आंध्र प्रदेश के तीन जिलों (कुरनूल, प्रकाशम, गुंटूर) और तेलंगाना के दो जिलों (नलगोंडा और महबूबनगर) में फैला श्रीशैलम वन्यजीव अभयारण्य भारत में सबसे बड़ा बाघ आरक्षित वन है जो कि 3568 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। वर्ष 1983 में प्रोजेक्ट टाइगर (Project Tiger) द्वारा मान्यता प्राप्त इस आरक्षित वन का नाम 1992 में बदलकर राजीव गांधी वन्यजीव अभयारण्य कर दिया गया। बुलंद पहाड़ियों, बारहमासी नदियों, गहरी घाटियों और पर्वतों के बीच संकुचित मार्गों की परिपूर्णता के साथ अभयारण्य अद्भुत परिदृश्य प्रदान करता है और यह भारत में सबसे लोकप्रिय वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है। स्तनधारियों, सरीसृप और उभयचरों की कई प्रजातियों सहित यह अभयारण्य अनेकों वन्यजीवों को आश्रय प्रदान करता है। इस अभयारण्य में पाए जाने वाले मुख्य स्तनधारियों में बंगाल बाघ, तेंदुआ, भारतीय पैंगोलिन (pangolin), सांभर हिरण, स्लोथ (sloth) भालू, ब्लैकबक (Blackbuck) और चिंकारा हैं। इस अभयारण्य की यात्रा के लिए अक्टूबर से जून के महीने सबसे अच्छे महीने माने जाते हैं। मानसून के मौसम में आपको यहां यात्रा करने से बचना चाहिए। अभयारण्य का निकटतम घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा हैदराबाद में है जो कि श्रीशैलम शहर से लगभग 200 किलोमीटर दूर है। वहां से, आप अभयारण्य तक पहुँचने के लिए बस पकड़ सकते हैं या एक निजी टैक्सी किराए पर ले सकते हैं जो लगभग 30 किलोमीटर दूर है। कुमबम यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो श्रीशैलम से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह रेल और सड़क के माध्यम से बेंगलुरु और विजयवाड़ा जैसे शहरों के साथ उत्कृष्ट रूप से जुडा हुआ है।