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भारत एक ऐसा देश है, जहां सब्जियों की एक विस्तृत विविधता देखने को मिलती है, तथा इन्हीं
सब्जियों में से एक सब्जी बैंगन की भी है।वैज्ञानिक तौर पर सोलेनम मेलोंगेना (Solanum
melongena) नाम से प्रसिद्ध इस खाद्य फल को दुनिया भर में उगाया जाता है।सामान्य तौर
पर बैंगनी रंग के इस खाद्य फल का इस्तेमाल कई व्यंजनों में किया जाता है। हालांकि बैंगन में
सूक्ष्म और वृहद पोषक तत्वों की संख्या कम होती है, लेकिन मसालों, तेल और अन्य खाद्य
सामग्रियों को अवशोषित करने की इसकी क्षमता पाक कला में इसके उपयोग को विस्तार देती
है।
बैंगन की उत्पत्ति के संदर्भ में अभी तक किसी स्थान के बारे में सहमति नहीं जतायी गयी है,
किंतु माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी, जहां यह जंगली तौर पर बढ़ रहा है।
प्रागैतिहासिक काल के बाद से इसकी खेती दक्षिणी और पूर्वी एशिया (Asia) में की जा रही है।
बैंगन का पहला ज्ञात लिखित रिकॉर्ड क्यूई मिन याओ शू (Qi min yaoshu) में पाया जाता है,
जो एक प्राचीन चीनी कृषि ग्रंथ है।यह ग्रंथ 544ईस्वी में पूरा हुआ था।बैंगन को अनेकों अरबी
(Arabic) और उत्तरी अफ्रीकी (African) नाम दिए गए हैं, जो यह इंगित करते हैं कि इसे
शुरुआती मध्य युग में अरबों द्वारा भूमध्य क्षेत्र में उगाया गया था,जिन्होंने इसे 8 वीं शताब्दी
में स्पेन (Spain) में पेश किया। 12 वीं शताब्दी में इब्न अल-अवम द्वारा लिखी गयी एक कृषि
आधारित पुस्तक बैंगन को उगाने की विधि का वर्णन करती है। बैंगन को उगाने के रिकॉर्ड बाद
में मध्ययुगीन कैटलन (Catalan) और स्पेनिश में भी मौजूद हैं।16 वीं शताब्दी तक इंग्लैंड
(England) में बैंगन का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं था।
एक समय में यह माना जाता था कि यह पौधा बहुत जहरीला है। यदि इस पौधे की फूल और
पत्तियों को बड़ी मात्रा में उपभोग किया जाता है, तो यह जहरीला हो सकता है, क्यों कि इसमें
सोलानिन (Solanin) की अत्यधिक मात्रा पायी जाती है। लोक साहित्य में बैंगन का एक विशेष
स्थान है। 13 वीं शताब्दी की इतालवी पारंपरिक लोककथाओं के अनुसार बैंगन उन्माद का कारण
बन सकता है।
प्रसिद्ध वनस्पतिशास्त्री डीकंडोले(Decandolle) ने भारत का उल्लेख उस स्थान के रूप में किया
है,जहाँ बैंगन को प्राचीन काल से जाना जाता था और इसे एशिया का मूल निवासी माना जाता
था। एक अन्य प्रसिद्ध वनस्पति विज्ञानी वेवीलॉव(Vavilov) के अनुसार, बैंगन की उत्पत्ति इंडो-
बर्मा (Indo-Burma) क्षेत्र में हुई थी। वर्तमान समय में बैंगन विभिन्न क्षेत्रों में उगाया जा रहा
है, जिनमें भारत सहित जापान (Japan), इंडोनेशिया (Indonesia), चीन (China), बुल्गारिया
(Bulgaria), इटली (Italy), संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) और कई
अफ्रीकी(African) देश शामिल हैं। यह पौधा उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में
अच्छी तरह से उगता है।
एक अस्थिर गुणवत्ता के साथ, कच्चा बैंगन स्वाद में कड़वा हो सकता है, किंतु पकाए जाने पर
यह एक समृद्ध, जटिल स्वाद विकसित करता है।पकाने से पहले कटे हुए फलों को धोने, सुखाने
और नमकीन बनाने से कड़वाहट दूर हो सकती है। बैंगन खाद्य वसा और सॉस को अवशोषित
करने में सक्षम है, जो बैंगन के व्यंजनों के स्वाद को बढ़ा सकता है।बैंगन का उपयोग कई देशों
के व्यंजनों में किया जाता है। अपनी बनावट और संरचना के कारण इसे शाकाहारी व्यंजनों में
कभी-कभी मांस के विकल्प के रूप में प्रयोग किया जाता है।बैंगन का मांस चिकना होता है तथा
इसके कई बीज छोटे, मुलायम और खाने योग्य होते हैं, और इन्हें निकालने की आवश्यकता नहीं
होती है। इसकी पतली त्वचा भी खाने योग्य होती है, इसलिए इसे छीलना नहीं पड़ता है।
हालांकि, खाना पकाने के लिए बैंगन तैयार करते समय शीर्ष पर मौजूद हरे भाग को हटाना
पड़ता है।
कोरियाई (Korean) और जापानी बैंगन की किस्में आमतौर पर पतली त्वचा वाली होती हैं।चीनी
व्यंजनों में, बैंगन को क्यूज़ी (qiézi) के रूप में जाना जाता है।फिलीपींस (Philippines) में,
बैंगन की लंबी और पतली किस्में पायी जाती हैं और उन्हें टालोंग (Talong) के रूप में जाना
जाता है और व्यापक रूप से कई सूप व्यंजनों में उपयोग किया जाता है।कच्चे बैंगन में 92%
पानी, 6%कार्बोहाइड्रेट, 1%प्रोटीन और नगण्य वसा होती है।यह कम मात्रा में आवश्यक पोषक
तत्व प्रदान करता है।बैंगन के पौधे के परिवार में 75 जेनेरा और 2000 से भी अधिक प्रजातियां
शामिल हैं, जिनमें से 150 से 200 कंद वाले हैं।
भारत में पिछले 4,000 वर्षों से बैंगन की खेती की जाती रही है।इसकी खेती के वैश्विक क्षेत्र का
अनुमान 32 मिलियन टन के कुल उत्पादन के साथ 18.5 लाख हेक्टेयर है।भारत में इसकी
खेती के तहत 0.53 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र को आवरित किया गया है, तथा लगभग 8.7
मिलियन टन उत्पादन होता है।भारत में कुल सब्जी उत्पादन में 9% योगदान के साथ बैंगन की
खेती लगभग 8.14% सब्जी क्षेत्र को आवरित करती है। वहीं हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो
यह भारत में बैंगन के प्रमुख उत्पादकों में से एक है और बैंगन के लोंगे और बैगन के भर्ते जैसे
व्यंजनों का भी स्रोत है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3iCh3rE
https://bit.ly/3xBMMgO
https://bit.ly/3yD7Ogn
चित्र संदर्भ
1. बिक्री के लिए रखे गए विभिन्न बहुरंगी बैंगनों का एक चित्रण (flickr)
2. बैंगन के खेत का एक चित्रण (flickr)
3. जापानी सेइकी जुसेत्सु (Japanese Seiki Jusetsu) कृषि विश्वकोश से बैगन की विभन्न किस्मों का एक चित्रण (wikimedia)