क्या पूरी तरह से गोपनीय है, प्राइवेट ब्राउजिंग?

रामपुर

 09-01-2021 01:17 AM
सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

वर्तमान समय में प्राइवेट ब्राउजिंग (Private browsing) या निजी ब्राउजिंग, अनेकों वेब (Web) ब्राउज़रों, की एक महत्वपूर्ण विशेषता बन गया है, जिन्हें प्राइवेट टैब (Tab) और प्राइवेट विंडो (Window) आदि नामों से भी जाना जाता है। इन्हें इंटरनेट (Internet) का उपयोग करने वाली लगभग 20 प्रतिशत आबादी द्वारा उपयोग किया जाता है, जो गूगल क्रोम (Google chrome) के इंकॉग्निटो (Incognito) जैसी निजी ब्राउजिंग प्रणालियों से सम्बंधित है। दुर्भाग्य से, कई लोग इसका उपयोग अधूरी जानकारी के साथ कर रहे हैं, जो उनके लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि यह उन्हें सुरक्षा का झूठा दिलासा देता है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है, कि प्राइवेट ब्राउजिंग उपयोगी नहीं हैं। प्राइवेट ब्राउजिंग महत्वपूर्ण है, क्यों कि, इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि, एक निजी ब्राउज़र क्या करता है और क्या नहीं। उदाहरण के लिए, क्या आप जानते हैं कि, जब आप निजी मोड (Mode) में ब्राउज़ करते हैं, तब भी ब्राउज़िंग इतिहास को अधिकांश ब्राउज़र द्वारा देखा जा सकता है? इसके सम्बंध में अधिक जानकारी प्राप्त करने से पूर्व यह जान लेते हैं कि, आखिर प्राइवेट ब्राउजिंग होती क्या है और यह किस हद तक हमारे लिए उपयोगी है? सामान्यतः किसी चीज को खोजने के लिए जब हम अपने कंप्यूटर या मोबाइल में मौजूद ब्राउजर की मदद लेते हैं, तो हमारी कुछ जानकारी उस ब्राउजर द्वारा सेव (Save) कर ली जाती है। यह आपके ब्राउजिंग इतिहास, डाउनलोड (Download) की गई फ़ाइलों (Files) का इतिहास, सेव किए गये पासवर्ड (Passwords), ब्राउज़र एड्रेस (Address) आदि जानकारियों को संग्रहित कर लेता है, जिन्हें, हमारे डिवाइस (Device) का उपयोग करने वाले किसी भी अन्य व्यक्ति द्वारा खोजा जा सकता है। किंतु जब आप अपने ब्राउजर में निजी ब्राउजिंग जैसे गूगल क्रोम में इंकॉग्निटो मोड या इंटरनेट एक्सप्लोरर (Explorer) में इनप्राइवेट (Inprivate) ब्राउज़िंग का उपयोग करते हैं, तब आपके द्वारा उपयोग की जाने वाली साइट्स (Sites), लॉग इन (Log in) विवरण, प्रपत्र विवरण, आपके द्वारा खोजी गयी सूचनाएं, पासवर्ड, कैश (Cache) फ़ाइलें आदि को सेव नहीं किया जाता। इसके उपयोग के कई फायदें हो सकते हैं, जैसे वेब सर्फिंग (Surfing) के दौरान आप ट्रैक (Track) होने से बच सकते हैं, क्यों कि, यह हमारी कुकीज (Cookies) फ़ाइल, खोजा गया इतिहास, आदि को सेव नहीं करता। इसके अलावा, इसके उपयोग से आप अपनी निजी जानकारी जैसे पासवर्ड या विभिन्न प्रकार के अकाउंट (Account) की जानकारी को चोरी होने से बचा सकते हैं, एक ही समय में कई ई-मेल (Email) अकाउंट का उपयोग कर सकते हैं, अपनी खोजी गयी चीजों के इतिहास को छिपा सकते हैं आदि। 2017 में किए गये सर्वेक्षण के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 67% लोग निजी ब्राउज़िंग के बारे में जानते थे। इनमें से 20.1% लोग निजी ब्राउज़िंग का उपयोग करते थे, जिसका मतलब है कि, निजी ब्राउज़िंग मोड के बारे में जानने वाले तीन (35%) लोगों में से एक इसका उपयोग करता है। इस सर्वेक्षण में अधिकांश लोगों (48%) ने इस सवाल का जवाब देने से इनकार किया कि, वे निजी ब्राउज़िंग का उपयोग क्यों करते हैं? लगभग 37.2% लोग ज्यादातर इसका इस्तेमाल उन विशिष्ट चीजों को खोजने के लिए करते हैं, जिन्हें वे अपने व्यक्तिगत इतिहास और खोज में नहीं रखना चाहते। सर्वेक्षण स्पष्ट रूप से यह समझने का सबसे अच्छा तरीका नहीं है, कि लोग शर्म की वजह से निजी ब्राउज़िंग मोड का उपयोग क्यों कर रहे हैं। कई लोगों को लगता है कि, निजी ब्राउजर गोपनीयता और सुरक्षा को पूरी तरह से बनाए रखने में सक्षम हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं। निजी ब्राउज़िंग का उपयोग करने से आपको बहुत सी चीजें करने में मदद मिल सकती है, लेकिन गोपनीयता को पूरी तरह से बनाए रखना उनमें से एक नहीं है।
चाहे आप मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स (Mozilla Firefox), गूगल क्रोम, इंटरनेट एक्सप्लोरर, ऐप्पल सफारी (Apple Safari), ओपेरा (Opera) या किसी भी अन्य ब्राउज़र का उपयोग कर रहे हों, निजी ब्राउजिंग प्रणाली केवल आपके ब्राउज़र के व्यवहार के तरीके को बदलती है। निजी ब्राउज़िंग के दौरान उपयोग की जाने वाली कुकीज़ तीसरे पक्ष को आपके ब्राउज़िंग व्यवहार के बारे में जानकारी प्रदान कर सकती है, जिसका मतलब है कि, आपकी वेब गतिविधि का पता निजी ब्राउज़िंग का उपयोग करने के बाद भी लगाया जा सकता है। निजी ब्राउज़िंग की पेशकश करने वाले कुछ वेब ब्राउज़र यह भी बताते हैं कि, इस सुविधा का उपयोग करना पूरी गोपनीयता की गारंटी (Guarantee) नहीं दे सकता है। निजी ब्राउज़िंग का उद्देश्य, ब्राउज़िंग इतिहास या डाउनलोड की गई कुकीज़ जैसी जानकारी को स्वचालित रूप से आपके डिवाइस पर संग्रहीत करने से रोकना है। हालांकि कुछ जैसे डाउनलोड या बुकमार्क (Bookmark) की गई फ़ाइलों को सेव किया जा सकता है। निजी ब्राउज़िंग केवल तभी समाप्त होती है, जब ब्राउज़र विंडो बंद हो जाती है। लेकिन कुछ समस्याएं तभी भी मौजूद रहती हैं, जैसे आपकी गतिविधि तक इंटरनेट सेवा प्रदाता और इंटरनेट कनेक्शन (Connection) प्रदान करने वाला संगठन जैसे स्कूल, कॉलेज, या कंपनी (Company) की पहुंच हो सकती है। इसके अलावा, आपके द्वारा उपयोग की गयी वेबसाइटें (Websites) भी आपके द्वारा की गयी गतिविधियों को देख सकती हैं। यदि आपके डिवाइस पर कंप्यूटर को वायरस (Virus) आदि से बचाने के लिए सॉफ़्टवेयर (Software) उपयोगिताओं का अप-टू-डेट (Up-to-date) संग्रह है, तथा आपकी डिवाइस नवीनतम ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) पर चल रही है, तब किसी भी अन्य ब्राउज़िंग की तरह निजी मोड कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान कर सकता है, लेकिन अगर ऐसा नहीं है, तब साइबर जासूस या हैकर्स (Hackers) आपके द्वारा खोजी गयी जानकारियों को देखने में सक्षम हो सकते हैं। यदि आपके कंप्यूटर में कि लॉगर (Key logger) और स्पाइवेयर (Spyware) जैसे एप्लिकेशन (Application) है, तो यह आपकी ब्राउज़िंग गतिविधि की निगरानी कर सकता है। कुछ सॉफ़्टवेयर केवल इसलिए ही बनाए गए हैं, ताकि वेब ब्राउज़िंग को ट्रैक किया जा सके, इनके द्वारा आपकी वेब ब्राउज़िंग तक पहुँच प्राप्त की जा सकती है। कुछ समय पूर्व यह पाया गया था कि, निजी मोड का उपयोग करने के बावजूद भी गूगल ने उपयोगकर्ता का डेटा (Data) एकत्रित किया। गूगल ने कंप्यूटर और मोबाइल फोन दोनों के इंकॉग्निटो मोड में गूगल एनालिटिक्स (Analytics), गूगल एड मैनेजर (Ad Manager), और वेबसाइट प्लग-इन (Plug-ins) का उपयोग करके उपयोगकर्ताओं का डेटा एकत्रित किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि, प्राइवेट ब्राउजिंग पूरी तरह से गोपनीय नहीं है।

संदर्भ:
https://nr.tn/2XktWei
https://bit.ly/2XnFRrL
https://bit.ly/3s6szxU
https://bit.ly/38rube4
चित्र संदर्भ:
मुख्य चित्र गूगल क्रोम के इंकॉग्निटो मोड को दिखाता है। (Wikimedia)
दूसरी तस्वीर प्राइवेट ब्राउजिंग को दिखाती है। (Wikimedia)


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