Post Viewership from Post Date to 17-Feb-2021 (5th day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Email Instagram Total
2833 1609 0 0 4442

***Scroll down to the bottom of the page for above post viewership metric definitions

नहरें और उनका महत्व

रामपुर

 12-02-2021 11:02 AM
नदियाँ
हिंदी भाषा का ‘नहर’ शब्द हिब्रू (Hebrew) भाषा के ‘नह्र’ से आया है जिसका अर्थ है बहाव। नहरों का इतिहास प्राचीन मानवीय सभ्यताओं के इतिहास जितना पुराना है। मेसोपोटामिया (Mesopotamia) की सभ्यता में सबसे पहले नहरों का उपयोग कर यूफ्रिटीज (Euphrates) एवं टिगरिस (Tigris) नदियों को जोड़ा गया था।
दुनिया की प्रसिद्ध नहर स्वेज नहर (Suez Canal) के एक हिस्से को 520-510 ईसा पूर्व एक शासक डारियस प्रथम (Darius I) ने अपने जीते हुए क्षेत्र पर बनाया था जिसने नील नदी (Nile River) को लाल सागर (Red Sea) से जोड़ा था। सातवीं सदी में चीन में सूर्ई वंश (Sui Dynasty) ने ग्रैंड कैनाल (Grand Canal) से यांगसी (Yangtze) और येलो (Yellow) नदी को जोड़ा था। 12वीं से 17वीं सदी यूरोपीय नहरों का विकास हुआ। 18वीं सदी में एक इंजीनियर जेम्स ब्रिंडली (James Brindley) ने कोयले के परिवहन की लागत घटाने के लिए नहर बनाने का ढांचा तैयार किया जो नहरों द्वारा माल वाहन की ओर पहला और बेहद साहसी कदम था।

19वीं सदी से नहर निर्माण का आधुनिक दौर शुरू हुआ जिसमें असंभव से दिखने वाले कार्य स्वेज नहर (Suez Canal) का निर्माण हुआ। यह नहर भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) और लाल सागर (Red Sea) को जोड़ती है तथा आज भी कार्यरत है। बीसवीं सदी में स्वेज नहर से प्रेरणा लेकर ऐसी ही एक नहर पनामा नहर (Panama Canal) का निर्माण किया गया जिसमें प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) और अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean) को जोड़ा। नहरें भारत में सिंचाई का सबसे प्रमुख स्रोत हैं। जिन क्षेत्रों में कम उच्चावच, उपजाऊ मृदा, पानी का चिर स्थाई स्रोत एवं विशाल क्षेत्र है वहां नहर सिंचाई का एक बहुत अच्छा साधन है।
यहां भारत में मुख्यतः दो प्रकार की नहरें पाई जाती हैं बाढ़ जन्य नहरें और वार्षिक नहरें। बाढ़ जनक नहरें किसी नदी से जुड़ी होती हैं और इनके जल-प्रवाह पर कोई नियंत्रण (बांध आदि) नहीं होता। यह वर्षा ऋतु में नदियों में आने वाली बाढ़ के जल से भर जाती हैं और वर्षा ऋतु खत्म होते ही सूख जाती हैं। वार्षिक नहरें नियंत्रित होती हैं और इनके जल प्रवाह को वर्ष भर नियंत्रित कर रखा जा सकता है।
आज भारत में अधिकतर बाढ़ जन्य नहरों को वार्षिक नहरों में बदला जा चुका है ताकि इनका उपयोग बढ़ सके। भारत की कुछ प्रमुख नहरें हैं- सरहिंद नहर (Sirhind Canal) जो कि पंजाब और हरियाणा में है, राजस्थान की इंदिरा गांधी नहर (Indira Gandhi Canal), बिहार में त्रिवेणी नहर (Triveni Canal), उत्तर प्रदेश की शारदा नहर (Sharda Canal) और पश्चिम बंगाल की ईडन कैनाल (Eden Canal) आदि।
यहां एक करोड़ 58 लाख हेक्टेयर की भूमि की नहरों द्वारा सिंचाई होती है। जिसमें सबसे अधिक भाग (लगभग 60%) वाले राज्य हैं उत्तर प्रदेश पंजाब हरियाणा राजस्थान और बिहार। उत्तर प्रदेश में नहर सिंचाई का एक बहुत बड़ा स्रोत है। यहां वार्षिक नहरें रहती हैं जिन्हें बर्फ से ढके हिमालय पर्वत से वर्ष भर जल मिलता रहता है। परंतु फिर भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में कम वर्षा के कारण अच्छी फसल नहीं हो पाती है। इसलिए पानी की नियमित आपूर्ति के लिए यहाँ नहरों का निर्माण किया गया है। देश में नहरों से होने वाली सिंचाई का लगभग 31% क्षेत्र उत्तर प्रदेश का ही है। उत्तर प्रदेश की कुछ प्रमुख नहरें हैं ऊपरी गंगा नहर, निचली गंगा नहर, शारदा नहर, पूर्वी यमुना नहर, आगरा नहर और बेतवा नहर। मध्य तथा दक्षिणी भारत में नहरों से सिंचाई कराने वाले प्रमुख राज्य हैं- आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, उड़ीसा एवं तमिलनाडु।
जल मार्ग परिवहन के सबसे सस्ते मार्ग हैं और लगभग हर सभ्यता ने उसका उपयोग किया है। विश्व की हर बड़ी सभ्यता ने किसी नदी के किनारे ही जन्म लिया है और वहीं वे फली-फूली हैं, चाहे वह नील नदी के आस-पास बसी मिश्र की सभ्यता हो, यूफ्रिटीज़ और टिगरिस नदियों के पास बसी मेसोपोटामिया की सभ्यता या फिर सिंधु घाटी में बसी हड़प्पा सभ्यता।
पुराने समय में पानी में न डूबने वाले भारी वज़न के सामानों, जैसे लकड़ी के विशाल लट्ठों को किसी जलधारा में तैरा कर काफी दूर ले जाया जाता था। फिर यूरोपीय लोगों ने कोयले के परिवहन के लिए जलमार्गों का उपयोग करना शुरू किया। भारत में नदी का आवागमन के लिये उपयोग करना बहुत पुराना है। उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध शहर वाराणसी में गंगा नदी में नौकायन का एक अलग ही आकर्षण है।
आधुनिक समय में हर देश अंतर्राष्ट्रीय जलमार्गों के साथ-साथ अंतर्देशीय जलमार्गों को भी विकसित करने का प्रयास कर रहा है ताकि परिवहन की लागत में कमी आ सके। जलमार्ग पर्यावरण की दृष्टि से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे अन्य मार्गों की अपेक्षा कम प्रदूषण करते हैं।भारत में भी नदियों को नहरों से जोड़ कर कई जलमार्ग बनाए जा रहे हैं ताकि परिवहन सुगम और सस्ता हो सके। संदर्भ:
https://bit.ly/2MXvQA2
http://idup.gov.in/post/en/eastern-ganga-about
https://bit.ly/3tNYGTX
https://bit.ly/2OvsLHT
चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र में रामगंगा नदी को दिखाया गया है। (विकिमीडिया)
दूसरी तस्वीर में इटली में वेनिस की ग्रांड कैनाल को दिखाया गया है। (unsplash)
तीसरी तस्वीर उत्तर प्रदेश के नहरों को दिखाती है। (प्रारंग)
अंतिम तस्वीर में रामगंगा नदी को दिखाया गया है। (विकिमीडिया)


***Definitions of the post viewership metrics on top of the page:
A. City Subscribers (FB + App) -This is the Total city-based unique subscribers from the Prarang Hindi FB page and the Prarang App who reached this specific post. Do note that any Prarang subscribers who visited this post from outside (Pin-Code range) the city OR did not login to their Facebook account during this time, are NOT included in this total.
B. Website (Google + Direct) -This is the Total viewership of readers who reached this post directly through their browsers and via Google search.
C. Total Viewership —This is the Sum of all Subscribers(FB+App), Website(Google+Direct), Email and Instagram who reached this Prarang post/page.
D. The Reach (Viewership) on the post is updated either on the 6th day from the day of posting or on the completion ( Day 31 or 32) of One Month from the day of posting. The numbers displayed are indicative of the cumulative count of each metric at the end of 5 DAYS or a FULL MONTH, from the day of Posting to respective hyper-local Prarang subscribers, in the city.

RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id