अनोखा है, अन्य जंगली जानवरों से बचाव के लिए पैंगोलिन का तरीका

रामपुर

 19-04-2020 01:10 PM
स्तनधारी

भारतीय पैंगोलिन (Manis crassicaudata), जिसे मोटी पूंछ वाला पैंगोलिन भी कहा जाता है और परतदार चींटीखोर पैंगोलिन भारत का मूल निवासी है। अन्य पैंगोलिन की तरह, इसके शरीर पर बड़े, अतिव्यापी परत होती हैं जो कवच के रूप में कार्य करती हैं। यह बाघों और शेरों जैसे शिकारियों के खिलाफ आत्मरक्षा के लिए अपने शरीर को एक गेंद के रूप घुमाकर गोल कर सकता है। इसके शरीर पर परतों का रंग पृथ्वी और आसपास के परिवेश के रंग के आधार पर भिन्न होता है। यह एक कीटभक्षी है, अपने लंबे पंजे का उपयोग करते हुए मिटटी के टीलों और अन्य स्थानों से खोदकर ये चींटियों और दीमकों को खाता है, , इसके पंजे इसके अग्र अंगों की तरह लंबे होते हैं। यह रात्रिचर है और दिन के दौरान गहरे गड्ढों में रहता है।

भारतीय पैंगोलिन को उसके मांस और उसके शरीर पर पायी जाने वाली परतों के लिए अवैध शिकार से खतरा है, जो स्थानीय लोगों द्वारा उपयोग और उपभोग किया जाता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसका तेजी से कारोबार किया जाता है। पैंगोलिन के शरीर के विभिन्न भागों को भोजन और चिकित्सा के स्रोतों के रूप में महत्व दिया जाता है। इसके शरीर पर पायी जाने वाली परतों का उपयोग एक कामोद्दीपक औषधि के रूप में किया जाता है और इससे आकर्षक और सुन्दर छल्ले भी बनाये जाते हैं। चमड़े का सामान बनाने के लिए खाल का उपयोग किया जाता है, जिसमें बूट्स और जूते शामिल हैं। शिकार का अधिकांश हिस्सा खानाबदोश और प्रशिक्षित स्थानीय शिकारियों द्वारा किया जाता है। कम से कम 2000 के दशक से चीन में खपत के लिए भारतीय पैंगोलिन के शरीर के अंगों की तस्करी की जा रही है। पैंगोलिन सबसे भारी तस्करी के कारण संरक्षित स्तनधारियों में से एक है।

सन्दर्भ:
1.
https://www.youtube.com/watch?v=9apG1ILx_PY
2. https://www.youtube.com/watch?v=nV4tkt30Kqs
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Indian_pangolin



RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id