ग्रिजली (Grizzly) या भूरे रंग के एक बड़े भालू के कंधे में सामान्य तौर पर एक कूबड़ जैसी संरचना होती है, किंतु यह संरचना काले रंग के भालू में नहीं होती। इनके भूरे रंग का मजल (Muzzle - नाक और मुंह सहित चेहरे का प्रक्षेपित भाग) विशिष्ट होता है। उनके पंजे मजबूत घुमावदार होते हैं, जो उन्हें आसानी से पेड़ों पर चढ़ने की अनुमति देते हैं। पेड़ पर चढ़ने वाले अन्य स्तनधारियों, जो नीचे उतरते समय पहले सिर को आगे बढ़ाते हैं, के विपरीत काला भालू अपने पिछले पैरों के सहारे पेड़ से नीचे उतरता है। काले भालू सर्वाहारी होते हैं तथा जामुन, जड़ें, घास और अन्य पादप पदार्थ, कीड़े, कैरियन (Carrion) आदि खाते हैं। काले भालू चढ़ाई चढ़ने में उत्कृष्ट होते हैं और चढ़ने के लिए अपने चारों पैरों का उपयोग करते हैं। वे अपने शरीर को पीछे के पैरों की मदद से ऊपर उठाते हैं, तथा आगे के पैरों की मदद से अपनी पकड़ बनाते तथा शरीर को खींचते हैं। कुछ इसे इतनी जल्दी करते हैं, कि ऐसा लगता है कि वे पेड़ पर चल रहे हैं। अमेरिकी (American) काले भालू के पंजे हुकनुमा होते हैं, जिससे उन्हें पेड़ को पकड़ने में मदद मिलती है। भूरे भालू आमतौर पर बहुत भारी होते हैं, और अपने आगे और पीछे के पैरों का उपयोग करके खुद को पेड़ पर चढ़ा नहीं सकते, इसलिए वे पेड़ पर चढ़ने के लिए शाखाओं का उपयोग करते हैं। वे शाखाओं का उपयोग सीढ़ी के रूप में करते हैं। भूरे भालू अधिक नीचे झुकी शाखाओं वाले पेड़ों पर चढ़ सकते हैं। भारत में भालू की चार प्रजातियां मौजूद हैं, जिनमें एशियाई काला (Asiatic Black) भालू, स्लोथ (Sloth), सन (Sun) और हिमालयी भूरा (Himalayan Brown) भालू शामिल हैं। आइए, इन दो वीडियो के जरिए देखते हैं, कि एक काला भालू पेड़ पर कैसे चढ़ता है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3pKRLJA
https://bit.ly/2TmE9Ir
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