रामपुर मुरादाबाद मंडल का सबसे छोटा ज़िला है| इसका कुल क्षेत्रफल 2,35,726 हेक्टेयर है| यहाँ 6611 हेक्टेयर जंगल और 213 हेक्टेयर कृषियोग्य खाली ज़मीन है| राजमार्ग 24 के पास स्थित रामपुर शहर राजधानी दिल्ली से 185 किलोमीटर दूर है| यह 78.54 पूर्वी देशान्तर और 28.25 उत्तरी अक्षांश तथा समुद्र तल से 192 मीटर पूर्व और 166.4 मीटर उत्तर में स्थित है| विश्व की वनस्पतियों को प्रमुख दो भागों में वर्गीकृत किया गया है-
1- संवहनी वनस्पतियाँ, तथा
2- असंवहनी वनस्पतियाँ।
संवहनी वनस्पतियाँ वह वनस्पतियाँ होती हैं जो प्रकाश संश्लेषण करती हैं तथा इन वनस्पतियों में एंजियोस्पर्म (आवृत्तबीजी) और जिम्नोस्पर्म (अनावृत्तबीजी) दोनो आते हैं जैसे- आम, इमली कनेर, बबूल आदि। असंवहनी वनस्पतियाँ वह होती हैं जो की पानी के अंदर तथा जमीन के उपर कालीन की तरह फैली होती हैं उदाहरणतः काई, शैवाल आदि।
वर्गों के बाद वनस्पतियों को विभिन्न परिवार, नस्ल, श्रेणी व पीढ़ी के अनुसार विभाजित किया गया है। हर एक नस्ल एक प्रकार की वनस्पति का प्रतिनिधित्व करती है। वनस्पतियों का विभाजन उनके उत्पाद पर भी किया जाता है जैसे बीज से उत्पादित होने वाली वनस्पतियाँ व बीजाणु(बीजाडू) से उत्पादित होने वाली वनस्पतियाँ।बीजाड़ु से उत्पादित होने वाली वनस्पतियों में शैवाल, काई, पर्णांग आदि हैं।
बीज से उत्पादित होने वाली वनस्पतियों को दो विभाग में विभाजित किया गया है-
1- अनावृत्तबीजी तथा 2- आवृत्तबीजी।
अनावृत्तबीजी- इस प्रकार की वनस्पतियाँ प्रमुख रूप से गैर पुष्पीय वनस्पतियाँ होती हैं तथा ये नग्न बीज का उत्पादन करती हैं। अनावृत्तबीजी वनस्पतियों कि विश्व भर में करीब 700 नस्लें पायी जाती हैं। साईकेड, गिंकगो और शंकुधर वृक्ष, ताड़ आदि अनावृतबीजी प्रकार की वनस्पतियाँ हैं।
आवृत्तबीजी- ये वनस्पतियाँ पुष्पीय होती हैं तथा इनके बीज, फल या किसी खोल में होते हैं जैसे आम। आवृत्तबीजी वनस्पतियों कि विश्वभर में करीब 2 लाख 50 हजार नस्लें पायी जाती हैं।
रामपुर में संवहनी व असंवहनी दोनो प्रकार की वनस्पतियाँ पायी जाती हैं। जलीय स्थानों की अधिकता के कारण यहाँ असंवहनी वनस्पतियों में शैवाल, काई आदि पायी जाती हैं। संवहनी पौधों के दोनो वर्गों कि यहाँ पर वनस्पतियाँ पायी जाती हैं। अनावृत्तबीजी कि रामपुर में ताड़ व इस परिवार से सम्बन्धित वनस्पतियाँ रामपुर में नदियों के किनारे पायी जाती हैं। आवृत्तबीजी प्रकार से सम्बन्धित वनस्पतियों में अर्ध-जलीय व जलीय वनस्पतियों की करीब 108 नस्लें जो 76 पीढ़ी व 35 परिवार से सम्बन्धित हैं यहाँ पायी जाती हैं। इन वनस्पतियों में कुमुदनी, जलकुंभी, कंद आदि आती हैं। रामपुर में आम, बबूल, जामुन, नींबु, शीशम, चिलबिल, कैंत, तूत, कटहल, अमरूद आदि आवृत्तबीजी वनस्पतियाँ बड़ी संख्या में पायी जाती हैं। आवृत्तबीजी प्रकार से ही सम्बन्धित लकड़ी लताओं की 24 नस्लें जो की 12 परिवार से सम्बन्धित हैं पायी जाती हैं।
1. ए सर्वे ऑफ़ इंडिजीनस सेमी-एक्वेटिक एण्ड एक्वेटिक एंजियोस्पर्म बायोडायवर्सिटी ऑफ़ डिस्ट्रिक्ट जौनपुर, उत्तरप्रदेश, ए.त्रिपाठी, जी.के. द्विवेदी, ओ.पी. सिंह।
2. स्टडीज़ ऑन द स्पिसीज डाइवर्सिटी, एण्ड फाइटोसोशियोलॉजिकल इंपॉर्टेंस ऑफ़ वुडी क्लाइंबर्स ऑफ़ डिस्ट्रिक्ट जौनपुर, उत्तरप्रदेश, जी.के. द्विवेदी, ए.त्रिपाठी, अरविंद कुमार सिंह।
3. एक्सप्लोरेशन ऑफ़ फ्लोरेस्टिक कम्पोज़ीशन एण्ड मैनेजमेंट ऑफ़ गुजर ताल इन डिस्ट्रिक्ट जौनपुर, मयंक सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह।
4. सी. डैप रामपुर।
5. नेशनल वेटलैंड उत्तरप्रदेश।
6. http://culture.teldap.tw/culture/index.php?option=com_content&view=article&id=800
7. http://www.checklist.org.br/getpdf?SL115-08