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मिश्रित मार्शल आर्ट MM की लोकप्रियता व भारत में इसकी स्थिति और इतिहास

रामपुर

 04-09-2021 09:46 AM
य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

मिश्रित मार्शल आर्ट (एमएमए) (Mixed Martial Arts (MMA)) एक ऐसा दोहरी लड़ाड़ी का खेल है‚ जिसमें मुक्केबाजी‚ कुश्ती‚ जूडो‚ जुजित्सु (jujitsu)‚ कराटे‚ मय थाई (Muay Thai) तथा दुनिया भर के विभिन्न लड़ाकू खेलों और मार्शल आर्ट की तकनीकों को शामिल किया गया है। इसे केज फाइटिंग (Cage Fighting)‚ नो होल्ड बैरड (एनएचबी) (No Holds Barred (NHB)) तथा अल्टीमेट फाइटिंग (Ultimate Fighting) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐसा मुकाबले वाला खेल है‚ जो पूर्ण रूप से प्रहार‚ हाथापाई और जमीनी लड़ाई पर आधारित है। मिश्रित मार्शल आर्ट (Mixed Martial Arts) शब्द का सबसे पहला उपयोग 1993 के दस्तावेजों में‚ टेलीविज़न के समीक्षक हॉवर्ड रोसेनबर्ग (Howard Rosenberg) द्वारा युएफसी 1 (UFC 1) की समीक्षा में किया गया था। जिसमें तर्क-वितर्क का विषय यह था कि वास्तव में यह शब्द किसके द्वारा अंकित किया गया है। इस खेल के शुरुआती दिनों में आलोचकों द्वारा इसकी काफी निंदा की गई थी तथा इसे एक “बिना नियमों का क्रूर खेल” कह कर खारिज कर दिया गया था। एमएमए ने धीरे-धीरे अपनी छवि को सुधारते हुए नई सफलताओं की शुरुआत की तथा 21 वीं सदी की शुरुआत में ही दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते दर्शकों वाले खेलों में अपनी जगह बना ली।
भारत में आज भी‚ मिश्रित मार्शल आर्ट (Mixed Martial Arts) को एक विदेशी अवधारणा के रूप में देखा जाता है। जब भारत में मिश्रित मार्शल आर्ट की शुरूआत हुई तब देश में इसके संचालन के लिए आवश्यक तकनीकी सहायता तथा नींव उपलब्ध नहीं थी। भारत में आज भी एमएमए (MMA) की राह में कई बाधाएं और चुनौतियां खड़ी है जिसके बावजूद कुछ लोग एक ऐसा ढांचा तैयार करने में कामयाब हुए हैं जिसके इर्द-गिर्द एमएमए (MMA) निर्बाध रूप से घूमता है। भारत में एमएमए‚ सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त खेल नहीं है। जिसके कारण एमएमए लड़ाकों को एथलीटों (athletes) के रूप में मान्यता प्रदान नहीं की जाती। और ना ही उन्हें वह लाभ और समर्थन प्राप्त होता है जो भारत सरकार द्वारा अन्य एथलीटों को दिया जाता है। मान्यता प्राप्त ना होने के परिणामस्वरूप‚ भारत में इस खेल के लिए कोई उचित संचालक मंडल नहीं है। अर्थात एक भी ऐसा आयोग नहीं है‚ जो सरकार को भारतीय एमएमए समुदाय का प्रतिनिधित्व कर सके।
भारतीय एमएमए संरचना में पांच स्तंभ शामिल हैं: (1) योद्धा या लड़ाका‚ (2) जिम‚ (3) प्रोन्नति‚ (4) प्रबंध‚ (5) शासकीय निकाय। ये पांचों बुनियादी स्तंभ अपनी पहचान‚ योग्यता व कमजोरी के साथ‚ भारतीय एमएमए समुदाय में कुछ योगदान देते हैं।
भारत में मिश्रित मार्शल आर्ट (Mixed Martial Arts) के खेलों की शुरुआत तब हुई‚ जब किकबॉक्सिंग (kickboxing) संस्था के एक सदस्य डेनियल इसाक (Daniel Isaac) ने एमएमए (MMA) में हाथ आजमाने का फैसला किया। डेनियल इसाक (Daniel Isaac) एक किकबॉक्सर थे जिन्होंने कराटे और ताइक्वांडो (Taekwondo) की कला में भी प्रशिक्षण प्राप्त किया था। डेनियल (Daniel)‚ मार्शल कलाकारों के परिवार से आये थे‚ उनके पिता और दादा दोनों मार्शल कलाकार थे। ऐसा कहा जा सकता है कि डेनियल को मार्शल कला अपने परिवार से विरासत के रूप में मिली थी। मार्शल आर्ट में डेनियल की नींव‚ उनके पारिवारिक मार्शल आर्ट 'इशुडो' (Ishudo) में थी। इशूडो (Ishudo)‚ आधुनिक मिश्रित मार्शल आर्ट का एक पारंपरिक रूप है। जिसमें प्रहार‚ हाथापाई और जमीनी लड़ाई तकनीक शामिल हैं। डेनियल को उनके पिता स्वर्गीय ग्रैंडमास्टर सोलोमन इसाक (late Grandmaster Solomon Isaac) ने एमएमए की बुनियादी सिद्धांतों की सीख दी थी। उन्होंने यूएफसी 1 (UFC 1) से पहले‚ 1987 में नासिक (Nasik) में भारत के पहले नो-होल्ड्स-बैरड फाइटिंग टूर्नामेंट (No-Holds-Barred fighting tournament) का आयोजन किया था। डेनियल (Daniel) ने मास्टर स्केन (Master Sken) से मॉय थाई (Muay Thai) में भी प्रशिक्षण लिया था। भारतीय एमएमए समुदाय में‚ डेनियल को एक अग्रणी के रूप में माना जाता है क्योंकि उन्होंने 2000 के दशक की शुरुआत में अपने‚ एमएमए टाइगर जिम (MMA Tiger’s gym) की स्थापना की थी। एमएमए टाइगर जिम‚ वह स्थान है जहाँ भारत के पहले यूएफसी (UFC) फाइटर भरत कंडारे (Bharat Kandare) ने मिश्रित मार्शल आर्ट (Mixed Martial Arts) की शिक्षा ली थी।
1960 के दशक के अंत से लेकर 1970 के दशक की शुरुआत तक‚ ब्रूस ली (Bruce Lee) द्वारा‚ जीत कुन डो (Jeet Kune Do) की अपनी प्रणाली के माध्यम से पश्चिम में‚ कई मार्शल आर्ट के तत्वों के संयोजन की अवधारणा को लोकप्रिय बनाया गया था। ली (Lee) का मानना था कि “सबसे अच्छा योद्धा कोई बॉक्सर‚ कराटे या जूडो वाला आदमी नहीं है। सबसे अच्छा योद्धा वह है जो किसी भी शैली को धारण कर सकता है‚ शैलियों को अपनाने के लिए असीमित हो सकता है तथा किसी की भी व्यक्तिगत शैली को अपनाने में सक्षम हो।” 2004 में‚ युएफसी (UFC) के अध्यक्ष डाना व्हाइट (Dana White) ने ली (Lee) को “मिश्रित मार्शल आर्ट का जनक” (father of mixed martial arts) कहते हुए कहा: “यदि आप ब्रूस ली (Bruce Lee) के प्रशिक्षण के तरीके‚ उनके लड़ने के तरीके और उनके द्वारा लिखी गई कई चीजों को देखें‚ तो उन्होंने कहा कि वास्तव में सही शैली‚ कोई शैली ही नहीं है। आप हर चीज से कुछ न कुछ सीखते हैं। हर अलग अनुशासन से अच्छी चीजें ग्रहण करते हैं तथा प्रेरणादायक चीजों को अपनाते हैं।”
समय के साथ साथ कठिन प्रयासों से मिश्रित मार्शल आर्ट (Mixed Martial Art) अपनी वास्तविकता में उजागर हुई‚ तथा लोगों को एमएमए (MMA) का वास्तविक रूप समझ में आने लगा। एमएमए सर्वोच्च श्रेणियों में से सर्वश्रेष्ठ चरणों का एक समूह है। एमएमए के खेलों का विकास विगत कुछ वर्षों में ही हुआ है‚ तथा इसमें विभिन्न प्रकार की शैलियों को शामिल किया गया है‚ जो एक फ्रीस्टाइल (freestyle) युद्ध के लिए सर्वोत्तम हैं। अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप (Ultimate Fighting Championship‚ UFC) में सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली मार्शल आर्ट में से मय थाई (Muay Thai) प्रमुख है। मय थाई (Muay Thai) मार्शल आर्ट की उत्पत्ति 18 वीं शताब्दी में हुई‚ जब कोनबाउंग राजवंश (Konbaung Dynasty) के नै खानोमटॉम (Nai Khanomtom) नामक एक थाई लड़ाकू (Thai fighter) को बर्मी (Burmese) के लड़ाकू ने दबोच लिया था‚ तब नै खानोमटॉम (Nai Khanomtom) ने लगातार दस बर्मी लड़ाकों (Burmese fighters) को हराकर बेहोश कर दिया था। इसके पश्चात उनके इस आश्चर्यजनक प्रक्रिया के लिए उन्हें बेहद सम्मान मिला था‚ जिसके फलस्वरूप नै खानोमटॉम (Nai Khanomtom) को स्वतंत्रता से सम्मानित किया गया। इसके पश्चात उनके द्वारा लड़ने में उपयोग की गई ये शैली‚ मय थाई (Muay Thai) के नाम से प्रचलित होने लगी। समय के साथ-साथ‚ इसकी व्यापक प्रकृति के कारण मय थाई शैली को एमएमए में‚ ‘हमला करने की आधारशिला’ के रूप में स्‍थान प्राप्‍त हुआ। मय थाई शैली शरीर के विभिन्न अंगों जैसे टांग‚ घुटने‚ कोहनी तथा मुट्ठी के प्रयोग से मुक्के‚ कोहनी‚ लात और घुटनों जैसी क्रियाओं को सम्मिलित करती है।
जिन्हें ‘आर्ट ऑफ 8- लिम्ब्ज’ (Art of 8-limbs) कहा जाता है। मय थाई लड़ाकू इन्हें अप्रत्याशित प्रहार संयोजनों के साथ जोड़ना पसंद करते हैं जिसमें जैब्स (jabs)‚ हुक (hooks)‚ अपरकट (uppercuts)‚ स्पिनिंग बैकफिस्ट (spinning backfists)‚ स्ट्रेट और राउंडहाउस किक (straight and roundhouse kicks)‚ हॉरिजॉन्टल एल्बो (horizontal elbows)‚ स्ट्रेट नी (straight knees) और निश्चित रूप से फ्लाइंग नी (flying knee) सम्मिलित हैं। एमएमए में प्रयोग होने वाली दूसरी मार्शल आर्ट जूडो (Judo) है। जूडो (Judo) को सामान्यतः एक जापानी मार्शल आर्ट (Japanese Martial Art) के रूप में भी जाना जाता है। इस खेल की उत्पत्ति 1882 में जिगोरो कानो (Jigoro Kano) द्वारा‚ शारीरिक‚ मानसिक तथा नैतिक शिक्षाशास्त्र के रूप में जापान (Japan) में हुई थी। जूडो (Judo) की सबसे ख़ास बात है कि इसमें लक्ष्य या तो विरोधी को भूमि पर पटकना या नीचे गिराना‚ अन्यथा वश में करना होता है। ओलंपिक (Olympic) के प्रारंभिक दौर में इसे कानो जिउ-जित्सु (Kanō Jiu- Jitsu) के नाम से भी जाना जाता था। एक जूडो खिलाड़ी को “जुडोका” (Judoka) तथा जूडो की वर्दी को “जुडोगी” (Judogi) कहा जाता है। तीसरी मार्शल आर्ट जुजुत्सु (Jujutsu) है। जुजुत्सु (Jujutsu)‚ जापानी मार्शल आर्ट (Japanese Martial Art) का ही एक हिस्सा है। इसे जिउ- जित्सु (Jiu-Jitsu) और जू-जित्सु (Ju-Jitsu) के नाम से भी जाना जाता है। यह युद्ध की एक ऐसी तकनीक है जिसे निहत्थे विरोधियों को मारने या वश में करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। चौथी मार्शल आर्ट बॉक्सिंग (Boxing) है। बॉक्सिंग एक मनोरंजन करने वाला लड़ाकू खेल है। जिसमें दो प्रतिभागी सामान्य तौर पर सुरक्षात्मक दस्ताने और अन्य सुरक्षात्मक वस्तुओं जैसे कि हेलमेट (Helmet) और माउथगार्ड (Mouthguard) पहने हुए रहते हैं। दोनों प्रतिभागी एक बॉक्सिंग रिंग (Boxing Ring) में एक निर्धारित समय के लिए एक-दूसरे पर प्रहार करते हैं। इसका उद्देशय विरोधी को जमीन में पटककर अंक प्राप्त करना होता है। अंत में निर्णायक द्वारा स्कोरकार्ड (Scorecard) में अधिक अंकों को प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को विजेता घोषित कर दिया जाता है। एमएमए में इन मार्शल आर्ट्स के अलावा कुछ अन्य शैली की मार्शल आर्ट‚ जैसे कराटे (Karate)‚ रैसलिंग (Wrestling) व सवाते (Savate) इत्यादि भी शामिल है।

संदर्भ:
https://bit.ly/3t77uEJ
https://bit.ly/2WG57gn
https://bit.ly/3zDXJAf
https://bit.ly/3kGnJok

चित्र संदर्भ
1. मिश्रित मार्शल आर्ट (एमएमए) (Mixed Martial Arts (MMA) के दांव पेंचों का एक चित्रण (flickr)
2. प्राचीन चीन में लेई ताई प्रतियोगिता के दौरान अपने प्रतिद्वंद्वी को फेंकने की तैयारी कर रहा एक चीनी मार्शल कलाकारों का एक चित्रण (wikimedia)
3. ब्रूस ली ने मार्शल आर्ट की अपनी शैली जीत कुनै दो (Jeet Kune Do) बनाई जिसका एक चित्रण (cheatsheet)
4. टेक्सास मिश्रित मार्शल आर्ट का एक चित्रण (flickr)
5. जापानी मार्शल आर्ट (Japanese Martial Art) का एक चित्रण (tsunagu Japan)



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