लजीज जायकों के शहर रामपुर का स्वादिष्ट यखनी पुलाव

रामपुर

 16-12-2020 03:00 PM
स्वाद- खाद्य का इतिहास

भारतीय खाद्य में चावल का एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है जो यहाँ की पारंपरिक खाद्य प्रणाली का एक अभिन्न हिस्सा है। संपूर्ण भारत में चावल के अनेकों पकवान पकाए जाते हैं जिनमें से एक है पुलाव। पुलाव को विभिन्न राज्यों में अलग अलग तरीके से पकाया जाता है, इसका स्वाद अलग-अलग होता है और इनमें डाली जाने वाली सामग्री भी भिन्न होती है। वहीं भारतीय पारंपरिक मुस्लिम घरों में मासाहारी पुलाव एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है चाहे कोई दावत हो, या अंतिम संस्कार का समय या फिर प्रार्थना सभा आदि का आयोजन, इन सभी समहरों पर पुलाव का एक अहम् स्थान है। इस चीज से तो रामपुरवासी भी अवगत है क्योंकि रामपुर का लजीज यखनी पुलाव को सांस्कृतिक मान्यता के चलते किसी के गुजर जाने के बाद भोजन में परोसा जाता है, यह लखनऊ और हैदराबाद की बिरियानी से भिन्न होता है।
यखनी पुलाव को बनाने के लिए पहले मीट (meat) को मसाले के साथ तैयार किया जाता है, फिर उसमें चावल को डाला जाता है। जबकि बिरियानी में चावल को अलग से मसालेदार पानी में पकाया जाता है और फिर उसमें मीट को डाला जाता है और धीमी आंच में पकाया जाता है। यखनी पुलाव काफी हद तक फारसी (Persian) तरीके से बनाए जाने वाले पुलाव की तरह लगता है। खाने के इतिहासकार लिजी कोलिंघम (Lizzie Collingham) द्वारा अपनी पुस्तक करी: अ टेल ऑफ़ कुक्स एंड कानकॉरर्स (Curry: A Tale of Cooks and Conquerors) में बताया गया है कि हुमायूँ और अकबर के समय में फारसी पिलाफ़ (Pilaf) जब मुगल के मसालेदार व्यंजनों से मिला तब बिरियानी का उद्भव हुआ। रामपुर के रजा पुस्तकालय में रखी हुई पुरानी फ़ारसी पाण्डुलिपियों में विभिन्न व्यंजनों का जिक्र देखने को मिलता है, ये पांडुलिपियां नवाब कल्ब अली ख़ान (Kalb Ali Khan) के शासन के दौरान लिखी गयी थी। रामपुर में स्थित ख़ासबाग़ महल में चावल के पकवान बनाने की एक अलग रसोईं हुआ करती थी जिसमें सबसे उत्तम और नए चावल के पकवान बनाने वाले रसोइयाँ नियुक्त थे और यहाँ पर करीब 200 तरह के व्यंजन पकाए जाते थे। नवाब होश यार जंग बिलग्रामी (Nawab Hosh Yaar Jung Bilgrami), जो 1918 से 1928 तक नवाब हामिद अली खान (Nawab Hamid Ali Khan) के दरबार से जुड़े रहे थे, अपने वृतांत ‘मसाहिदात’ में लिखते हैं कि रसोई में 150 रसोइया थे, प्रत्येक रसोइया किसी एक व्यंजन में विशेषज्ञता प्राप्त किये हुए थे। यदि बात की जाएं व्यंजनों की पाक विधि कि तो वे काफी संक्षिप्त रूप से लिखी गई थी, ताकि व्यंजन को आसानी से पकाया जा सके।
1857 की क्रान्ति के बाद लखनऊ और दिल्ली से कई रसोइयें बेरोजगार हो गए थे उन्होंने रोजगार की तलाश में रामपुर की और रुख किया जिसके कारण यहाँ के भोज में कई प्रकार देखने को मिले। हांलाकि आज वर्तमान समय में रामपुर में मूल रूप से यखनी पुलाव बनाया जाता है परंतु पुस्तकालय की पांडुलिपियों की माने तो यहाँ पर करीब 50 शैलियों का प्रयोग करके पुलाव बनाया जाता था। इन पुलावों में शाहजहानी पुलाव, मीठा पुलाव, पुलाव शीर शक्कर, अन्नानास पुलाव, इमली पुलाव आदि शामिल थे, वहीं ऐसा माना जाता है कि शाहजहानी पुलाव को संभवतः दिल्ली से रामपुर में लाया गया होगा।

संदर्भ :-
https://bit.ly/3gKQRrZ
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में दिखाया गया है- पुलाव। (Snappygoat)
दूसरी तस्वीर में चिकन बिरयानी को दिखाया गया है। (Unsplash)
आखिरी तस्वीर में कच्छी दम बिरयानी को दिखाया गया है। (विकिमीडिया)


RECENT POST

  • आइए देखें, दक्षिण कोरियाई सर्वाइवल ड्रामा फ़िल्म, ‘टनल’ को
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     24-11-2024 09:15 AM


  • कानपुर छावनी की स्थापना से समझें, भारत में छावनियां बनाने की आवश्यकता को
    उपनिवेश व विश्वयुद्ध 1780 ईस्वी से 1947 ईस्वी तक

     23-11-2024 09:24 AM


  • जानिए, भारतीय शादियों में डिज़ाइनर लहंगों के महत्त्व और इनकी बढ़ती मांग के बारे में
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     22-11-2024 09:20 AM


  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id