रज़ा पुस्तकालय, रामपुर के खगोलीय उपकरण

रामपुर

 06-12-2017 05:22 PM
सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)
रामपुर शहर की स्थापना 1775 में नवाब फैज़ुल्लाह खान द्वारा की गयी और इसके साथ ही नवाब सईद खान द्वारा रज़ा पुस्तकालय को तोशखाने से एक सार्वजानिक पुस्तकालय में परिवर्तित किया गया। दुर्लभ पांडुलिपियों, लघु चित्रों, कलाकृतियों और प्राचीन वस्तुओं का घर होने के कारण यह भारत-इस्लामी विरासत का एक खजाना है। इनमें से ज़्यादातर या तो विशेष आयोग द्वारा अधिग्रहित किए गए थे या फिर रामपुर के नवाबों द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी संग्रहित किए गए थे। रज़ा पुस्तकालय की इस आकर्षक विरासत में संरक्षित किये गए खगोलीय यंत्र भारतीय क्षेत्रों और उनके इतिहास का एक अनूठा पहलू प्रस्तुत करते हैं। ये दुर्लभ कलाकृतियाँ दुनिया भर में उपलब्ध कुछ ही मौजूदा नमूनों में से एक हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं, 1. साइन क्वाड्रंट- जमाल-अल-दिन मुहम्मद अली अल-हुसैनी। 2. मुग़ल खगोलीय ग्लोब। 3. कूफिक खगोलीय ग्लोब- मुहम्मद-इब्न जफ़र। 4. सतत वेधयंत्र- जोशी धर्म चंद। 5. कूफिक वेधयंत्र- अल-सर्राज दमिश्की। लगभग इन सभी उपकरणों के कार्यों को परिभाषित किया गया था और इनका प्रयोग मध्यकालीन अरबी खगोलविदों और नाविकों द्वारा आकाश में खगोलीय आकृतियों के झुकाव एवं कोणों को मापने के लिए किया जाता था, ताकि सितारों या ग्रहों की पहचान की जा सके। इसके आधार पर वे काफी जानकारी हासिल किया करते थे, जैसे- स्थानीय समय, दिशा, स्थानीय अक्षांश, किसी भी समय किसी खगोलीय पिंड की स्पष्ट स्थिति निर्धारित करने के लिए, और साथ ही सर्वेक्षण के लिए। ये यंत्र दिशा सूचक यंत्र और यांत्रिक घड़ियों के अग्रदूतों की तरह थे। इन यांत्रिक वस्तुओं का उपयोग शास्त्रीय पुरातनता चरण, इस्लामी स्वर्ण युग, यूरोपीय मध्य युग और रिनायसांस के समय उपरोक्त सभी कार्यों के लिए किया गया था। हालांकि माना जाता है उनमें से कुछ यंत्र, विशेष रूप से वेधयंत्र, अरबियों से पहले ही कहीं और खोजा और प्रयोग किया जा चुका था परन्तु फिर भी इस कला को परिपूर्ण बनाने में अरबि लोगों को सिद्ध माना जाता है। जलवायु और अन्य कारकों के आधार पर वजन और दीर्घायु के मुद्दों के कारण ये उपकरण ज्यादातर पीतल के होते थे। साइन क्वाड्रंट को अरबी में रुब उल मुजाययाब के नाम से भी जाना जाता है। एस्ट्रोलैब की व्युत्पत्ति ग्रीक शब्द एस्ट्रोलैबोस (एस्ट्रोन: सितारे, और लैंबनीन: ले जाना) से हुई है, लेकिन अरबी में इसे कई तरह की व्युत्पत्तियां दी गई हैं, उदाहरण के लिए, अख़्खू अल-नुजूम जिसका शाब्दिक अर्थ है तारा लेने वाला या फिर फारसी का सितारा याब जिसका भी यही अर्थ है। 16 वीं शताब्दी के एक मिस्र के विद्वान जमालउद्दीन अब्दुल्लाह मरादीनी ने रिसाला फाई अमाली रूबुल मुजाययाब नामक किताब लिखी और इसमें इन उपकरणों के 20 इस्तेमाल के तरीके वर्णित किये। अतः ये प्राचीन वस्तुएं हमें विज्ञान, व्यापार संबंधों, मानवीय संपर्क और आविष्कारों की एक अनोखी और प्राचीन कहानी बताती हैं। 1. इंडियन जर्नल ऑफ़ हिस्ट्री ऑफ़ साइंस, 39.1 (2004) 121-128, बुक रिव्यू बाय एस.एम. रज़ा उल्लाह अंसारी, अलीगढ। 2. रज़ा लाइब्ररी, रामपुर, राज भवन, लखनऊ, उत्तर प्रदेश और भगवन शंकर (आई.ए.एस.), डाइरेक्टर, नॉर्थ सेंट्रल ज़ोन कल्चरल सेंटर, इलाहाबाद। 3. द एस्ट्रोनोमी ऑफ़ ममलूक्स: अ ब्रीफ ओवरव्यू 73-84, डेविड ए. किंग। 4. साइन क्वाड्रंट हैण्डआउट- द एस्ट्रोलेब प्रोजेक्ट, http://astrolabeproject.com 5. साइन क्वाड्रंट: https://en.wikipedia.org/wiki/Sine_quadrant 6. द एस्ट्रोलेब: हिस्ट्री ऑफ़ द एस्ट्रोलेब: https://www.astrolabes.org/pages/history.htm


RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id