इस्लामिक ग्रंथों में मिलता है दुनिया के अंत या क़यामत का वर्णन

रामपुर

 24-11-2020 07:16 AM
विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

क़यामत शब्द का सरल अर्थ प्रलय या विनाश होता है। क़यामत सामान्यतः उस स्थिति को कहा जाता है जब पृथ्वी पर जीवन समाप्त हो जायेगा। इस पर अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों के भिन्न-भिन्न विचार हैं। मुस्लिम धर्म को मानने वालों के अनुसार, इस जगत का एक न एक दिन अन्त होना है, उसी दिन को यौम अल-क़ियामा (Yawm al-Qiyāmah) कहते हैं। इस्लाम सिखाता है कि यौम अल-क़ियामा इस्लाम में छ: विश्वासों में आखरी पुनर्जीवन का दिन है, इसी को योम अल-क़ियामा (यौम=दिन, क़ियामा=रुक जाना या खड़े होना) कहते है। माना जाता है कि यम अल-क़ियामा पर, सभी जीवित चीजों को फिर से जीवन के लिए उठाया जाएगा और ईश्वर के सामने अंतिम निर्णय के लिए बुलाया जाएगा। सीधे शब्दों में कहा जाए तो, यम अल-क़ियामा के दिन, दुनिया के अंत के बाद मरे हुए लोगों को जीवित किया जाएगा और उनके कर्मों के अनुसार उन्हें जीवनदान दिया जाएगा। क़ुरान (Quran) में इसका विस्तार से वर्णन किया गया है। इस दिन को “फ़ैसले का दिन” (Day of Judgement) भी कहा जाता है। क़ुरान में "आखरी फ़ैसला" यानी क़यामत के दिन का प्रस्ताव कई जगहों और आयतों में किया गया है। प्रलय के इस दिन को कुरान में कई नामों से पुकारा जाता है, जैसे कि हिसाब-किताब का दिन (Day of Reckoning), आखिरी दिन (the Last Day) और आखिरी घंटा (अल-सहा (al-sā'ah))।
कहा जाता है कि इस दिन लोगों को विभाजित किया जाएगा, कुछ लोग स्वर्ग (Heaven) (उद्यान, या स्वादिष्ट भोजन और पेय, और बुलंद हवेली के साथ भौतिक और आध्यात्मिक सुख की जगह) में प्रवेश करेंगे। कुछ नरक की आग (Hell fire) में प्रवेश करेंगे, और यह विभाजन प्रत्येक व्यक्ति के कर्मों के अनुसार होगा। हालाँकि क़ुरान व्यक्तिगत फैसले की बात करता है, लेकिन इसमें कई ऐसे सूरा हैं जो अलग-अलग समुदायों के पुनरुत्थान की बात करते हैं जिन्हें "उनकी अपनी किताब" (अपने ग्रंथ) के अनुसार आंका जाएगा। परंतु वास्तविक मूल्यांकन प्रत्येक व्यक्ति के लिए होगा, जो उसके कर्मों के संदर्भ में होगा। यह साबित करने के लिए कि पुनरुत्थान होगा, कुरान में एक नैतिक और एक भौतिक तर्क का उपयोग किया गया है। इसमें बताया गया है कि “क्योंकि इस जीवन में सभी अपेक्षित नहीं है, इसे पूरा करने के लिए एक अंतिम निर्णय आवश्यक है। भौतिक रूप से, ईश्वर, जो सर्वशक्तिशाली है, सभी प्राणियों को नष्ट करने और वापस लाने की क्षमता रखता है, और जो सीमित हैं, ईश्वर की असीम शक्ति के अधीन हैं।” यहां तक कि द ग्रेट ट्रिबुलेसन (The Great Tribulation (ईसाई परलोक सिद्धांत - इसमें यीशु (Jesus) द्वारा उल्लेखित एक अवधि की बात बताई की गई है, जो दुनिया के अंत के समय में घटित होगी)) का वर्णन हदीस (hadith) तथा अल ग़ज़ाली (al-Ghazali), इब्न कथिर (Ibn Kathir) और मुहम्मद अल-बुखारी (मुहम्मद अल-बुख़ारी) सहित अन्य कई सूफियों की व्याख्यात्मक निबंधों में किया गया है। आर्मगेडन (Armageddon (क्रिश्चियन बाइबल (Christian Bible) के नए नियम में, आर्मगेडन अंत समय के दौरान लड़ाई का एक अनुमानित स्थान है)) का वर्णन करने वाले इस्लामिक साहित्य को अक्सर फ़ितना (Fitna), अल-मलहम अल-कुबरा (Al-Malhama Al-Kubra) या शिया (Shia) इस्लाम में घायब्ह (Ghaybah) के रूप में जाना जाता है। 1300 से 1900 के बीच फारसी और तुर्की (Persian and Turkish) पुस्तक कलाओं में नरक और स्वर्ग सिद्धांत से संबंधित कल्पना दिखाई देती है। इन चौदहवीं और पंद्रहवीं शताब्दियों की पांडुलिपि चित्रों में “आखरी फ़ैसला” के संकेत, पैगंबर मुहम्मद और उनके जीवन की चमत्कारी घटनाओं के साथ निकटता से जुड़े है, विशेष रूप से उनके स्वर्गीय स्वर्गारोहण की घटनाओं के साथ। इसके बाद सोलहवीं शताब्दी में, पुनरुत्थान की शर्तों पर तीर्थयात्रा गाइड (Pilgrimage Guide) और पुस्तकों में अन्य पारलौकिक स्थानों और घटनाओं के चित्रण को और भी विकसित किया गया। इन सचित्र पांडुलिपियों को सहस्राब्दी प्रत्याशा और सांप्रदायिक बहस द्वारा चिह्नित किया गया था। 1800 के दशक तक, नए ब्रह्मांड विज्ञान ने पाठकों और दर्शकों को मोक्ष की कल्पना पर ध्यान केंद्रित करने के लिये इन्‍हें बहिरंग चित्र-आरेख के रूप में प्रदान (Exoteric Picto-Diagram) करना शुरू किया था।
इस्लामिक शास्त्र में अंतिम निर्णय और इससे जुड़े कथनों को अक्सर दो स्रोतों में संदर्भित किया जाता है वे हैं कुरान और हदीस, या पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) के जीवनकाल के कार्यों और कथनों का लेखा। कुरान के कृत्यों में से एक कृत्य परलोक सिद्धांत (eschatology) से संबंधित है और प्रलय का दिन मानवता के लिए अल्लाह के उपदेशों की याद दिलाने और उन लोगों के लिए एक चेतावनी के रूप में है, जो उनका पालन नहीं करते हैं। इस्लामी शास्त्र की अधिक विस्तृत और व्यापक समझ को बनाने के लिए हदीस को अक्सर कुरान के साथ मिलकर संदर्भित किया जाता है और हदीस का संकलन मुहम्मद की मृत्यु के लगभग दो सौ साल बाद हुआ है। हदीसों ने निर्णय के दिन से पहले होने वाली कई घटनाओं का वर्णन किया है जिन्हें कई छोटे संकेतों और प्रमुख संकेतों के रूप में वर्णित किया गया है:
छोटे संकेत -:
• फ़ितना (क्लेश) का आना और खुशबू (ईश्वर का भय) का दूर हो जाना
• दज्जाल (Dajjal,) का आना और खुद को ईश्वर के रूप में मानना
• एक कब्र के पास से गुजरने वाला व्यक्ति दूसरे से कह सकता है: "काश यह मेरा निवास होता"
• ईमानदारी की हानि
• ज्ञान की हानि और धार्मिक अज्ञानता की व्यापकता
• व्यर्थ हत्याओं में वृद्धि
• हदीस की अस्वीकृति
• मस्जिदों की सजावट में गर्व और प्रतिस्पर्धा
• महिलाओं की संख्या में वृद्धि होगी और पुरुषों की संख्या में इतनी कमी आएगी कि पचास महिलाओं की देखभाल एक पुरुष द्वारा की जाएगी
• भूकंप का काफी मात्रा में आना
• अपमान, विकृति, सार्वजनिक अपमान और मानहानि की घटनाओं में लगातार वृद्धि
• परोपकार करते समय एक बोझ बन जाता है
• झूठ पर विश्वास किया जाएगा, ईमानदार लोगों पर अविश्वास, और वफादार लोगों को गद्दार कहा जायेगा
• रिश्तेदारों और पड़ोसियों के बीच अभद्रता (अश्लीलता) और दुश्मनी का उद्भव
• लोग गैरकानूनी तरीकों से तेजी से पैसा कमाएंगे
• जंगली जानवर मनुष्यों के साथ संवाद करेंगे, और मनुष्य वस्तुओं के साथ संवाद करेंगे
• मुसलमान एक ऐसे राष्ट्र के खिलाफ लड़ेंगे, जो बालों से बने जूते पहनते हैं और चेहरे पर लाल रंग और छोटी-छोटी आँखों होती हैं।
• मक्का (Mecca) पर हमला किया जाएगा और काबा (Kaaba) नष्ट हो जाएगा आदि। प्रमुख संकेत -:
• लोगों के बीच यौन अनैतिकता बढ़ जायेगी, वे अपने पूर्वजों की अज्ञात पीड़ा और बीमारियों से पीड़ित होंगे
• लोग व्यापार आदि में धोखा देंगे और इसके परिणामस्वरूप वे अकाल, विपत्ति और उत्पीड़न से त्रस्त हो जायेंगे
• मनुष्य का दान करना बंद हो जायेगा और आकाश से वर्षा को रोक दिया जायेगा
• वे परमेश्‍वर और उसके दूत के साथ अपनी प्रतिज्ञा तोड़ देंगे
• सिहर और शिर्क (Sihr and Shirk) में पुरुष और महिलाएं भाग लेंगे
• “अतरक” (Atarak) (तुर्क (Turk)) अरब भूमि पर हावी होगा तथा रोमनों (Romans) पर विजयी होगा, वे
क़ुस्तुंतुनिया या कांस्टैंटिनोपुल (Constantinople) लेने और करीब आने का प्रयास करेंगे, लेकिन असफल रहें। "उथमन"
(Uthman) (ओटोमन (Ottoman)) के बच्चे अरब भूमि पर हावी होंगे। वे क़ुस्तुंतुनिया या कांस्टैंटिनोपुल को रोमनों से जीत लेंगे और वहां मस्जिद का निर्माण करेंगे, आदि।
इस अवधि के दौरान, भयानक भ्रष्टाचार और अराजकता पृथ्वी पर शासन करेगी जो जो मसीह अल-दज्जाल (इस्लाम में ईसा-विरोधी (Antichrist)) के कारण होगी। फिर ईसा (यीशु) दिखाई देंगे, दज्जाल को हराकर शांति की अवधि की स्थापना करेंगे, जिससे दुनिया क्रूरता से मुक्त होगी। इन घटनाओं के बाद शांति का समय होगा, तब लोग धार्मिक मूल्यों के अनुसार जीवन यापन करेंगे।

संदर्भ:
https://quod.lib.umich.edu/a/ars/13441566.0044.004/--signs-of-the-hour-eschatological-imagery-in-islamic-book?rgn=main;view=fulltext
https://en.wikipedia.org/wiki/Islamic_eschatology
https://www.britannica.com/topic/Islam/Eschatology-doctrine-of-last-things
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में प्रातः की अज़ान को दिखाया गया है। (Prarang)
दूसरे चित्र द्वारा क़ुरान में "आखरी फ़ैसला" और स्वर्ग-नरक को दर्शाया गया है। (Wikimedia)
तीसरे चित्र में नमाज़ अदा करते एक बच्चे को दिखाया गया है। (Prarang)


RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id