प्रकृति ने अपने स्वभाव के अनुरूप हमें जानवरों और पक्षियों के रूप में सुंदर उपहार दिए हैं, परंतु मानव भी अपने स्वभाव के अनुरूप मुफ्त में मिले उपहारों कि कीमत नहीं समझ पा रहा है। यही कारण है कि ब्लैक-बेल्ड टर्न (Black-bellied tern) जैसे पक्षी जो कभी बेहद आम थे,आज वह विषम परिस्थितियों के कारण दुर्लभ पक्षियों कि श्रेणी में आ गए हैं, और लगभग विलुप्त हो चुके हैं। दुर्भाग्य से इन्हें संरक्षित करने कि आवश्यकता पड़ रही है।
ब्लैक-बेल्ड टर्न भारतीय उपमहाद्वीप की विशाल नदियों के किनारों पर पाया जाने वाला एक पक्षी है, यह भारत समेत पाकिस्तान और नेपाल के कुछ तराई क्षेत्रों में भी पाया जाता है। यह पक्षी आमतौर काला लेकिन पंखों से सफ़ेद रंग का होता है। इसकी चोंच, नारंगी अथवा पीले रंग की तथा इसकी पूँछ कांटेदार होती है। पंख लंबे, पतले और नुकीले होते हैं, तथा छाती के पास का रंग हल्का भूरा होता है। इसकी लम्बाई 13 से 14 इंच तक हो सकती है। इनकी शारीरिक विशेषताएं (मुख्य रूप से रंग), मौसम अथवा प्रजनन काल के दौरान बदलते रहते हैं। इनका प्रजनन काल आमतौर पर फरवरी से अप्रैल माह के बीच होता है। यह पक्षी आमतौर पर 730 मीटर (2,400 फीट) की ऊँचाई पर दलदलों और नदियों में रहना पसंद करते हैं। चूँकि इसके पंख लम्बे होते हैं, परंतु फिर भी यह धीमा उड़ते हैं। सामान्यतः यह पानी और दलदली कीड़े - मकोड़े और छोटी मछलियों को खाते हैं, और नदियों के निकट ही रेतीली जमीन पर इनके घोंसले भी होते हैं, जिनमे यह अंडे भी देते हैं। यह कुछ अन्य पक्षियों रिवर टर्न (स्टर्ना औरांटिया) River Tern (Sterna aurantia), प्रिटिनकोल (ग्लेरियोला एसपीपी) Pratincol (Glariola spp) और भारतीय स्किमर्स (रिनचोप्स एल्बिकोलिस) skimmers (Rhynchops albicolis) के साथ भी घोंसला बनाकर रह सकते हैं।
अपनी ढेरों विशेषताओं के बावजूद यह पक्षी बेहद दुर्लभ है, जिसके संरक्षण के लिए इसे अंतर्राष्ट्रीय संघ द्वारा लुप्तप्राय श्रेणी के पक्षी में वर्गीकृत किया गया है। यह शानदार पक्षी विलुप्ति कि कगार पर है, जिसका प्रमुख कारण बढ़ती मानव आबादी और इनके निवास स्थानों का दोहन है। इसे दक्षिणी चीन, नेपाल, थाईलैंड, लाओस, कंबोडिया और वियतनाम में पूरी तरह विलुप्त माना जाता है, हालाकि भारत, पकिस्तान और बांगलादेश में इनकी प्रजाति स्थिर मानी जाती है, परंतु दुर्भाग्य से इन देशों में भी इसकी प्रजाति विलुप्ति कि कगार पर है। उत्तर प्रदेश में भी इस दुर्लभ प्रजाति की एक चिड़िया की उपस्थिति दर्ज की गई। इनकी अनुमानित संख्या हजार से भी कम मानी जा रही है। दरअसल अस्तित्व में बने रहे के लिए इस प्रजाति को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
1. विभिन्न द्वीपों पर रेत के गड्ढों का क्षरण (रेत और मिट्टी का खनन)।
2. इनके अंडो और चूजों को कुत्ते , बिल्ली, कौवे इत्यादि, अपना शिकार बना लेते हैं।
3. मछुआरों द्वारा लगाए गए जाल में भी कई बार यह फंस जाते हैं।
4. नदियों पर बांध बनाये जाने और बेहिसाब निर्माण कार्यों के कारण भी इनके निवास स्थल सीमित हो गए हैं।
5. अचानक आने वाली बाढ़ में इनके अंडे और घोंसले भी बह जाते हैं।
6. बढ़ता जल और पर्यावरण प्रदूषण भी इनकी विलुप्ति का प्रमुख कारण है।
हालाँकि यह प्रजाति विलुप्ति के बेहद करीब है, परंतु भारत और पाकिस्तान जैसे देशों के तटीय क्षेत्रों में यह अभी कि सीमित संख्या में पाए जाते हैं। अतः यह उचित अवसर है, कि इनका संरक्षण किया जाय। दरसल किसी भी जीव अथवा पक्षी का संरक्षण हमारे पर्यावरण की पारिस्थितिकी को संतुलित करने के लिए अति आवश्यक होता है। ब्लैक-बेल्ड टर्न जेसे दुर्लभ पक्षी के संरक्षण हेतु मानवीय स्तर पर अनेक उपाय अपनाये जा सकते हैं।
1. चूँकि यह एक संरक्षित पक्षी है, इसलिए सरकारों द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा सकता है, जीससे मछुआरों में इनके संरक्षण प्रति जानकारी बढ़ेगी।
2. नदियों के तट पर निर्माण कार्यों को संतुलित रूप से चलाया जा सकता है, अथवा ठोस नियम भी बनाये जा सकते हैं। क्यों की हम सभी इस बात को अवश्य जानते हैं कि, “अंधाधुंन निर्माण अन्य जलीय जीवों के लिए भी हानिकारक हो सकता है। “
3. पशु पक्षी संबंधी संस्थान आगे आकर, इनके संरक्षण कि जिम्मेदारी ले सकते हैं, तथा सरकारों द्वारा इनके संरक्षण पर प्रोत्साहन राशी भी प्रदान कि जा सकती है।
4. अन्य कई जीव जंतुओ कि भांति यह भी पर्यावरण प्रदूषण के शिकार है, अतः हम में से प्रत्येक व्यक्ति अपने स्तर पर पर्यावरण की रक्षा कर अपने-अपने स्तर पर इनके संरक्षण हेतु भूमिका अदा कर सकता है।
5. इनकी विलुप्ति का सबसे बड़ा कारण लोगों में जानकारी का अभाव है, अतः हम सभी उक्त लिखित लेख और इस पक्षी से सम्बंधित अन्य लेखों को इंटरनेट पर साझा कर सकते हैं, और लोगो में इस शानदार जीव के प्रति जागरूकता ला सकते हैं।
संदर्भ
https://bit.ly/3itTGAW
https://bit.ly/3zbu2ql
https://bit.ly/3zfZzrl
चित्र संदर्भ 1. ब्लैक-बेल्ड टर्न पक्षी का एक चित्रण (flickr)
2. ब्लैक-बेल्ड टर्न पक्षी का एक चित्रण (wikimedia)
3. दलदली जमीन पर बैठे ब्लैक-बेल्ड टर्न का एक चित्रण (flickr)