तमिलनाडु के थंजावुर शहर का बड़ा मंदिर दुनिया भर में एक वास्तुशिल्प चमत्कार के रूप में प्रसिद्ध है और भारत की 36 विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। हालाँकि तमिलनाडु में कई भव्य और राजसी मंदिर हैं और यही इस मंदिर को विशेष रूप से दिलचस्प बनाता है। इसके कई स्थापत्य रहस्य भी हैं, जो अभी भी कई लोगों को भ्रमित करते हैं। यहाँ की ग्रेनाइट संरचना भारत में सबसे लंबे गोपुरम में से एक है और शीर्ष पर एक 66-टन का अखंड शिखर है, जो 66 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। हालांकि वास्तुकला और विज्ञान सदियों से एक से बढ़ कर एक संरचनाएं बनाते आएं हैं। 1000 साल से भी पुराना यह मंदिर आज भी विशेषज्ञों को चकित करता है कि इतनी ऊँचाई पर भारी और विशाल शिखर कैसे चढ़ाया गया और इस तरह की विशाल मात्रा में ग्रेनाइट को किस तरह से निर्माण स्थल पर लाया गया, इस बारे में सवाल अभी भी अनुत्तरित ही हैं। जैसे कि यहाँ के टॉवर का निर्माण इस तरह से किया गया है कि यह वर्ष के किसी भी दिन दोपहर की छाया जमीन पर नहीं बनने देता।
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