समाज की गतिशीलता को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है जनसंख्या अध्ययन

रामपुर

 23-06-2020 01:10 PM
सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

जनसंख्या पर अध्ययन का एक महत्वपूर्ण पहलू विभिन्न सामाजिक, आर्थिक या राजनीतिक कारणों से उत्पन्न होने वाले प्रवासन का अध्ययन है। भारत जैसे बड़े देश के लिए, देश के विभिन्न हिस्सों में आबादी के बदलाव के अध्ययन से समाज की गतिशीलता को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है। देश में आर्थिक विकास में इस स्थिति पर खासकर जब कई राज्य तेजी से आर्थिक विकास से गुजर रहे हैं, विशेष रूप से विनिर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी या सेवा क्षेत्र जैसे क्षेत्रों में जनसंख्या का डेटा माइग्रेशन प्रोफाइल (Data migration profile) पहले से कई अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। जब जनगणना में किसी व्यक्ति की गणना अपने जन्म के स्थान से भिन्न स्थान पर की जाती है तो उसे एक प्रवासी माना जाता है। ऐसा भी होता है कि कई लोग बाहर रहने के बाद अपने जन्म स्थान पर लौट आते हैं।

जनसंख्या में हो रहे ऐसे बदलावों को जानने के लिए जनगणना अंतिम रूप से प्रवासन की जानकारी एकत्रित करती है जो वर्तमान प्रवासन परिदृश्य को बेहतर ढंग से समझने में मदद करती है। भारत में, 2001 की जनगणना के अनुसार, लगभग 3070 लाख व्यक्ति जन्म स्थान के अनुसार प्रवासन के रूप में सूचित किए गए। उनमें से लगभग 2590 लाख (84.2%), एक गाँव या शहर से दूसरे गाँव या शहर में चले गए जबकि 420 लाख देश से बाहर चले गए।

जनगणना 2001 के अनुसार भारत में अंतिम निवास और जन्म स्थान द्वारा प्रवासन के आंकडों को निम्नलिखित सारणी के माध्यम से समझा जा सकता है:


ऊपर दर्शाये गये आंकडों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि रोजगार, शिक्षा, आदि के लिए शहरी क्षेत्रों में अधिक अवसर ग्रामीण से शहरी क्षेत्रों में और छोटे कस्बों एवं शहरों से बड़े शहरी क्षेत्रों में प्रवासियों को आकर्षित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक रहा है। इसके अलावा विभिन्न कारकों की वजह से विपरीत दिशा में अर्थात शहरी से ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रवास होता है।

2011 की जनगणना, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय सर्वेक्षण और आर्थिक सर्वेक्षण बताते हैं कि यहां कुल 650 लाख अंतर-राज्य प्रवासी हैं, और इनमें से 33 प्रतिशत प्रवासी श्रमिक हैं। अनुमानों के अनुसार उनमें से 30 प्रतिशत अस्थिर कार्यकर्ता हैं और अन्य 30 प्रतिशत नियमित रूप से कार्य करते हैं किंतु अनौपचारिक क्षेत्र में। अगर आप सड़क विक्रेताओं, एक और कमजोर समुदाय जिसका अनुमान कार्यकर्ता आंकडों द्वारा नहीं लगाया गया है, को जोडते हैं तो इसका मतलब यह होगा कि 120 से 180 लाख ऐसे हैं जो अपने मूल स्थान के अलावा अन्य राज्यों में रहते हैं और अपनी आय खोने के जोखिम में हैं। 2019 में किये गये एक अध्ययन के अनुसार भारत के बड़े शहरों में 29% आबादी दैनिक वेतन भोगियों की है। ऐसा अनुमान लगाया गया है कि कुल अंतर-राज्य प्रवासियों के 25 प्रतिशत और 14 प्रतिशत की उत्पत्ति के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य उत्तरदायी हैं। इसके बाद 6 प्रतिशत और 5 प्रतिशत पर क्रमशः राजस्थान और मध्य प्रदेश का स्थान है। 2016-17 के आर्थिक सर्वेक्षण में जिले-वार प्रवासन आंकडे बताते हैं कि देश के भीतर प्रवासियों का सबसे अधिक प्रवाह शहरी-जिलों में देखा जाता है जिनमें गुरुग्राम, दिल्ली और मुंबई के साथ-साथ गौतम बौद्ध नगर (उत्तर प्रदेश), इंदौर, भोपाल (मध्य प्रदेश), बैंगलोर (कर्नाटक), तिरुवल्लुर, चेन्नई, कांचीपुरम, इरोड, कोयम्बटूर (तमिलनाडु) जैसे शहर-जिलों में देखा जाता है।

प्रवासी श्रमिकों के सबसे अधिक बाहरी प्रवासन को दिखाने वाले जिले उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, कौशाम्बी, फैजाबाद और 33 अन्य जिले तथा उत्तराखंड में उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, राजस्थान में चूरू, झुंझुनू, पाली, बिहार में दरभंगा, गोपालगंज, सीवान, सारण, शेखपुरा, भोजपुर, बक्सर, जहानाबाद; झारखंड में धनबाद, लोहरदगा, गुमला; और रत्नागिरी, महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग शामिल हैं। आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के तहत प्रवासन, 2017 के कार्यकारी समूह की रिपोर्ट (Report) के अनुसार, 17 जिले भारत के कुल पुरुष बाह्य-प्रवास (Male out-migration) के शीर्ष 25% के लिए जिम्मेदार हैं। इनमें से दस जिले उत्तर प्रदेश में, छह बिहार में और एक ओडिशा में है। बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे अपेक्षाकृत कम विकसित राज्यों में उच्च शुद्ध बाह्य-प्रवासन है।

प्रवासियों का सबसे बड़ा प्राप्तकर्ता दिल्ली क्षेत्र था, जहां 2015-16 में आधे से अधिक प्रवास हुआ। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि शुद्ध आंतरिक प्रवासन महाराष्ट्र, गोवा और तमिलनाडु में प्रमुख रूप से देखा गया जबकि शुद्ध बाह्य प्रवासन प्रमुख रूप से झारखंड और मध्य प्रदेश में देखा गया। प्रवासन पर कार्यकर्ता समूह की रिपोर्ट से पता चलता है कि प्रवासी श्रमिकों की हिस्सेदारी महिलाओं के लिए निर्माण क्षेत्र में सबसे अधिक है (शहरी क्षेत्रों में 67 प्रतिशत, ग्रामीण क्षेत्रों में 73 प्रतिशत), जबकि सार्वजनिक सेवाओं (परिवहन, डाक, सार्वजनिक प्रशासन सेवाओं) और आधुनिक सेवाओं (वित्तीय मध्यस्थता, अचल संपत्ति, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि) में सबसे अधिक पुरुष प्रवासी श्रमिक कार्यरत हैं।

चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र - भारत के दिल्ली राज्य में प्रवासी कामगारों की संख्या प्रदर्शित करता हुआ चित्र है। (Youtube)
2. दूसरा चित्र - भारत में कोरोना लॉकडाउन के दौरान खाने के लिए पंक्तिबद्ध श्रमिकों को प्रदर्शित कर रहा है, जो प्रवासी है। (Flickr)
3. तीसरा चित्र - अपने परिवार के साथ पलायन करते प्रवासी कामगार। (Unsplash)

संदर्भ:
1. https://censusindia.gov.in/Census_And_You/migrations.aspx
2. https://bit.ly/2CpE8uK



RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id