ईद अल-अधा या बकरीद इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसमें एक जानवर (बकरी, भेड़
या ऊंट) को मारकर मांस को तीन बराबर भागों में बांटा जाता है। एक भाग को परिवार के लिए, दूसरा
भाग रिश्तेदारों के लिए और तीसरा भाग गरीब लोगों के लिए रखा जाता है। इसमें यह सुनिश्चित किया
जाता है, कि प्रत्येक मुसलमान को मांस खाने को मिले। यह उत्सव भक्ति, दया और समानता का स्पष्ट
संदेश देता है। हालाँकि, ईद अल-अधा में बलिदान का उद्देश्य केवल अल्लाह को संतुष्ट करने के लिए
खून बहाना ही नहीं होता है। यह भक्तों द्वारा सबसे प्रिय वस्तु को त्यागने के बारे में है, ताकि ईद
अल-अधा के संदेश को आगे बढ़ाया जा सके। दूसरे शब्दों में, एक जानवर के बलिदान के अलावा कुछ
और चीजों का बलिदान दिया जा सकता है, जैसे धन या सामुदायिक सेवा पर खर्च किया गया समय।
बकरीद के दिन इस्तेमाल किए जाने वाले पशुओं का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए, उनमें कोई विकलांगता
नहीं होनी चाहिए। बकरी और भेड़ कम से कम एक साल का तथा ऊंट को पांच साल का होना चाहिए।
पूरे विश्व में तथा भारत के विभिन्न शहरों में ईद अल-अधा बहुत धूम-धाम से तथालग-अलग तरीकों से
मनाया जाता है।
इस अवसर पर अमेरिका (America) में रह रहे मुसलमानों की दिन की शुरूआत प्रार्थना
से होती है। लोग अपने परिवार के सदस्यों तथा दोस्तों से मिलते हैं और एक दूसरे को उपहार भेंट करते
हैं। मारे गए जानवर के मांस को जरूरतमंद लोगों के साथ बांटा जाता है।
यूरोप (Europe) में बर्मिंघम(Birmingham) को मुसलमानों का सबसे बड़ा सम्मेलन केंद्र माना जाता
है, तथा इसे ब्रिटेन (Britain) का पाकिस्तान (Pakistan) भी कहा जाता है। सभी मुसलमान इस दिन
यहां एकत्रित होकर विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हैं। मिस्र (Egypt) में, ईद अल-अधा को ईद अल-
किब्र के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन यहां लोग सुबह जल्दी जागकर प्रार्थना के लिए स्थानीय
मस्जिदों में जाते हैं, जहां उपदेशों के बाद लोग अपने दोस्तों और प्रियजनों से मिलते हैं और एक दूसरे
की सलामती के लिए प्रार्थना करते हैं। मक्का (Mecca) में इस उत्सव को चार दिनों तक मनाया जाता
है, क्यों कि यह वार्षिक तीर्थयात्रा के अंत का प्रतीक है।यहां लोग इस अवसर पर एक दूसरे को
उपहार भेंट करते हैं तथा प्रार्थनाओं और दावतों का आयोजन करते हैं। मोरक्को (Morocco) में इस दिन
गाय, भेड़ आदि की बली दी जाती है तथा उसे गरीब लोगों में बांटा जाता है। लोग प्रार्थना सेवाओं और
धर्मोपदेशों के लिए अपने घर के पास स्थित मस्जिदों में जाते हैं, तथा बाद में एक-दूसरे के घर में जाकर
एक साथ भोजन करते हैं। बांग्लादेश (Bangladesh)में इस पर्व को 'कुर्बानिर ईद' के नाम से भी जाना
जाता है। यहां सुन्नी मुस्लिमों द्वारा पशु बलि को एक अनिवार्य धार्मिक कर्म माना जाता है। बलि में
ऐसे पशु को इस्तेमाल किया जाता है, जो पूरी तरह से स्वस्थ हो। बलि के लिए आम तौर पर
गायों, बकरियों और भैंसों को चुना जाता है। इस दिन यहां ज्यादातर स्थानीय दुकानें बंद रहती हैं।
पाकिस्तान (Pakistan)में भी इस दिन पशु की बलि दी जाती है तथा उसे दोस्तों, परिवार और गरीबों में
बांटा जाता है।
भारत में भी ईद को मनाने के विभिन्न तरीकें हैं। लखनऊ में लोग यहां के प्रसिद्ध डाइनिंग स्पॉट
(Dining spot) पर जाते हैं और मटन से बने व्यंजनों का सेवन करते हैं।मुंबई के हाजी अली दरगाह में
बकरीद के मौके पर भक्तों की एक बड़ी कतार लगी होती है, जो ईद की नमाज़ अदा करने यहां आते
हैं।पुरानी दिल्ली या पूरे चांदनी चौक क्षेत्र की बात करें, तो यहां बकरीद की रौनक देखने लायक होती है।
जामा मस्जिद के आसपास के क्षेत्रों में मुगलई व्यंजनों को विशेष महत्व दिया जाता है।इस पर्व के दौरान
पूरा हैदराबाद बहुत अच्छी तरह से सजा होता है।चारमीनार में शाम को प्रार्थना सभाएं आयोजित की
जाती हैं।
वर्तमान समय में फैली कोरोना महामारी ने हर उत्सव की तरह बकरीद के उत्सव को भी बुरी तरह
प्रभावित किया है। जहां महामारी से पहले इस उत्सव के दौरान लोगों की भीड़ बाजारों में होती थी, वहीं
महामारी के कारण वह रूप नहीं दिखाई दे रहा है, जो पहले कभी दिखाई देता था। महामारी से सुरक्षा
प्रदान करने के लिए बकरीद को मनाने के दूसरे तरीकें अपनाए गए हैं।पिछले वर्ष की तरह इस बार भी
पारंपरिक बकरी बाजार के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग किया जाएगा। पारंपरिक बकरी बाजार के
लिए व्हाट्सएप ग्रुप से लेकर कई वेबसाइटें बनाई गयी हैं, जिससे बकरियों की ऑनलाइन बिक्री संभव हो
पाई है। ऑनलाइन बाजार में 8000 रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक की कीमत वाले पशु उपलब्ध
हैं।खरीदारों का मानना है, कि ऑनलाइन बाजार के माध्यम से उन्हें सस्ती दर पर अच्छी गुणवत्ता वाले
जानवर मिल रहे हैं तथा उन्हें एक्सचेंज और रिफंड (Exchange and Refunds) की सुविधा भी प्राप्त
है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3kzQhBE
https://bit.ly/3rlb8tE
https://bit.ly/3zeSW7S
https://bit.ly/3iuGJoL
https://bit.ly/3BkAbkX
https://bit.ly/3z8xe5c
चित्र संदर्भ
1. भारतीय मुसलमानों का ईद अल-अधा के दौरान नमाज अदा करते हुए एक चित्रण (flickr)
2. बकरीद पर कुर्बानी के लिए स्वस्थ बकरी का एक चित्रण (flickr)
3. अंलखनऊ की मुस्लिम महिलाएं ईदगाह पर पहली बार अदा करेंगी ईद की नमाज, चित्रण (youtube)
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