Post Viewership from Post Date to 22-Feb-2021 (5th day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2953 1326 0 0 4279

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

भारत के शहरीकरण को जनगणना शहर कैसे प्रभावित करते हैं?

रामपुर

 17-02-2021 09:06 AM
नगरीकरण- शहर व शक्ति
संपूर्ण भारत में, गाँवों का शहरीकरण तेजी से हो रहा है, जिसका एक परिमाण जनगणना से किया जाता है। 2001 और 2011 के बीच, जनगणना शहरों की संख्या 1,362 से बढ़कर 3,894 हो गई। 2011 की जनगणना द्वारा बताए गए 2,774 नए शहरों में, 2,532 नए जनगणना शहर और 242 सांविधिक शहर थे। जनगणना शहर ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें राज्य सरकारों द्वारा एक शहर के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन इनमें शहरी विशेषताएं (जिसमें, 5,000 की न्यूनतम जनसंख्या, गैर-कृषि गतिविधियों में लगे शहर में पुरुष मुख्य कामकाजी आबादी का कम से कम 75%, और और प्रति वर्ग किलोमीटर कम से कम 400 व्यक्तियों की जनसंख्या घनत्व शामिल है) होती हैं। एक रिपोर्ट (Report) में, भारत और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में जनगणना शहरों के उद्भव पर ध्यान केंद्रित करके शहरीकरण के रुझान और स्वरूप (जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी बस्तियों में बदल दिया गया है।) को समझा गया है। 1981-2001 के बीच, उत्तर प्रदेश में जनगणना कस्बों की संख्या 26 से बढ़कर 267 हो गई।
पिछले दशकों के दौरान, पूर्वी उत्तर प्रदेश में शहरी विकास के पैमाने और स्वरूप दोनों को तेजी से वृद्धि के चलते बदल दिया गया। कई अन्य क्षेत्रों की तरह, पूर्वी उत्तर प्रदेश में शहरी आबादी की वृद्धि ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि की तुलना में बहुत तेज थी। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में कृषि की प्रमुखता के बारे में आम धारणा के विपरीत, लगभग दो तिहाई ग्रामीण आय अब गैर कृषि गतिविधियों में उत्पन्न होती है। इसी तरह, यह देखना आश्चर्यजनक है कि भारत में विनिर्माण क्षेत्र में जोड़े गए मूल्य के आधे से अधिक का योगदान ग्रामीण क्षेत्रों में है। हालांकि, ग्रामीण भारत में गैर-कृषि क्षेत्र की प्रभावशाली वृद्धि ने श्रमिक उत्पादकता में सार्थक रोजगार लाभ या घटौती नहीं लाई है। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के परिवर्तनकाल को निर्देशित करने के लिए एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
भारत में शहरी विकास इन नए शहरी केंद्रों के उद्भव के स्वरूप पर काफी हद तक निर्भर करता है। छोटे शहरों में ग्रामीण-शहरी संपर्क को बेहतर बनाने और बाजार आधारित कृषि गतिविधि को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकती है। इसके अलावा, वे गैर-कृषि रोजगार को बढ़ावा देते हैं। नियोजित शहरी विकास के लिए जनगणना शहरों को वैधानिक शहरी स्थानीय निकायों में बदलने की आवश्यकता है। चौदहवें वित्त आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार, जनगणना कस्बों को वैधानिक शहरी स्थानीय निकायों में बदलने से राज्यों को केंद्रीय सहायता प्राप्त होती है। 2016 में, शहरी विकास मंत्रालय द्वारा राज्यों को जनगणना शहरों को वैधानिक शहरी स्थानीय निकायों में बदलने के लिए तत्काल और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया था।
आमतौर पर, राज्य जनगणना शहरों को वैधानिक शहरों के रूप में अधिसूचित करने के लिए अनिच्छुक हैं क्योंकि पूर्व शहरी स्थानीय निकायों का दर्जा देने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के लिए धन की आवश्यकता होती है। इसके कारण उभरते शहरी केंद्रों में भारी वृद्धि हुई है, और इनमें उन सुविधाओं और सेवाओं का अभाव है जो शहरी स्थानीय निकायों द्वारा शासित वैधानिक शहरों में मौजूद हैं। भारत की ग्रामीण-शहरी परिवर्तन को सामान्य नहीं किया जा सकता है क्योंकि विभिन्न बस्तियां रोजगार, कृषि की स्थिति और शहरों के निकटता के मामले में अंतर प्रदर्शित करती हैं। उनका सुझाव है कि इन क्षेत्रों को शहरी केंद्रों के रूप में माना जाना चाहिए और शहरी प्रशासन के दायरे में आना चाहिए।
संदर्भ :-
https://bit.ly/3pf9aby
https://bit.ly/37e3f0g
https://bit.ly/3jOzDLW
https://bit.ly/3pmqpHQ
चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को दिखाया गया है। (Aurora university online)
दूसरी तस्वीर रामपुर में ग्रामीण क्षेत्र को दर्शाती है। (प्रारंग)
तीसरी तस्वीर में रामपुर शहर दिखाया गया है। (प्रारंग)


***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id