समृद्ध और अनोखी वास्तुकला के साथ नाजों से बसाया गया था, रामपुर

रामपुर

 16-06-2020 11:10 AM
वास्तुकला 1 वाह्य भवन

मनुष्य अपने विकास के दौर से ही कई विभिन्न विधाओं को जन्म देने का कार्य करता रहा है और उनही विधाओं मे से एक विधा है वास्तु की। मनुष्य अपने शुरुआती दौर मे यायावरी जीवन जीता था तथा उसे घर आदि बनाने मे कोई खास दिलचस्पी नहीं थी परंतु नव पाषाण काल के दौरान जब पाषाणकालीन व्यक्ति को खेती का ज्ञान हुआ और यही समय था जब मनुष्य ने अपना निवास बनाना शुरू किया और यही से विभिन्न संस्कृतियों आदि की शुरुआत हुयी।

संस्कृतियों के शुरू होने के साथ ही साथ विभिन्न वास्तु के नमूनों का उद्भव होना शुरू हुआ था। शुरुआती दौर के वास्तु अत्यंत ही सरल होते थे, ये गोल और चौकोर प्रकार के होते थे तथा इनपर किसी प्रकार की नक्कासी आदि नहीं की जाती थी। समय के साथ साथ इसमे कई परिवर्तन आए और विभिन्न प्रकार के वास्तु के प्रतिमानों का निर्माण किया गया। उदाहरण के तौर पर अजंता, एलोरा, अहिछेत्र, खजुराहो आदि को देखा जा सकता है।

भारत मे शुरुआती दौर मे मौर्य कला, कुषाण कला, शुंग कला, गुप्त कला, प्रतिहार कला, चंदेल कला, परमार कला, चोल कला, चालुक्य कला, पाल कला आदि, इनके बाद मध्य काल मे सल्तनत कला, बहमनी कला, मुगल कला, राजपूत कला, इंडो सरसैनिक कला (Indo Saracenic art ) आदि। इन सभी कलाओं का अपना एक महत्व है जो कि भारत के विभिन्न भागों मे हमे देखने को मिलते हैं।

रामपुर शहर भारत का एक महत्वपूर्ण शहर है जिसका निर्माण मध्यकाल के दौरान किया गया था। रामपुर एक नाज़ों से बसाया गया शहर है जहां पर कला के विभिन्न प्रतिमानों को बड़े पैमाने पर बनाया गया है। रामपुर मे इंडो सारसैनिक कला का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया गया है और यहाँ पर एंग्लो-इंडियन (Anglo-Indian) शैली को भी देखा जाता है, यहाँ पर खास बात यह है कि रामपुर मे इंडो सारसैनिक कला के साथ एंग्लो इंडियन कला का मिश्रण देखने को मिलता है। यहाँ का महल सराय और खुसरो बाग मे इन शैलियों का प्रयोग आज वर्तमान समय मे हमे देखने को मिलता है।

इंडो सारसैनिक कला मुख्य रूप से हिन्दू-मुगल तथा गोथिक (Gothic) कला का सम्मिश्रण होता है जिसमे गुंबद, मीनार, स्तूपिका, नुकीले मेहराब आदि पाये जाते हैं, रामपुर का रजा पुस्तकालय इसका अनुपम उदाहरण है। यह कला 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध मे विकसित हुयी थी और यह तभी भारत मे विस्तारित हुयी थी, परंतु रामपुर के महल सराय और खुसरो बाग मे भी यह कला दिखाई देती है अब जब हम इतिहास के पन्नों को पलट कर देखते हैं तो पता चलता है कि इनका निर्माण सन 1774 से 1800 के मध्य मे किया गया था।

यह अत्यंत ही दिलचस्प कथन है कि आखिर इन इमारतों मे यह कला कैसे दिखाई देती है? तो इसका एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण इतिहास है जो कि नवाब हामिद अली के राज्यारोहण के बाद शुरू होता है जब उनके समय मे डबल्यू सी राइट (W. C. Wright) ने रामपुर किले मे परिवर्तन किए। इसके अलावा उन्होने और कई महलों आदि को भी बनाया। यही समय था जब रामपुर के इन महलों को भी इंडो सारसैनिक और एंग्लो-इंडियन शैली मे बनाया गया। आज भी रामपुर के ये महल अपने इतिहास को हमारे सामने प्रस्तुत कर रहे हैं।

चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में रामपुर स्थित महल सराय दिखाया गया है।
2. दूसरे चित्र में रामपुर स्थित यूरोपियन अतिथि गृह दिखाया गया है।
3. तीसरे चित्र कोठी खास बाग़ का चित्र है।
4. अंतिम चित्र में खुसरो बाग का चित्र है।

संदर्भ:
1. https://bit.ly/2AukA89
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Indo-Saracenic_architecture
3. https://bit.ly/2CbzRLw
4. https://bit.ly/2AEwFYk
5. https://prarang.in/rampur/posts/1883/postname
6. https://prarang.in/rampur/posts/1631/postname



RECENT POST

  • गर्मियों के मौसम के इस रविवार, आनंद लें आइसक्रीम पर आधारित कुछ विश्व गीतों का
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     05-05-2024 09:13 AM


  • मानचित्र बयां करते हैं, गंगा नदी और उत्तर प्रदेश से जुड़े दिलचस्प ऐतिहासिक क़िस्से
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     04-05-2024 10:17 AM


  • क्या प्रेस को जनता के हित के लिए कार्य करना चाहिए या सत्ता के लिए?
    सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

     03-05-2024 09:50 AM


  • संसार को गणित और राजनीतिक अवधारणाओं से परिचित कराने वाली संस्कृत की वर्तमान स्थिति
    ध्वनि 2- भाषायें

     02-05-2024 10:01 AM


  • आख़िर क्यों बिहार से अलग हो कर बना झारखंड? व जानें लोगो पर क्या पड़ा इसका प्रभाव
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     01-05-2024 06:35 AM


  • अनौपचारिक रोज़गार की सबसे अधिक दर के साथ क्या है न्यूनतम वेतन श्रीलंका और भारत में
    सिद्धान्त 2 व्यक्ति की पहचान

     30-04-2024 10:09 AM


  • समय के साथ बुनाई करघों के विकास ने कपड़ा उत्पादन के क्षेत्र को कैसे बदल दिया?
    स्पर्शः रचना व कपड़े

     29-04-2024 09:51 AM


  • ऐसे मनमोहक भांगड़ा प्रदर्शन जिन्हें देख ख़ुद को नाचने पर कर देंगे मज़बूर
    द्रिश्य 2- अभिनय कला

     28-04-2024 09:53 AM


  • संग्रहालयों के माध्यम से जानें हमारे समाज में मूर्तिकला की भूमिका व अहमियत
    द्रिश्य 3 कला व सौन्दर्य

     27-04-2024 09:27 AM


  • रिचर्ड फ्लोरिडा ने माना है कि, जनता का रचनात्मक वर्ग देता है शहरी उत्थान को बढ़ावा
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     26-04-2024 10:07 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id