पूरे विश्व में ऐसे कई हथियार हैं जिनका मूल भारत से है। गुप्ती (gupti) भी भारत का एक प्रकार का पारंपरिक हथियार है जिसे कटार, खंजर, भाला आदि कहा जा सकता है। इसका अंतिम बिंदु और दोनों किनारे बहुत नुकीले होते हैं तथा इसे इस प्रकार से डिजाइन किया गया है जिससे यह हथियार के रूप में प्रयोग किया जा सके। यह पूरी तरह से लकड़ी के बॉक्स (Box) में छिपाया जा सकता है। इसकी तुलना चलने के लिए प्रयोग की जाने वाली छड या छोटी छड से की जा सकती है। अक्सर लकड़ी के छड जैसे एक बॉक्स के अंदर इसे छिपा पाया गया। विशेष रूप से फकीरों के पास, जिस कारण इसे फकीर की बैसाखी भी कहा गया।
फकीर इस्लाम धर्म के सूफीवाद का अनुसरण करते हैं तथा घर-परिवार, सुख-सुविधाएं त्याग सडकों-गलियों में घूमते रहते हैं। इन्हें किसी प्रकार का भी हथियार रखने की अनुमति नहीं होती। सडकों में घूमने और सोने के कारण इन्हें निरंतर असुरक्षा का भय था और इस कारण इन्होंने एक लकडी की बैसाखी के अंदर छिप सकने वाले हथियार को विकसित किया। बाहर से लकडी की बैसाखी दिखने वाली संरचना के अंदर इन्होंने नुकीले तेज धार वाले हथियार को रखना शुरू किया ताकि यह अपने प्राणों की रक्षा कर सकें। इस प्रकर यह फकीरों में अत्यधिक लोकप्रिय हुआ। इस हथियार के कई रूपांतरण हैं जिसमें से तलवार या स्वॉर्डस्टिक (Swordstick) भी एक है। यह एक प्रकार की छड है जिसमें एक ब्लेड (blade) जैसी संरचना छिपी हुई होती है। इस शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर 18 वीं शताब्दी के आसपास यूरोपीय हथियारों का वर्णन करने के लिए किया जाता था, लेकिन पूरे इतिहास में इसके समान उपकरणों का उपयोग किया गया, जिनमें रोमन डोलन (Roman dolon), जापानी shikomizue और भारतीय गुप्ती भी शामिल हैं।
18 वीं और 19 वीं शताब्दी के दौरान, धनी लोग स्वॉर्डस्टिक का प्रयोग करना अत्यधिक पसंद करते थे। इस अवधि के दौरान, इस हथियार को खुले तौर पर इस्तेमाल करना या पास रखना सामाजिक रूप से कम स्वीकार्य था। लेकिन उच्च वर्ग के पुरुष तलवारबाजी में प्रशिक्षित थे तथा आत्मरक्षा के लिए नियमित रूप से इसे अपने पास रखते थे। महिलाओं के पास यह हथियार प्रायः चलने के लिए प्रयोग की जाने वाली छड़ में छिपा होता था क्योंकि महिलाओं द्वारा इसका इस्तेमाल खुले तौर पर करना या यह ज्ञात होना कि इसका उपयोग कैसे करना है, सामाजिक रूप से कम स्वीकार्य था। इन हथियारों के प्रवेश के तुरंत बाद गैजेट केन (gadget canes) लोकप्रिय हुई जिनमें एक ब्लेड के बजाय, किसी के व्यापार के उपकरण, कम्पास (compasses) और यहां तक कि शराब पीने के लिए एक बर्तन के उपकरण रखे जाने लगे। कई देशों में इसका स्वामित्व, ढुलाई, निर्माण या व्यापार आदि प्रतिबंधित है। बेल्जियम में यह निषिद्ध है क्योंकि यह छिपे हुए हथियारों के अंतर्गत आता है।
फ्रांस में इसे पास में रखना 6 वीं श्रेणी के हथियार को पास में रखने जैसा माना जाता है। जर्मनी में स्वॉर्डस्टिक को छिपे हुए शस्त्रों को रखना निषिद्ध है। न्यूजीलैंड में स्वॉर्डस्टिक को एक प्रतिबंधित आक्रामक हथियार माना जाता है। भारत में आयुध अधिनियम ने ब्लेड की लंबाई के आधार पर कुछ चाकूओं को हथियार के रूप में वर्गीकृत करने के प्रावधान को बरकरार रखा है। इसके अलावा यह इस बात पर भी ध्यान केंद्रित करता है कि आखिर किस इरादे से चाकू पास में रखा गया है। गोरखाओं का खुखरी तथा सिखों का तलवार धारण करना इसके अपवाद हैं। हालांकि यह निरपेक्ष नहीं है। यदि निरोधात्मक आदेश लागू हैं, तो यह अधिकार भी निलंबित है। लाइसेंसिंग अधिकारियों ने आम तौर पर चाकू या तलवार के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया है।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2Hytl0P
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Swordstick
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Gupti
4. https://bit.ly/2VeDdF8
© - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.