ऐतिहासिक और शैक्षिक मूल्य से समृद्ध शहर रामपुर, दुनिया भर के आगंतुकों के लिए एक आश्चर्यजनक गंतव्य साबित होता है। रामपुर की मिट्टी में प्राचीन भारतीय संस्कृति की सुगंध व्याप्त है। समृद्ध विरासत और विविध संस्कृति का मिश्रण हर साल हजारों आगंतुकों को आकर्षित करता है। इंडो-इस्लामिक परंपराओं और मूल्यों को सीखने के प्रयास में दुनिया भर के विद्वान रामपुर रज़ा लाइब्रेरी जाते हैं।
विभिन्न धार्मिक केंद्रों के लिए प्रसिद्ध, रामपुर व्यावसायिक केंद्रों का शिखर भी है। नवाब मुश्ताक अली खान की मृत्यु के बाद नवाब हामिद अली को जौनपुर का शासक बनाया गया तथा नवाब ने डब्ल्यूसी राइट (W.C. Wright) को अपना मुख्य अभियंता नियुक्त किया। उन्होंने भारतीय ईंटों और रेत से यूरोपीय वास्तुकला के मिश्रण के साथ रामपुर में विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक भवनों का निर्माण किया। रामपुर स्थित रंग महल शहर की वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। रंग महल शहर में फोर्ट-पैलेस (Fort-palace) परिसर का हिस्सा है, जिसे डब्ल्यूसी राइट द्वारा व्यापक भवन कार्यक्रम के हिस्से के रूप में पूरी तरह से फिर से तैयार किया गया था। डब्ल्यूसी राइट हामिद अली खान के निर्देशन में मुख्य अभियंता थे। राइट की वास्तुकला इस्लामी, हिंदू और विक्टोरियन गोथिक (Victorian Gothic) के तत्वों को संश्लेषित करती है, जिन्हें 'इंडो-सरसेनिक (Indo-Saracenic)' के रूप में जाना जाता है। इंडो-सरसेनिक, जिसे इंडो-गोथिक के रूप में भी जाना जाता है, एक पुनरुद्धार स्थापत्य शैली थी, जिसका उपयोग ज्यादातर ब्रिटिश वास्तुकलाकार भारत में 19वीं शताब्दी के बाद में करते थे, विशेष रूप से ब्रिटिश राज में सार्वजनिक और सरकारी इमारतों में और रियासत के शासकों के महलों में जो कि समकालीन और पूर्व उच्च भारतीय वास्तुकला को प्रतिबिंबित करते थे। इसने राजस्थानी, मुगल और मराठा युग सहित इंपीरियल (Imperial) भारतीय वास्तुकला का अनुसरण किया, जिसे अंग्रेजों ने शास्त्रीय भारतीय शैली माना था। इमारतों के मूल लेआउट (Layout) और संरचना ने समकालीन इमारतों में इस्तेमाल की गईं शैली, जैसे कि गोथिक रिवाइवल (Revival) और नियो-क्लासिकल (Neo-Classical) को साझा किया। 'सरसेन' 19वीं शताब्दी तक यूरोप में इस्तेमाल किया जाने वाला एक शब्द था, जो कि मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के मुस्लिम या अरबी भाषी लोगों और क्षेत्रों को संदर्भित करने के लिए उपयोग में लाया जाता था।
ऐसी अनेकों तस्वीरें हैं, जो रंग महल की सुंदर वास्तुकला को दर्शाती हैं। एक तस्वीर रामपुर के रंग महल के द्वार को दर्शाती है। एक अन्य तस्वीर रंग महल के भीतर के एक कार्यालय को दर्शाती है तथा एक अन्य तस्वीर रंग महल की भी है। इन तस्वीरों को नवंबर 1911 में एक अज्ञात फोटोग्राफर द्वारा खींचा गया था। ये सभी तस्वीरें फेस्टिवल ऑफ़ एम्पायर (Festival of Empire) द्वारा एल्बम ऑफ व्यूज ऑफ रामपुर प्रसेंटेड टू द इंडिया ऑफिस (Album of Views of Rampur Presented to the India Office) से प्रस्तुत की गयी हैं। रामपुर के नवाब हामिद अली खान जॉर्ज पंचम की ताजपोशी को चिह्नित करने के लिए क्रिस्टल पैलेस (Crystal Palace) में आयोजित फेस्टिवल ऑफ एम्पायर प्रदर्शनी में प्रदर्शकों में से एक थे। हामिद अली खान ने रामपुर में एक व्यापक भवन कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसे डब्ल्यू.सी. राइट द्वारा संचालित किया गया। रंग महल की एक अन्य विशेष बात यह है कि इसका उपयोग मूल रूप से काव्य और संगीत सभाओं के लिए किया जाता था।
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