कोविड 19 COVID 19 के बाद कैसे होंगे हमारे संग्रहालय

रामपुर

 17-05-2021 09:48 PM
द्रिश्य 2- अभिनय कला वास्तुकला 1 वाह्य भवन

अपनी वर्तमान स्थिति से सीख कर ही भविष्य् को सुधारा जा सकता है, फिर चाहे वह किसी भी प्रकार की परिस्थिति क्योंख न हो। वर्तमान में संपूर्ण विश्वे कोविड-19 महामारी के संकट से जूझ रहा है और वर्तमान स्थिति को देखते हुए अनुमान लगाए जा रहे हैं कि अब यह हमारे दैनिक जीवन का हिस्साम बन गया है और काफी लम्बेु समय तक हमारे बीच ही रहने वाला है। अत: अब हमें भविष्यम की तैयारी ऐसी करनी होगी जिससे हम कोविड-19 महामारी या इस प्रकार की अन्यम कोई भी महामारी आए तो समाज को इतनी बुरी तरह आहत करके न जाए। कोविड-19 का सर्वोत्त‍म उपचार सामाजिक दूरी है जिसे ध्यारन में रखते हुए डिजाइनर (designers) एवं वास्तु कार (architects) इस प्रकार की इमारतें बनाने की सोच रहे हैं जिससे कि सामाजिक दूरी बनाई रखी जा सके और रोगाणु एवं बीमारी के प्रसार को कम किया जा सके। उदाहरण के लिए, स्कूल को सीखने की हब शैली (learning hub style) की ओर अग्रसर किया जा सकता है, जहां छात्र छोटे समूहों में इकट्ठा होते हैं और इसमें स्कूल की इमारत की दीवारें इतनी महत्वपूर्ण नहीं रह जाती हैं। हवाई अड्डे के टर्मिनलों (terminals) के आकार में वृद्धि करने की संभावना है, सुरक्षा चौकियों को बढ़ाना होगा, जिससे सभी यात्रियों को एक ही स्थान से गुजरना न पड़े और सामजिक दूरी का पालन हो सके। किराने की दुकानों में व्य क्तिगत स्तएर पर जांच की लाइनें समाप्त हो सकती हैं, क्योंहकि दुकानें ग्रैब-एंड-गो मॉडल (grab-and-go model) अर्थात अपना सामान स्व्यं लें ओर जाएं, मॉडल (model) की ओर बढ़ रही हैं, इसमें आपके द्वारा लिए गए सामान ट्रैक (track) और स्कै न (scan) किए जाते हैं, जैसे ही आप अपना सामान लेकर दुकान से बाहर निकलते हैं आपसे भुगतान ले लिया जाता है।अस्पतालों के लिए वास्तुभकार विचार कर रहे हैं कि अधिकांश सतही क्षेत्रों में तांबे और चांदी का प्रयोग किया जाए क्योंएकि वायरस इन धातुओं में लंबे समय तक जीवित नहीं रह सकते हैं, दरवाजों, लाइट और कचरे के डिब्बेओ के लिए ऐसी प्रोद्योगिकी का उपयोग किया जाए जिससे हा‍थों का उपयोग न करना पड़े।प्रतीक्षालय का खाका बदल दिया जाए; और मरीजों के आने से पहले ही यहां से अनावश्यक उपकरणों को निकाल दिया जाए। इसी प्रकार अब प्रश्नर उठता है कि हमारे भूत, भविष्यक और वर्तमान के संरक्षक संग्रहालय किस प्रकार के दिखेंगे? समाज में संग्रहालयों की भूमिका बदल रही है। अब स्थैतिक संस्थान, संग्रहालय स्व यं को अधिक संवादात्मक, दर्शक केंद्रित, समुदाय उन्मुख, लचीला, अनुकूलनीय और गतिशील बनने के लिए सुदृढ़ कर रहे हैं।ये ऐसे मंच के रूप में सांस्कृतिक हब बन गए हैं जहाँ ज्ञान के साथ रचनात्मकता मिलती है और यहाँ आगंतुक सह-सृजन, साझाकरण और सहभागिता भी कर सकते हैं।हर साल 18 मई को अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाता है जिसका उद्देश्यग लोगों के बीच संग्रहालयों के बारे में जागरूकता बढ़ाने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान,लोगों के बीच आपसी समझ, सहयोग और शांति के विकास के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
कोविड -19 महामारी के दौरान एक संग्रहालय में जाना विशेष रूप से जोखिम भरा प्रस्ताव नहीं हो सकता है। इस दौरान की जोखिम भरी गतिविधियों में टेक्सास मेडिकल एसोसिएशन (Texas Medical Association) ने संग्रहालयों को दस में से चार, या कम-मध्यम जोखिम पर दर पर रखा है। संग्रहालय सौभाग्य से पहले से ही एक महामारी के दौरान होने वाले स्वकच्छम स्थानों में से एक है, बी स्पोलिडोरो (Bea Spolidoro) के अनुसार, एक सु-प्रमाणित वास्तुकार (जिसका अर्थ है कि वह अपने डिजाइनों में सबसे आगे समाज के स्वास्थ्य और कल्याण को रखती हैं) और पिट्सबर्ग (Pittsburgh) में फिशर आर्किटैक्चरर (FisherARCHitecture) में यह सिद्धान्त है। उनके साथी, एरिक फिशर (Eric Fisher) ने चार साल तक रिचर्ड मेयर (Richard Meier) और पार्टनर्स (Partners ) के साथ गेट्टी संग्रहालय (Getty Museum) में काम किया, और पालोस वर्डेस आर्ट सेंटर (Palos Verdes Art Center ) के लिए उनकी शीर्ष पांच प्रतियोगिता प्रविष्टि को बहुत महत्वपूर्ण सफलता मिली।बी स्पोलिडोरो कहती हैं कि आप किसी संग्रहालय में कुछ भी छू नहीं सकते हैं, और [कला] संग्रहालय काफी शांत होते हैं।आपको यहां जोर से बोलने की आवश्यीकता नहीं होती है, जिससे आपके मुंह से अधिक कण प्रसारित नहीं होते हैं।यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि अध्ययनों से पता चला है कि केवल जोर से बोलने से ही कोविड-19 फैल सकता है।लेकिन प्रदर्शनी अनुभव, उपहार की दुकान और टिकटिंग (ticketing) प्रक्रिया के कुछ पहलुओं में निश्चित रूप से सुधार किया जा सकता है। यहां कुछ तरीके हैं जिनसे संग्रहालय का डिजाइन बदल सकता है क्योंकि हम एक कोविड की दुनिया के साथ जूझ रहे हैं। दुनिया भर के अधिकांश संग्रहालय पहले से ही ऑनलाइन या कियोस्क (kiosk) के माध्यम से टिकट खरीदने का अवसर प्रदान कर रहे हैं, और यह कुछ ऐसा नहीं है जो बदलेगा। संभवतः यह एक कोविड-19 की दुनिया में और भी लोकप्रिय हो जाएगा, इससे टिकट की लंबी लाइनों को समाप्ति किया जा सकता है। टिकट से तो लाइन को समाप्तस किया जा सकता है किंतु लॉबी (Lobby) में यह लाइन लगेगी इसलिए यह प्रयास किया जा सकता है कि इस लाइन को किसी खुले स्थायन पर लगवाया जाए या फिर जमीन पर 6 फीट की दूरी के निशान बनाए जाएं ताकि लोग एक दूसरे से उचित दूरी बनाकर रख सकें। उपहार की दुकानों में समानों को ऐसा लगाया जाए जिसे आगंतुक अनावश्यरक रूप से छू न सकें या फिर इन सामानों को ऑनलाइन बेचा जाए।कला और इतिहास संग्रहालयों में विशिष्ट प्रदर्शनी स्थान में बड़े खुले कमरे होते हैं, जहां प्रदर्शनी लगायी जाती है जिनमें प्रदर्शनी हेतु कलाकृतियां भरी होती हैं, भीड़ भाड़ वाले दिनों में यहां सामाजिक दूरी बनाए रखना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो जाता है। छह फुट की दूरी को ध्यान में रखने के लिए, प्रदर्शनियों और उनके लेआउट (layouts ) को फिर से बदलना होगा। स्पोलीडोरो (Spolidoro) एक भूलभुलैया डिजाइन अवधारणा (labyrinthine design concept) का उपयोग करने का सुझाव देता हैं।पूरी तरह से आभासी संग्रहालय बनाना एक भावी दृष्टिकोण है। बीमारी के संभावित संचरण से बचने के लिए संग्रहालय अपने पूरे संग्रह को ऑनलाइन (Online) रखने के विचार से मोहित हो सकते हैं, किंतु फिर इमारतों का क्या होगा? यह एक भण्डाैरण मात्र बनकर रह जाएंगी, इनको आर्थिक सहायता देने वाले अपने हाथ पीछे खींचने लगेंगे। इसलिए आवश्यैक है कि दोनों के मध्य् संतुलन बनाकर चला जाए।
इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ म्यूजियम (The International Council of Museums (ICOM)) समाज के विकास में संग्रहालयों की भूमिका के बारे में सार्वजनिक जागरूकता को प्रोत्साहित करने हेतु1977 से अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस संचालित कर रहा है। म्यूजियम एसोसिएशन (Museum association) ने 2013 में 'म्यूजियम 2020' की शुरुआत की ताकि इस क्षेत्र को अपने भविष्य के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इसका परिणाम था म्यूजियम चेंज लाइव्स (Museums Change Lives): संग्रहालयों के लिए एक घोषणापत्र जो स्पष्ट और सामाजिक प्रभाव को बढ़ाता है। संग्रहालय व्यक्तियों और समुदायों के जीवन को समृद्ध बनाते हैं, यह तर्क है कि ये एक न्यायपूर्ण समाज के निर्माण में मदद करते हैं और बदले में, उनके जीवंत और विविधता द्वारा समृद्ध होते हैं।अर्थात् यह दो-तरफा प्रक्रिया है जो कि संग्रहालयों और उनके समुदायों दोनों पर समान रूप से निर्भर है। समुदाय एक प्राचीन परिपाटी से जुडी संस्थां नहीं है वरन् यह एक जीवंत संस्थाू है। यहां की वस्तुएं दुनिया भर में व्यक्तियों, पीढ़ियों और समुदायों के बीच संबंध बना सकती हैं।प्रत्येसक वर्ष अंतराष्ट्री य संग्रहालय दिवस की एक विशेष थीम (Theme) होती है जैसे इस वर्ष की थीम है: द फ्यूचर ऑफ म्यूजियम: रिकवर एंड रीमेजिन (The Future of Museums: Recover and Re-imagine) अर्थात् भविष्य के संग्रहालय की पुनर्स्थापना एवं पूनर्कल्पना।इस विषय का उद्देश्य संग्रहालयों को उनके पेशेवरों और समुदायों को वर्तमान की सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों के लिए मूल्य निर्माण, सांस्कृतिक संस्थानों के लिए नए व्यापार मॉडल और अभिनव समाधान बनाने, कल्पना करने और साझा करने के लिए निमंत्रण देना है।

संदर्भ:
https://bit.ly/33zxVa1
https://bit.ly/3bhAphm
https://bit.ly/3tzkqBD
https://bit.ly/3o6jxPS
https://bit.ly/3ohzgvv

चित्र संदर्भ
1. संग्रहालय तथा कोविड टेस्ट का एक चित्रण (Unsplash)
2 .सार्वजानिक दूरी स्टीकर का एक चित्रण (Unsplash)
3 .निश्चित दूरी पर राखी कुर्सियों का एक चित्रण (Unsplash)


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