विदेशी आगंतुकों के लिए रोहिलखण्ड एक विशेष स्थान रहा है। ब्रिटिश संरक्षण के तहत यह एक 15 बंदूकों की सलामी वाला राज्य था और ब्रिटिश अधिकारी अक्सर ही यहां आते रहते थे। लॉर्ड हेस्टिंग्स (Lord Hastings) भी उनमें से ही एक था। 1974 में लंदन में एक नीलामी घर (auction house) ने सीता राम नामक एक अज्ञात कलाकार द्वारा बनाए गए दो एल्बमों (albums) के चित्र बेचे। ये एल्बम क्रमशः सीता राम द्वारा बनाए गये मोर्शेदाबाद से पटना तक के एंटाइटल्ड व्यूस वॉल्यूम 1 (entitled Views by Seeta Ram from Moorsheedabad to Patna Vol.1) और सीता राम द्वारा सिकंदरा से आगरा तक के दृश्य वॉल्यूम IX. (Views by Seeta Ram from Secundra to Agra Vol IX.) हैं। प्रत्येक एल्बम में भारत के प्रासंगिक भाग के दृश्यों और स्मारकों के स्थलाकृतिक दृश्यों के 23 बड़े चित्र शामिल थे जिन्हें जल रंग द्वारा सजाया गया था। दोनों को जल्द ही पूरी दुनिया में संग्राहकों के पास भेज दिया गया। ये एल्बम एक अमीर ब्रिटिश यात्री द्वारा अधिकृत किये गये बहुत बड़े सेट (set) का हिस्सा थे। जिनकी सिद्धता, संरक्षण या तिथि का कोई सुराग नहीं था। वॉल्यूम IX की एक पेंटिंग 'द ग्रेट गन ऑफ आगरा (the Great Gun of Agra) की है जिसे 1986 में ब्रिटिश संग्रहालयों के लिए अधिग्रहण किया गया था। इन एल्बमों के अन्य चित्रों को भारतीय चित्रों के कई प्रमुख संग्रहकर्ताओं द्वारा अधिग्रहित किया गया।
इनमें से कई विभिन्न प्रदर्शनी कैटलॉग (catalogues) में प्रकाशित हुए। ये सभी बड़े (औसत 40 से 60 सेमी) जल रंग समकालीन मुर्शिदाबाद स्कूल में प्रशिक्षित एक भारतीय कलाकार के हैं, जो 1810-15 के दौर में कलकत्ता में कार्य करता था। यह कलाकार अपने आप में सुरम्य और सुंदर रचनाओं की रचना करने में सक्षम था। 1995 में ब्रिटिश संग्रहालयों की पेशकश के साथ सीता राम के अन्य शेष एल्बमों (II-VIII और X) को भी अभिग्रहित किया गया। उन्होंने 1813-23 में बंगाल के गवर्नर-जनरल मार्केस ऑफ हेस्टिंग्स (Marquess of Hastings) द्वारा भारत में बनवाये गये चित्रों के एल्बमों के संग्रह का हिस्सा बनाया। सीता राम के दस एल्बम 1814-15 में लॉर्ड (Lord) और लेडी (Lady) हेस्टिंग्स की कलकत्ता से दिल्ली और वापसी की यात्रा का वर्णन करते है। संग्रह में सभी 25 एल्बमों में भारतीय, चीनी और ब्रिटिश कलाकारों के चित्र थे। वे पिछले 150 वर्षों से स्कॉटलैंड में मार्किस ऑफ ब्यूट (Marquis of Bute) के संग्रह में थे, और वास्तव में अभी तक अज्ञात और असंदिग्ध थे। हेस्टिंग्स तब सीता राम के संरक्षक बने और यात्रा के ये चित्र कलाकार द्वारा 1814-1815 में निर्मित किये गये। यह यात्रा 1858 में लॉर्ड हेस्टिंग्स की पत्रिका के प्रकाशन के माध्यम से जानी जाती है, जिसे उनकी बेटी मारकीओनेस ऑफ़ बुटे (Marchioness of Bute) द्वारा सम्पादित किया गया।
23 चित्र वाले 10 एल्बमों में उत्तर भारत के भव्य दृश्य देखे जा सकते है। भारत में अंग्रेजों की संपत्ति का निरीक्षण करने और भारतीय शासकों और कुलीनों से मिलने तथा नेपाल के साथ मौजूदा युद्ध पर कड़ी नज़र रखने के लिए कमांडर-इन-चीफ (Commander-in-Chief) के रूप में उनकी क्षमता को देखने के लिए, हेस्टिंग्स ने कलकत्ता से पंजाब और वापसी की यात्रा की। हेस्टिंग्स के साथ उनकी पत्नी और छोटे बच्चे भी थे। साथ में उनके सचिव और उनका परिवार और 150 सिपाही और बंगाल सेना की एक बटालियन (battalion) भी उनके साथ जा रही थी। नदी की यात्रा को दर्शाती कुछ पेंटिंग (Paintings) भारतीय चित्रकला में सबसे शांत और सुंदर कृतियों में से एक हैं। यात्रा का एक अन्य प्रमुख उद्देश्य हेस्टिंग्स के लिए नए नवाब विज़ीर गाजी अल-दीन हैदर से मिलना था। इन 10 एल्बमों में से रामपुर की उत्तम जल रंग की पेंटिंग देखी जा सकती हैं जो रामपुर के शुरुआती विवरणों में से एक हैं।
इन चित्रों में आगरा में ग्रेट गन (Great Gun) के नाम से प्रसिद्ध तोप, गंगा नदी पर बना फ्लोटिला (Flotilla), बनारस में राजघाट के मंदिर, लॉर्ड हेस्टिंग्स और नवाब गाजी अल-दीन का राज्य लखनऊ में प्रवेश, हरिद्वार के घाट, दिल्ली के कलान मस्जिद में लेडी हेस्टिंग्स का दौरा, फिरोज शाह मीनार और एक पलाश का पेड़ आदि के चित्र शामिल हैं। इनके अलावा वॉल्यूम V और वॉल्यूम IV में क्रमशः मुरादाबाद में लॉर्ड मोइरा के कैम्प (Lord Moira's camp) और एक रोहिला घुड़सवार को दो अन्य घुड़सवारों के साथ भी चित्रित किया गया है। कलकत्ता से पंजाब और वापसी की यात्रा के दौरान बनाये गए चित्रों की एक निरंतर श्रृंखला में आगरा में अफज़ल खान की कब्र का इंटीरियर (Interior), चांद की रोशनी में ताजमहल का दृश्य, आसफ अल-दौला के इमामबाड़ा में रूमी दरवाजा प्रवेश द्वार, पटना में गोला या ग्रेन स्टोन हाउस (Grain Stone House), पटना में जाफिर खान का बगीचा आदि हैं। एक अन्य चित्र में सीता राम ने मुरादाबाद में चार यूरोपियों जोकि लार्ड हेस्टिंग्स के सेवक हैं, को सुन्दर जल रंगों के साथ चित्रित किया है। ये सभी महावत के साथ एक हाथी पर बैठे हैं तथा एक चालक लाठी लिए हुए उनके पीछे चल रहा है।
चित्र (सन्दर्भ):
1. ऊपर दिए गए सभी चित्र सीताराम द्वारा बनाये गए जल चित्र की प्रतिलिपि हैं, जो प्रारंग के चित्र संग्रह में से ली गयी हैं। इन चित्रों में रामपुर का द्वार, लॉर्ड हेस्टिंग्स के सेवक (चार यूरोपवासियों) द्वारा हाथी की सवारी इत्यादि चित्र हैं।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/3bqCEgG
2. https://bit.ly/2RSrFoh
3. https://bit.ly/3cviNwF
4. https://bit.ly/2VH01M9
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