रामपुर हाइकोर्ट के गौरवपूर्ण 9 दशक

रामपुर

 04-06-2020 03:00 PM
वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

रामपुर हाइकोर्ट की खूबसूरत इमारत अपने जमाने की मशहूर इमारतों में शुमार की जाती थी। आज अपनी अनदेखी के चलते इसका खस्ताहाल जरूर है लेकिन 90 सालों का इसका गौरवपूर्ण इतिहास यादगार भी है। तो चलते हैं 2 मार्च, 1931 की तारीख में जब ब्रिटिश राज के एक भव्य समारोह में रामपुर स्टेट की हाइकोर्ट की इस इमारत का उद्घाटन हुआ था। कौन-कौन लोग उस समारोह में उपस्थित थे और कौन से 6 जज इस हाइकोर्ट के सदस्य नियुक्त हुए। सच्चाई ये भी है कि उनमें से ज्यादातर की अंग्रेजी कानून संबंधी शिक्षा इंग्लैंड में हुई। वास्तव में आज भी आधुनिक भारत में अंग्रेजी कानून का चलन है।

रामपुर: एक नजर में
रामपुर जिला देशांतर 78-0-54 और 69-0-28 पूर्व और अक्षांश 28-25 और 29-10 उत्तर दिशा के बीच स्थित है। उत्तर में ये ऊधम सिंह नगर से घिरा हुआ है, पूर्व में बरेली से, पश्चिम में मुरादाबाद और दक्षिण में बदायूं से। समुद्र से इसकी ऊंचाई 192 मीटर उत्तर और 166.4 मीटर दक्षिण में है। राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर स्थित रामपुर उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ से 302 कि.मी. पूर्व और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 185 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है, ये रेलमार्ग और सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। सबसे नजदीक का हवाई अड्डे दिल्ली और लखनऊ ही है। वर्तमान में 2367 स्क्वायर कि.मी. का क्षेत्र इसके अंतर्गत आता है। ये उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद डिवीजन में पड़ता है। 2011 की जनसंख्या गणना में रामपुर की आबादी 23,35,398 थी।

रामपुर राज्य: एक परिचय
भारत की आजादी से पहले रामपुर जिला एक स्वतंत्र राज्य था। इसकी स्थापना नवाब अली मोहम्मद खान ने की थी। वे उत्तरी भारत के रोहिल्ला के प्रमुख सरदार दाउद खान के दत्तक पुत्र और उत्तराधिकारी थे। उन्होंने यह क्षेत्र जिसे तब कठेर कहा जाता था, 1737 में सम्राट मोहम्मद शाह से प्राप्त किया था। लेकिन 1946 में अवध के नवाब वजीर से एक मुकाबले में उन्होंने अपना सबकुछ गंवा दिया था। दो साल बाद उन्होंने अहमद शाह दुर्रानी को भारत पर आक्रमण में मदद दी और बदले में ईनाम के तौर पर उन्हें अपने पुराने क्षेत्र वापस मिल गए। अपनी मृत्युशैया पर नवाब अली मोहम्मद खान ने अपने सारे इलाके अपने अनेक बेटों में बराबर से बांट दिए। फैजुल्लाह खान उनके दूसरे पुत्र को रामपुर के आस पास और छाचैट का इलाका मिला।अवध के साथ हुई एक संधि में उनकी संपत्ति की पुष्टि हुई जिसकी गारंटी HEIC द्वारा 7 अक्टूबर , 1774 को दी गई। उसके बाद रोहिल्ला प्रमुख और उनके उपद्रवी अनुयायियों को प्रोत्साहित किया गया कि वे नए राज्य की सीमाओं में शांतिपूर्वक रहें और इसे रामपुर स्टेट के नाम से जाना गया। रामपुर के नवाब रामपुर स्टेट के राजकुमार बने और प्रशासन उनके हाथों में आ गया।

रामपुर हाईकोर्ट की स्थापना
नवाब रजा अली खान रामपुर स्टेट के ‘ इजलास-ए-हुमायूं’ (कमेटी ऑफ फाइनल कोर्ट ऑफ अपील) के अध्यक्ष थे जोकि भारत के प्रीवी काउंसिल ऑफ ब्रिटिश जुडीशियल सिस्टम के समकक्ष था। ये रामपुर स्टेट की सबसे बड़ी अपील करने की अदालत थी। अपनी स्टेट में कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए नवाब ने एक फरमान रामपुर स्टेट में हाईकोर्ट की स्थापना के लिए 13 अगस्त, 1930 को जारी किया। एक आलीशान समारोह में 2 मार्च, 1931 में नवाब रामपुर ने इसका उद्घाटन किया। ये रजा लाइब्रेरी के नजदीक एक सुंदर इमारत में स्थित था। उस समय इसे पुरानी तहसील सदर और रजिस्ट्री ऑफिस कहा जाता था।

नई हाईकोर्ट का संविधान
रामपुर स्टेट की नई हाईकोर्ट का संविधान इस प्रकार था
1. श्री मुअज्जम अली खां,बार एट लॉ,चीफ जस्टिस
2. श्री इर्शादुल्लाह खां, बार एट लॉ, अवर न्यायाधीश
3. श्री बशीर हुसैन जैदी, बार एट लॉ, अवर न्यायाधीश
4. श्री मोइन उद्दीन अंसारी,सेशन जज
5. शर्फुज्जमान खां, सब जज
6. श्री महमूदशाह खान, मुख्य मजिस्ट्रेट

रामपुर हाइकोर्ट की प्रमुख हस्थियां
मिस्टर जस्टिस मोअज्जम अली खां स्वर्गीय शुभा अजमद अली खां के बेटे थे जिन्होंने रामपुर और इंदौर स्टेट्स के लिए बहुत नाम कमाया। उनके पुर्खे कई पीढ़ियों से नवाबों की सेवा करते आ रहे थे। रामपुर आने से पहले श्री मुअज्जम अली खां ने इंदौर में बहुत नाम कमाया। वे वहां एडवोकेट जनरल रहे और होल्कर स्टेट के न्यायिक सलाहकार भी। वे समाज के उच्च और निम्न वर्ग में एक से लोकप्रिय थे। मिस्टर मोहम्मद इर्शाद अली की कई पुश्तों ने रामपुर स्टेट के बहुत ऊंचे पदों पर काम किया। इनके बाद की पीढ़ियों ने भी स्टेट में ऊंचे पजों पर काम किया। श्री इर्शान अली के पिता रामपुर के स्मॉल कौसेज कोर्ट में जज थे। उनकी शिक्षा MAO कॉलेज में हुई। बाद में उन्होंने अलीगढ़ के लॉ कालेज में दाखिला लिया। इसके बाद ब्रिटिश सरकार के रेवेन्यु विभाग में नौकरी की। तीन साल स्टेट सरकार की नौकरी की। 1924 में वो एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन्स जज के पद पर भी कार्यरत थे।1930 में नई हाइकोर्ट में बतौर अवर जज नियुक्त हो गए। मिस्टर मोहम्मद मुईन-उद्दीन अंसारी का जन्म लखनऊ के प्रसिद्ध फिरंगी महल परिवार में हुआ था। उनके पिता हैदराबाद हाईकोर्ट के प्रमुख वकील थे। लखनऊ में शिक्षा के बाद वो इंग्लैंड गए, विश्व विद्यालय शिक्षा और बार ट्रेनिंग के लिए। 1923 में भारत लौटने पर उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट के एड्वोकेट के तौर पर पंजीकृत किया गया। लेकिन वो लखनऊ आ गए और 7 साल वकालत की। 1931 में उन्हें रामपुर हाइकोर्ट में सिविल और सेशंस जज नियुक्त किया गया।

चित्र सन्दर्भ:
1. मुख्य चित्र में रामपुर हाई कोर्ट की इमारत का दुर्लभ चित्र है।
2. दूसरे चित्र में रामपुर हाई कोर्ट की ईमारत का प्रवेश द्वार है।
3. तीसरे चित्र में रामपुर हाई कोर्ट के सभी अधिकारी और न्याय पैनल को रामपुर हाई कोर्ट के चिन्ह (मोहर) के साथ दिखाया गया है।
4. चौथे और पांचवे चित्र में आधुनिक चित्र में रामपुर हाई कोर्ट की ईमारत दिखाई दे रहा है।

सन्दर्भ:
1. http://rampurcourt.nic.in/History/history.htm
2. http://rampurcourt.nic.in/highcourt/highcourt.htm



RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id