परंपरा के अनुरूप होली में प्रमुख चार रंगों का ही उपयोग होता है, जो अत्यंत प्रतीकात्मक है। लाल, पीला, हरा और नीला ये चार रंग अध्यात्म जगत में अच्छाई के चार आधारभूत सिद्धांतों के रंग हैं।
1. किसी को लाल रंग लगाने के पीछे हमारे मनीषियों का उद्देश्य यही था कि हम उस व्यक्ति को अभय का दान देते हैं। उस व्यक्ति को हमसे कोई भी संयोग में किसी भी प्रकार से डरने की आवश्यकता नहीं है।
3. प्रकृति की भाँति, हरा रंग सबके साथ निष्काम भाव से सहयोग का प्रतीक है। मनुष्य के जीवन में दूसरों से कामना, स्वार्थ का भाव ही स्वयं में दुःख की अनुभूति कराता है। हरा रंग प्रतीक है कि हम निस्वार्थ भाव से जीवन जीते हुए सभी के लिए उपयोगी होने का निर्णय करते हैं।
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