिक संसाधनों के गढ़ माने जाते हैं। इसकी सतह के नीचे प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले संसाधनों, जैसे जीवाश्म ईंधन, अयस्क और अन्य मूल्यवान खनिजों के विशाल भंडार होते हैं, जो इंसानों के लिए बेहद जरूरी और बेशकीमती साबित होते हैं। मुख्य रूप से रेगिस्तान में कुछ ऐसे समृद्ध खनिज संसाधन पाए जाते हैं, जिनके गठन के लिए तलछट और निकट-सतह की आवश्यकता होती है, जो यहां के अलावा कही और मिलना बेहद मुश्किल होता है। बोरेक्स, सोडियम नाइट्रेट, सोडियम कार्बोनेट, ब्रोमीन, आयोडीन, कैल्शियम और स्ट्रोंटियम यौगिक जैसे खनिज तब बनते हैं, जब रेगिस्तानी झीलों (प्लाया) में पानी वाष्पित हो जाता है।
उत्तरी मोजावे (northern Mojave) के रेगिस्तान में पाया जाने वाला “सुहागा” एक बेहद महत्वपूर्ण योगिक होता है, जिसका उपयोग कृषि रसायनों, अग्निरोधी, फार्मास्यूटिकल्स (pharmaceuticals), सौंदर्य प्रसाधन, कांच, चीनी मिट्टी की चीज़ें, तामचीनी, पेंट और लेपित कागज के निर्माण में भी किया जाता है। रेगिस्तानी क्षेत्रों वाष्पीकरण के माध्यम से बनने वाले एक खारा खनिज और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण सोडियम नाइट्रेट का भी बड़े पैमाने पर खनन किया जाता है। इसके विलय से अन्य खनिज जैसे जिप्सम, सोडियम नाइट्रेट और सोडियम क्लोराइड (टेबल सॉल्ट) भी बन सकते हैं। 1936 में, उप-उष्णकटिबंधीय अरब रेगिस्तान में तेल (जीवाश्म ईंधन) की खोज की गई थी, जो आज दुनिया का सबसे बड़ा पेट्रोलियम-उत्पादक क्षेत्रों में से एक है।
तेल तथा प्राकृतिक गैस पौधों और जानवरों के अपघटन से लाखों वर्षों में बने हाइड्रोकार्बन का एक जटिल मिश्रण होता है, दुनिया के पांच सबसे बड़े तेल क्षेत्र सऊदी अरब, कुवैत और इराक में हैं। अरब रेगिस्तान आज सहारा के बाद अगला सबसे बड़ा गर्म रेगिस्तान है, जहां द्वितीय विश्व युद्ध के बाद तेल की खोज की गई थी। भूजल द्वारा निर्मित 15 प्रकार के मुख्य खनिज भंडारों में से 13 रेगिस्तान में पाए जाते हैं। रेगिस्तान में पाए जाने वाले कई मूल्यवान धातु खनिजों में संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण-पश्चिमी रेगिस्तान में सोना, चांदी, लोहा, सीसा-जस्ता अयस्क और यूरेनियम के भंडार हैं। वहीँ संयुक्त राज्य अमेरिका, चिली, पेरू और ईरान में कॉपर का खनन भी होता है। दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान, सहारा उत्तरी अफ्रीका का एक विशाल, प्राकृतिक संसाधन संपन्न क्षेत्र है। यह रेगिस्तान लगभग 3.5 मिलियन वर्ग मील में फैला है। सहारा रेगिस्तान के नीचे भारी मात्रा में तेल और प्राकृतिक गैस छिपी हुई है, इसके नीचे प्राकृतिक संसाधनों की अपार संपदा भी दबी हुई है, जिसमे सबसे प्रमुख तेल और प्राकृतिक गैस की भारी मात्रा शामिल है।
हालांकि सहारा रेगिस्तान हमेशा ऐसा नहीं था। जानकर मानते हैं की लाखों साल पहले, कई नदियाँ इस क्षेत्र को पार करती थीं, और यह झीलों और पानी का एक उपजाऊ क्षेत्र था। आधुनिक तकनीकों जैसे उपग्रह इमेजिंग ने लगभग 2 मिलियन वर्ष पहले लंबे समय से लुप्त हो चुकी नदियों की पहचान की, और आधुनिक मानचित्रण और मापने के तरीकों से यह ज्ञात होता है कि, रेतीले क्षेत्र में वर्षा की मात्रा के अनुसार रेगिस्तान का आकार साल-दर-साल बदलता रहता है। पूर्वी रेगिस्तान प्राचीन मिस्रवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज संसाधन के रूप में था, जहाँ से चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, ग्रेनाइट, नीलम, तांबा और सोना जैसी बेशकीमती धातुएं निकाली जाती थी। दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तानों में से एक, थार मरुस्थल उत्तर पश्चिम भारत में स्थित है। यह सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला दुनिया के प्रमुख गर्म रेगिस्तानों में से एक है। इस विशाल रेगिस्तान में फेल्डस्पार, फॉस्फराइट, जिप्सम और काओलिन जैसे खनिजों के मूल्यवान भंडार पाए जाते हैं। इन खनिजों का उपयोग सीमेंट से लेकर उर्वरकों तक कई प्रकार के यौगिकों के उत्पादन के लिए किया जाता है।
इस रेतीले क्षेत्र में चूना पत्थर और संगमरमर का भी खनन किया जाता है, साथ ही सौर पैनलों का उपयोग करके थार रेगिस्तान में ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। और इस ऊर्जा का उपयोग नमक (विलवणीकरण) से दूषित पानी को साफ करने के लिए किया जाता है। पवन ऊर्जा के रूप में यहाँ पर 75 पवन टर्बाइनों से युक्त एक पवन फार्म में 60 मेगावाट बिजली पैदा करने की भी क्षमता है।

संदर्भ

https://bit.ly/3oGBEhY
https://bit.ly/3afihDZ
https://bit.ly/3AjPxVn
https://bbc.in/3mukVvr
https://pubs.usgs.gov/gip/deserts/minerals/

चित्र संदर्भ

1. जोधपुर, भारत में खनन संयंत्र का एक चित्रण (wikimedia)
2. अजो, एरिज़ोना के पास सोनोरन रेगिस्तान में पेन-पिट (Pen-Pit mine) खदान का एक चित्रण (youtube)
3. रेगिस्तान से प्राकृतिक तेल उद्पादन का एक चित्रण (youtube)
4. रेगिस्तानी रोज़ का एक चित्रण (istock)