काली मिट्टी और क्रिकेट पिच का अनोखा कनेक्शन

रामपुर

 06-07-2020 03:32 PM
भूमि प्रकार (खेतिहर व बंजर)

रामपुर के समृद्ध और विविधता पूर्ण इतिहास की तरह ही, इतिहास की गवाही कर रही वहां की मिट्टी में भी बड़ी विभिन्नता है। यहाँ के तराई क्षेत्र में कार्बनिक पदार्थों से भरपूर मिट्टी पाई जाती है। ऊंचे क्षेत्रों या पहाड़ियों में चिकनी बलुई मिट्टी मिलती है तथा निचले क्षेत्रों में चिकनी मिट्टी पाई जाती है। क्षेत्र की भूमि के उपयोग में वहां की मिट्टी के स्वरूप की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यहीं की काली मिट्टी का उपयोग क्रिकेट की पिच बनाने में भी किया जाता है, 810 स्क्वायर मीटर की पिच के ऊपर 300 मिलीमीटर की मोटाई में इस मिट्टी को डाला जाता है। रामपुर की एक खास मिट्टी गुवाहाटी जैसे दूसरे प्रदेशों में भी क्रिकेट पिच बनाने के लिए इस्तेमाल होती है। इस मिट्टी की खासियत यह है कि इसमें चिकनी मिट्टी की मात्रा सबसे ज्यादा होती है, जिस वजह से क्रिकेट की गेंद को अच्छा उछाल मिलता है। एक अच्छे क्रिकेट के लिए पिच की ऊपरी सतह पर चीनी मिट्टी की मात्रा 50-70 प्रतिशत होनी चाहिए।

काली मिट्टी को रेंगूर भी कहा जाता है। वैसे तो काली मिट्टी के अस्तित्व में आने के कई मत हैं, लेकिन ज्यादातर लोग मानते हैं कि काली मिट्टी हजारों साल पहले तब अस्तित्व में आई, जब डेक्कन पठार (Deccan Plateau) में एक विशाल ज्वालामुखी फटा तथा उसका लावा बड़ी मात्रा में फैल कर ठंडा हो गया। ज्यादातर काली मिट्टी दो तरह की चट्टानों से निकलती है, जिनके नाम हैं डेक्कन (Deccan) और राजमहल ट्रैप (Rajmahal Traps)। लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह काली मिट्टी नैसर्गिक रूप से बनती है ना कि किसी चट्टान से। काली मिट्टी काफी देर तक अपने अंदर पानी सोकने की क्षमता रखती है। बारिश के मौसम में जब यह गीली होती है, तो फूल कर चिपचिपी हो जाती है। ऐसे में इस मिट्टी पर काम करना काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि फावड़ा इस मिट्टी में फंस जाता है। काली मिट्टी की मदद से जो प्रमुख फसलें होती हैं, उनमें कपास, गेहूं, ज्वार, तंबाकू, आरंडी, सूरजमुखी और मिलेट्स शामिल हैं। इस मिट्टी पर बड़ी मात्रा में कई प्रकार की सब्जियां और फल भी उगाए जाते हैं।

चित्र संदर्भ:
1. मुख्य चित्र में काली मिटटी की उपजाऊ महत्वता को दिखाया है। (Pickero)
2. दूसरे चित्र में काली मिटटी से तैयार क्रिकेट की पिच को दिखाया गया है। (Youtube)
3. तीसरे चित्र में काली मिटटी में लहलहाती हुई फसल दिखाई दे रही है। (Wikiwand)
4. अंतिम चित्र में काली मिटटी में खेती को दिखाया गया है। (picseql)

सन्दर्भ:
https://www.dw.com/en/the-secret-of-black-soil/a-18199797
​ https://www.telegraphindia.com/states/north-east/a-year-more-for-new-stadium/cid/383498
https://www.indiaagronet.com/indiaagronet/soil_management/CONTENTS/Management%20of%20black.htm (Balck soil details)
https://www.quora.com/What-is-black-cotton-soil



RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id