मिट्टी के बर्तन: रामपुर

रामपुर

 06-12-2017 04:21 PM
म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण
मानव अपने जीवन के कई चरणों का सफर करते हुये एक ऐसे दौर में पहुँचता है जहाँ वह एक समाज कि स्थापना करता है। मानव के समाज में आने का सबसे उत्तम कारण यह माना जाता है कि उसका कृषी की तरफ अग्रसर होना। जैसा की मानव लाखों साल तक एक जगह से दूसरे जगह यायावर जीवन यापन करता था परन्तु किंचित् कारण वश वह एक स्थान पर नही रुका। उत्तम हथियारों आदि के निर्माण ने शिकार को आसान कर दिया तथा व्यक्ति के वनस्पति के प्रति झुकाव व ज्ञान ने उसको एक स्थान पर रुकने का मौका दे दिया। मानव रुका कृषी किया, कुत्ते मानव के दोस्त बने, कृषी से उत्पादन हुआ, अब यह प्रश्न उठा कि आखिर अनाज को रखा कहाँ जाये? यही दौर था जब मृदभाण्डों के निर्माण की जरूरत पड़ी। खाने के लिये, जल रखने के लिये आदि बर्तन की आवश्यकता हुई। इसी कारण से मानव ने मिट्टी के बर्तनों का निर्माण करना शुरू किया। मृदभाण्ड मानव जीवन मे करीब 10,000 सालों से मौजूद हैं, इन्ही के आधार पर विभिन्न कालक्रमों को विभाजित भी किया जाता है। प्राचीनतम् साक्ष्यों की बात की जाये तो नव पाषाणकाल में बने बर्तन प्रमुख हैं। नव पाषाणकाल के प्रमुख पुरास्थलों में बुर्जहोम, मेहरगढ़, झूसी आदि हैं जहाँ से बड़े पैमाने पर मानव के शुरुआती बसाव की प्रक्रिया व उससे जुड़ी पुरासम्पदायें प्राप्त हुई हैं। मृदभाण्ड उन तत्वों में से एक है जिसने मानव के विकास क्रम को नज़दीक से देखा है। शुरुआती समय मे मृदभाण्ड मानव के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण जरूरतों मे से एक था। यही कारण है कि हमे मृदभाण्डों के विभिन्न स्वरूप पूरे भारत मे दिखाई देते हैं जैसे नव पाषाणकाल में हाथ के बने मृदभाण्ड, महाश्मकाल, हड़प्पाकालीन मृदभाण्ड आदि। इन सबके अलावा कुछ अत्यन्त विशिष्ट प्रकार के मृदभाण्ड जैसे काली चमकीली मृदभाण्ड, चित्रित धूसर मृदभाण्ड, और गेरू चित्रित मृदभाण्ड आदि हैं जो उस समय के मृदभाण्ड बनाने की कला व विविधिताओं को दर्शाते हैं। रामपुर जिस भुः भाग पर बसा है वह स्थान चित्रित धूसर मृदभाण्ड व काली चमकीली मृदभाण्ड के लिये जाना जाता है। समय के साथ-साथ मिट्टी के बर्तनों का स्थान धातु के बर्तनो ने ले लिया परन्तु कुछ विशेष कारको के चलते मिट्टी के बर्तन वर्तमान समय तक मानव जीवन मे अपना स्थान बनाए रखने में सफल रहें। आज भी भारत के ग्रामीण इलाकों मे मृदभाण्डों का वृहद प्रयोग होता है, शहरों मे मृदभाण्डों का प्रयोग या तो पानी रखने या फिर सजावट के लिये किया जाता है। भारत के विभिन्न भागों मे अलग-अलग प्रकार के मृदभाण्ड पाए जाते हैं जो कि मुख्यरूप से वहाँ कि लोक कला, मिट्टी के प्रकार व उनको पकाने के उपर निर्धारित करते हैं। जैसे हड़प्पा व अन्य काल में मिट्टी के खिलौने बनाये जाते थे आज भी वह परंपरा कई स्थानों पर देखने को मिल जाती है। विभिन्न मेंलों में आज भी मिट्टी के बने खिलौने दिखाई देतें हैं जो प्राचीनकाल के खिलौनों व मूर्तियों से मिलते जुलते हैं। 1. एन आउटलाइन ऑफ़ इण्डियन प्रीहिस्ट्री: डी.के भट्टाचार्य । 2. राकेश तिवारी, प्रागधारा 18, उत्तर प्रदेश, प्रदेश पुरातत्व विभाग। 3. इवोल्यूशन ऑफ़ लाईफ: एम. एस. रन्धावा, जगजीत सिंह, ए.के. डे, विष्णु मित्तरे।


RECENT POST

  • आइए समझते हैं, भारत में एफ़िलिएट मार्केटिंग, इसके प्लेटफ़ॉर्मों और जोखिमों के बारे में
    संचार एवं संचार यन्त्र

     15-01-2025 09:28 AM


  • पंचांग की 12 संक्रांतियों में से, सबसे शुभ मानी जाती है मकर संक्रांति
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     14-01-2025 09:23 AM


  • भारत में, पोल्ट्री उद्योग के व्यापक विस्तार के बावजूद, इसका विकास है ज़रूरी
    पंछीयाँ

     13-01-2025 09:24 AM


  • आइए देखें, मकर संक्रांति से जुड़े कुछ चलचित्र
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     12-01-2025 09:27 AM


  • क्या है सामान नागरिक संहिता और कैसे ये, लोगों के अधिकारों में लाएगा बदलाव ?
    सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

     11-01-2025 09:23 AM


  • आइए जानें, दुनिया भर में हिंदी बोलने वाले देशों और उनकी सांस्कृतिक विविधताओं के बारे में
    ध्वनि 2- भाषायें

     10-01-2025 09:29 AM


  • आइए नज़र डालें, क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार से संबंधित कुछ जोखिमों पर
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     09-01-2025 10:23 AM


  • भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में है लंबित अदालतीं मामलों की समस्या
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     08-01-2025 09:21 AM


  • कैसे एक चक्रीय अर्थव्यवस्था, वैश्विक प्लास्टिक व्यापार को और बेहतर बना सकती है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     07-01-2025 09:39 AM


  • परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से प्राप्त स्वच्छ ऊर्जा की, क्या कीमत चुकाई जा रही है ?
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     06-01-2025 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id