सर्दियों के महीनों की सबसे खास बात तो यह होती है कि इस समय खट्टे फल काफी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। संपूर्ण वर्ष में यह सबसे बेहतर समय में से एक है, इस समय अच्छी धूप के साथ ताजे कटे हुए संतरे या अंगूर की तुलना किसी अन्य फल या सब्जी के साथ नहीं की जा सकती है। बेशक खट्टे फलों की कई किस्में साल भर मौजूद होती हैं, लेकिन सर्दियों के महीनों के दौरान वे काफी स्वादिष्ट होते हैं और प्रचुर मात्रा में होने की वजह से इस समय ये काफी अच्छे दामों में मिल जाते हैं। इसके अलावा खट्टे फलों की कुछ ऐसी किस्में (कारा कारा नैवल संतरे (Cara Cara Navel Oranges), मैंडरिन संतरे (Mandarin Oranges), क्लेमेंटाइन (Clementines) और प्यूमेलोस (Pummelos)) भी हैं जो केवल इसी मौसम में देखी जा सकती हैं। ताजे और स्वादिष्ट होने के अलावा खट्टे फल विटामिन सी के उत्कृष्ट स्रोत होते हैं, जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। यह ठंड और फ्लू के मौसम के दौरान विशेष रूप से सहायक है। खट्टे फल फाइबर का एक बड़ा स्रोत है, जो पाचन में सहायता करता है और आपको भरा हुआ महसूस कराता है।
खट्टे फल दक्षिण एशिया, पूर्वी एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया, और ऑस्ट्रेलिया में मूल रूप से पाए जाते हैं। प्राचीन काल से इन क्षेत्रों में विभिन्न खट्टे फलों की प्रजातियों का उपयोग किया गया है। वहां से इसकी खेती औस्ट्रोनेशी (Austronesian) प्रसार (3000-1500 ईसा पूर्व) द्वारा माइक्रोनेसिया (Micronesia) और पोलिनेशिया (Polynesia) और धूप के व्यापार मार्ग के माध्यम से मध्य पूर्व और भूमध्य सागर में फैल गई। वहीं जीनोमिक (Genomic – डीएनए (DNA) का अध्ययन), जातिवृत्तीय (विकास का अध्ययन) और जैव-भौगोलिक (समय के माध्यम से प्रजातियों के प्रवास और वितरण का अध्ययन) के अध्ययनों ने अब साबित कर दिया है कि आज उपलब्ध सभी खट्टे फलों की प्रजातियां विशेष रूप से हिमालय के दक्षिण-पूर्वी तलहटी, असम के पूर्वी क्षेत्र, उत्तरी म्यांमार और चीन में पश्चिमी युन्नान से आई हैं। 15 से अधिक वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने नींबू, संतरे और अंगूर सहित खट्टे फलों की 60 विभिन्न प्रजातियों का अध्ययन किया, और निष्कर्ष निकाला कि फल के मूल रूप से सिर्फ तीन पूर्वज थे।
भारत में उपलब्ध प्रसिद्ध खट्टे फल मेयर नींबू (Meyer Lemon), क्लेमेंटाइन, लाल संतरा, गलगल, चकोतरा, टंगर (Tangor) और हैंड ऑफ बुद्धा (Hand of Buddha) हैं। भारत में उपलब्ध खट्टे फलों की शीर्ष किस्में निम्न हैं :-
मौसम्बी : उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में उगने वाला मौसम्बी फल काफी रसीला और खट्टा मीठा होता है। यह भारत में पाए जाने वाले खट्टे फलों के जूस में से सबसे आम है।
संतरा : संतरा खट्टे वंश के मीठे संतरे समूह से प्राप्त होने वाला फल है और भारत में सबसे महत्वपूर्ण कृषि उत्पाद है, विशेष रूप से नागपुर और कूर्ग। ब्राजील (Brazil) और चीन (China) के बाद भारत दुनिया में संतरे का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।
नागपूर संतरा : नागपूर संतरा भारत में संतरे की सबसे उत्कृष्ट किस्म है, जिसे महाराष्ट्र के नागपुर शहर में उगाया जाता है।
कूर्ग संतरा : इसे कूर्ग मंदारिन के रूप में भी जाना जाता है, कर्नाटक के कोडागु में उगाया जाता है।
किननो (Kinnow) : यह किंग संतरे (King Orange) और मैंडरिन संतरे (Mandarin Orange) से उत्पन्न खट्टा फल है, इसमें उच्च रस की मात्रा होती है। भारत के बाजारों से संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates), नीदरलैंड (Netherlands) और फिलीपींस (Philippines) के लिए किननो के फलों का निर्यात किया जाता है।
मैंडरिन संतरे : यह फल आकार में छोटा होता है और उच्च मात्रा में चीनी होने की वजह से ये स्वाद में कम खट्टा और ज्यादा मीठा होता है।
कीनू : कीनू एक अन्य नारंगी रंग का खट्टा फल है और इसे मैंडरिन संतरे के संकर के रूप में जाना जाता है, जो आकार में छोटा और मीठा और मजबूत होने के साथ कम खट्टा होता है।
नींबू : ऐसा माना जाता है कि नींबू को सर्वप्रथम असम में उगाया गया था और भारत नींबू और कागजी नींबू का सबसे बड़ा उत्पादक है। छोटा सदाबहार वृक्ष उत्तर पूर्वी भारत का मूल है और मणिपुर (Manipur) राज्य में कछाई भारत में बड़े पैमाने पर नींबू के रोपण और उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
गलगल : गलगल एक बड़ा सुगंधित खट्टा फल है, जिसका व्यापक रूप से भारतीय व्यंजनों के साथ-साथ पारंपरिक दवाओं में भी उपयोग किया जाता है। यह उत्तराखंड में पूर्वी हिमालय की तलहटी की घाटी में मूल रूप से पाया जाता है।
अंगूरफल : कैलिफोर्निया (California), टेक्सास (Texas), फ्लोरिडा (Florida) और एरिज़ोना (Arizona) से अंगूरफल जनवरी के महीने में पाए जाते हैं और गर्मियों की शुरुआत तक मौजूद रहते हैं।
कीवी : कीवी का फल बेल पर उगता है और इन्हें सर्दियों के अंत में और वसंत की शुरुआत में काटा जाता है।
आंशिक रूप से छाल में निहित फ्लेवोनोइड (Flavonoids) और लिमोनोइड्स (Limonoids) और अधिकांश रस से भरे होने के कारण खट्टे फल उनकी खुशबू के लिए उल्लेखनीय हैं। रस में उच्च मात्रा में साइट्रिक एसिड (Citric Acid) और अन्य जैविक अम्ल (Organic Acids) होते हैं, जो उन्हें विशिष्ट तेज स्वाद देते हैं। ये व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इनके फल के लिए इनकी कई प्रजातियों की खेती की जाती है। वहीं संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के अनुसार, 2016 में सभी खट्टे फलों का विश्व उत्पादन 124 मिलियन टन था, जिसमें से लगभग आधा हिस्सा संतरे के रूप में था। 2019-20 में, ब्राजील (Brazil), मैक्सिको (Mexico), यूरोपीय संघ (European Union) और चीन (China) के सबसे बड़े उत्पादकों के नेतृत्व में संतरे के विश्व उत्पादन का अनुमान 47.5 मिलियन टन था।
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