भारतीय खाना आज दुनिया में एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण मुकाम बना चुका है तथा यह अपने मसाले के लिए पूरे विश्व भर में जाना जाता है। भारतीय खाना बनाने की तकनीकें भी अपने में अनोखी ही होती हैं तथा यही तकनीकें ही हैं, जो यहाँ के खाने में एक अलग ही स्वाद और सुगंध जगाती हैं। आप बस सोचिये मात्र की मिट्टी के बर्तन में मेमने के मांस को मसाले में शानदार तरीके से लपेट कर धीमी आंच में पकाया जाए और उस मेमने से जो मसालों के साथ मिलकर महक उठे, उसे जादुई महक ही कहेंगे।
भारत के उत्तर प्रदेश में स्थित रामपुर अपने इसी तरह के पकवानों के लिए जाना जाता है, रामपुरी व्यंजन सदियों से हमारे मध्य में स्थित है, जिसे शाही खानसामे आज तक जीवित रखे हुए हैं तथा हमें इस स्वादिष्ट व्यंजन पाक कला के जरिये अपार आनंद प्राप्त करते आ रहे हैं। रामपुरी व्यंजन को बनाने की विधि सदियों से इन्ही खानसामों द्वारा गुप्त रूप से संरक्षित रखी गई है तथा इस पाक कला में बनाए जाने वाले तमाम व्यंजनों को लेकर कोई न कोई कहानी जरूर जुड़ी हुई है। भारतीय खानों में जिस वस्तु का सबसे ही विषद रूप से प्रयोग किया जाता है, वह है मसाला। यहाँ पर अचार बनाने से लेकर खाना बनाने तक में मसाले ही एक ऐसे तत्त्व हैं, जिनका सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। यहाँ पर मसाले, मात्र खाने के लिए ही नहीं बल्कि बीमारियों को भगाने के लिए भी प्रयोग किये जाते हैं। वर्तमान समय में भारत एक ऐसा देश है, जो मसालों के निर्यात में दुनिया में शीर्ष स्थान पर काबिज है।
अभी हाल ही में आई कोरोना (Corona) महामारी के कारण भारत के मसालों की मांग करीब 34% तक बढ़ गयी है, जिसका सबसे बड़ा कारण हैं यहाँ के मसालों की शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना। भारत का पर्यावरण है ही ऐसा कि यहाँ पर विभिन्न प्रकार के मसालों की खेती बड़े पैमाने पर की जा सकती है। इन मसालों में हल्दी, दालचीनी, काली मिर्च, लौंग, धनिया, लाल मिर्च आदि मसाले बड़े पैमाने पर उत्पादित किये जाते हैं। भारतीय मसालों के निर्यात का इतिहास अत्यंत ही प्राचीन है, यहाँ से प्राचीन मिश्र (Egypt) की सभ्यता के समय से मसालों का व्यापार होता रहा है। यूरोप (Europe) से भी भारत का मसालों के निर्यात का एक अत्यंत ही प्राचीन सम्बन्ध रहा है तथा ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) का भारत में आगमन भी मसालों के कारण ही हुआ था।
भारतीय मसाले आज दुनिया भर के विभिन्न खाना पकाने की विधि में प्रयोग में लाये जाने लगे हैं तथा यह बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा पसंद किये जाते हैं। इन मसालों का प्रयोग रोग में बड़े पैमाने पर किया जाता है, यह सड़न गलन, कीटाणु तथा एड्स (AIDS) जैसी बिमारी के भी विकास को धीरे कर देते हैं, अतः इसीलिए इनका प्रयोग वैश्विक स्तर पर इतना अधिक किया जाता है। मसाले खाने को पचाने का भी अहम् कार्य करते हैं तथा इनका प्रयोग मुख की दुर्गन्ध को भी दूर करने के लिए किया जाता है। ये तमाम बिंदु ऐसे हैं, जिसके कारण भारतीय मसालों की मांग पूरे विश्व भर में इतनी अधिक है।
सन्दर्भ :
https://medium.com/@sofiacomas/role-of-indian-spices-in-indian-history-8c8de47d6203
https://bit.ly/2vdhrqp
https://economictimes.indiatimes.com/industry/cons-products/food/the-mystery-of-intriguing-indian-spices/articleshow/69075166.cms?from=mdr
https://www.businesstoday.in/current/economy-politics/covid19-impact-indian-spices-in-demand-for-immunity-properties-exports-rise-34-percent-in-june/story/410331.html
चित्र सन्दर्भ:
मुख्य चित्र में भारतीय मसाले दिखाए गए हैं। (Pexels)
दूसरे चित्र में भारतीय खड़े मसालों के साथ हल्दी और मिर्च का पाउडर दिखाया गया है। (Wallpaperflare)
तीसरे चित्र में रामपुरी व्यंजनों का चित्र समूह है। (Prarang)
चौथे चित्र में भारतीय मसालों को दिखाया गया है। (Flickr)
© - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.