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भारत में लक्जरी कारों (Luxury Cars) की बढ़ती मांग ने कार निर्माताओं को आश्चर्यचकित
कर दिया है। कोरोना महामारी के बावजूद लग्जरी कारों के व्यापार में पूरे भारत में बढ़ोतरी हुई
है। कोविड-19 ने हर व्यापार को भारी रूप से प्रभावित किया और उद्योगों को व्यापक पैमाने
पर नुकसान पहुंचाया है‚ जबकि लग्जरी कार के निर्माताओं का कहना है कि वे भारत में लग्जरी
कार के व्यापार में काफी वृद्धि देख रहे हैं!
भारत में सुपर लग्जरी सेगमेंट (Super Luxury Segment) में अन्य सभी लग्जरी कारों की
तुलना में लैंबोर्गिनी (Lamborghini) सबसे बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। कोविड-19 के इस दौर
में लैंबोर्गिनी के साथ-साथ मर्सिडीज (Mercedes) जैसी अन्य लग्जरी कारों के निर्माताओं ने भी
संपूर्ण देश में अपनी कारों के व्यापार में काफी वृद्धि देखी है। इन लग्जरी कारों को खरीदने के
लिए संपूर्ण भारत में ग्राहकों की बढ़ती मांगें देखी जा सकती हैं। नई तथा लग्जरी कार को
खरीदने के लिए पारिवारिक उपयोग और अतिरिक्त कार की भावना प्रमुख कारक साबित हुए हैं।
ग्राहकों की बढ़ती हुई मांग तथा व्यापार में हो रही बढ़ोतरी को देखकर लग्जरी कार कंपनियों का
कहना है कि आने वाले महीनों में भी बिक्री में सकारात्मक गति होती रहेगी तथा साल के अंत
में अच्छा परिणाम देखने को मिल सकता है। कुछ कंपनियों के व्यापार में बढ़ोतरी देखकर‚ अन्य
लग्जरी कार कंपनियां बाजार में कई नई कारों को लॉन्च करने पर विचार कर रही हैं।
जनवरी 2021 से जून 2021 के समय अंतराल में आठ नए उत्पादों को लांच किया गया था।
उन नए लॉन्च किए गए उत्पादों में ए-क्लास लिमोसिन (A-Class Limousine)‚ जीएलए
एसयूवी (GLA SUV)‚ ई-क्लास सेडान (E-Class Sedan)‚ जीएलएस मेबैक एसयूवी (GLS
Maybach SUV)‚ न्यू एस-क्लास लिमोसिन (New S-Class Limousine)‚ एएमजी ए 35
सेडान (AMG A 35 Sedan)‚ एएमजी जीएलए 35 एसयूवी (AMG GLA 35 SUV) और
जीएलसी एसयूवी (GLC SUV) शामिल हैं। ऑडी इलेक्ट्रिक एसयूवी (AUDI Electric SUV) को
2021 के शुरुआती छह महीनों में लॉन्च करने के लिए तैयारी की जा रही थी‚ इस पल का ऑडी
(AUDI) कंपनी ने काफी समय से इंतजार किया है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स
एसोसिएशन (एफएडीए) (Federation of Automobile Dealers Association‚ FADA) ने
नवीनतम आंकड़ों को जारी किया है‚ जिनके अनुसार भारत देश में मई 2021 में 5‚35‚855
वाहनों की बिक्री हुई‚ जो मई 2019 की तुलना में 71 प्रतिशत कम है तथा निजी वाहनों की
बिक्री में 59 प्रतिशत की गिरावट आई है। महामारी की शुरुआत के बाद‚ 50‚000 रुपये तक की
कीमत वाली सस्ती मोटरसाइकिलों की तुलना में‚ 50 लाख तक की कीमतों वाली लक्जरी कारें
अधिक बिक रही हैं। और इसमें सुधार के बहुत कम संकेत दिखाई दे रहे हैं। कोविड-19 महामारी
की दूसरी लहर के बीच में मर्सिडीज-बेंज एजी (Mercedes-benz AG) द्वारा भारत में अपने
मेबैक स्पोर्ट यूटिलिटी (Maybach Sport Utility) वाहन को पेश किया गया। 2021 के अंत
तक जर्मन (German) ऑटोमेकर कंपनियां जिन 50 लग्जरी कारों का व्यापार करना चाहती थी‚
उनके व्यापार को 1 महीने के भीतर ही बंद कर दिया गया।
जिस तरह अमीर लोग इन $400‚000 कीमतों वाली लग्जरी कारों के मालिक होने के लिए हर
संभव प्रयास कर रहे हैं उसी तरह वार्षिक प्रति व्यक्ति आय $2‚000 से नीचे गिर रही थी। इस
कारणवश भारत‚ अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश से पीछे रह गया था। पिछले वर्ष गरीब तथा
बेरोजगार परिवारों को काफी मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा‚ जिसमें उन्हें भोजन प्राप्त करने के
लिए भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बल्कि कई परिवारों को भोजन की प्राप्ति ही
नहीं हुई। इन परिस्थितियों के बावजूद अर्थशास्त्रीयों द्वारा‚ तीव्र भोजन के अभाव की एक और
लहर के आने की चेतावनी दी जा रही है।
2014 में किसी भी नई कार को खरीदने के लिए एक पुरानी कार को बेचा जा रहा था। भारत में
2.7 मिलियन नई कारों को खरीदने के लिए पिछले वर्ष में लगभग 4.4 मिलियन पुरानी कारों
को बेचा गया था। वित्त वर्ष 2020 में‚ इस्तेमाल की गई कार बाजार में लगभग 4.2 मिलियन
की मामूली बढ़त हुई‚ जिसका मुख्य कारण आपूर्ति में हुई कमी थी। यह सिकुड़ती नई कार
बाजार के कारण उत्पन्न होने वाली, इस्तेमाल की गई कार बाजार की संभावित वृद्धि के
खिलाफ एक बड़ी चुनौती है।
जब कोइ इस्तेमाल की गई कार खरीदने के लिए जाता है तो उसके दिमाग में दो सबसे
महत्वपूर्ण विचार होते हैं‚ पहला‚ क्या उन्हें वही कार मिलेगी जिसकी मुझे तलाश है। तथा दूसरा‚
क्या उन्हें उनकी मनपसंद खूबी वाली कार मिलेगी जैसे कार का रंग‚ कार का मॉडल अत्यधिक
पुराना तो नहीं तथा कार 30‚000 किलोमीटर से अधिक तो नहीं चली है। मॉर्थ (MoRTH)
सूचना के अनुसार‚ 15 साल से अधिक पुरानी कार के पंजीकरण का नवीकरण करने हेतु एक
व्यक्ति को 5000 तक का भुगतान करना पड़ता है। इसी तरह 15 साल से अधिक पुराने वाहन‚
जिन्हें आयात किया गया है उनके लिए नवीनीकरण शुल्क 40‚000 तय किया गया है।
पंजीकरण शुल्क में बढ़ोतरी तथा 15 साल से अधिक पुरानी कारों के लिए नवीनीकरण शुल्क‚
पुराने वाहनों‚ विशेष रूप से 12-13 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के आंकलन को बहुत प्रभावित
करता है।
कौशिक माधवन (Kaushik Madhavan)‚ वाइस प्रेसिडेंट मोबिलिटी- फ्रॉस्ट एंड सुलिवन साउथ
एशिया (vice president mobility - Frost & Sullivan South Asia) कहते हैं कि उन्हें नहीं
लगता की री-रजिस्ट्रेशन शुल्क (re-registration charges) या स्क्रेपेज पॉलिसी (scrappage
policy) का प्री-ओन्ड कार मार्केट (pre-owned car market) में कोई महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा‚
क्योंकि वर्तमान में बहुत कम ग्राहक ही 15 सालों तक अपने वाहनों को अपने पास रखते हैं।
संदर्भ:-
https://bit.ly/3l2mCzE
https://bit.ly/3n6yAun
https://bit.ly/3n3zxng
https://bit.ly/2VhU38h
चित्र संदर्भ
1. नई कार के प्रवेश स्वागत का एक चित्रण (youtube)
2. विंटेज और क्लासिक कार क्लब ऑफ इंडिया की लग्जरी कारों का एक चित्रण (flickr)
3. कार उत्पादन लाइन का एक चित्रण (read.ft)
4. सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों का एक चित्रण (youtube)