संसार में एक ही वंश से उत्पन्न होने वाले जीवों की विभिन्न प्रजातियां पायी जाती हैं। इन प्रजातियों में कुछ गुण एक दूसरे से भिन्न होते हैं जिस कारण इन्हें अलग-अलग रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इसी प्रकार का एक जीव लंगूर भी है, जिसकी अलग-अलग प्रजातियां धरती पर मौजूद हैं जिनमें से एक है ग्रे लंगूर (Gray Langur)। ग्रे लंगूर (सेमनोपिथेकस-Semnopithecus) को हनुमान लंगूर भी कहा जाता है तथा यह पुरानी दुनिया के बंदरों का वंशज है जोकि भारतीय उपमहाद्वीप के मूल निवासी हैं। भारत में यह लंगूर उत्तर-प्रदेश राज्य में भी देखा जा सकता है। परंपरागत रूप से केवल एक प्रजाति सेमनोपिथेकस एंटेलस (Semnopithecus entellus) की ही जानकारी प्राप्त हुई थी, लेकिन 2001 के बाद से, अतिरिक्त प्रजातियां भी देखने को मिली हैं। वर्तमान समय में केवल आठ प्रजातियों को मान्यता दी गई है। ग्रे लंगूर स्पष्ट रूप से स्थलीय क्षेत्रों, जंगलों, लकड़ी के घने जंगलों और भारतीय उपमहाद्वीप के शहरी क्षेत्रों में पाये जाते हैं। अधिकांश प्रजातियाँ कम से मध्यम ऊंचाई पर पाई जाती हैं किंतु नेपाल और कश्मीर में पाये जाने वाले ग्रे लंगूर हिमालय में 4,000 मीटर (13,000 फीट) तक भी पाये जा सकते हैं।
ग्रे लंगूर तीन प्रकार के समूहों में रहते हैं। एक एकल-नर समूह है जिसमें एक वयस्क नर, कई मादाएं और संतानें शामिल होती हैं, दूसरा बहु-नर समूह है जिसमें सभी उम्र के नर और मादाएं शामिल होते हैं, तीसरा समूह सभी नर समूहों का होता है जोकि, सबसे छोटा समूह है जिसमें वयस्क, उप-वयस्क और छोटे लंगूर शामिल होते हैं। कुछ साक्ष्यों के अनुसार बहु-नर समूह अस्थायी होते हैं और बाद में एकल नर समूह तथा सभी-नर समूहों में विभाजित हो जाते हैं। सामाजिक पदानुक्रम सभी प्रकार के समूहों के लिए मौजूद हैं। सभी नर वाले समूह में आक्रामकता के माध्यम से प्रभुत्व प्राप्त किया जाता है। लैंगिक रूप से परिपक्व महिलाओं के बीच, उनका पड़ शारीरिक स्थिति और उम्र पर आधारित होती है। मादा जितनी कम उम्र की होगी उसका पड़ उतना ही ऊंचा होगा। नर में पड़ में अधिकांश परिवर्तन समूह के सदस्यों में परिवर्तन के दौरान होता है। एक नर लंगूर 45 महीने तक एकल नर समूह में रह सकता है। पुरुष प्रतिस्थापन की दर समूह के आधार पर जल्दी या धीरे-धीरे हो सकती है। मादा लंगूर एक-दूसरे से घुली मिली होती हैं। वे एक साथ मिलकर विभिन्न गतिविधियों जैसे यात्रा, आराम इत्यादि करती हैं। वे अपने पड़ की परवाह किए बिना एक-दूसरे की देख-रेख करती हैं। नर और मादाओं के बीच संबंध आमतौर पर सकारात्मक होते हैं। नरों के बीच संबंध शांतिपूर्ण से लेकर हिंसक तक हो सकते हैं। मादाएं बड़े होने पर भी अपने समूहों में ही रहती हैं, जबकि नर वयस्क होने पर समूह से अलग हो जाते हैं।
भारत में ग्रे लंगूर की आबादी कुछ क्षेत्रों में स्थिर है किंतु कुछ में काफी घट गयी है। काले पैर वाले ग्रे लंगूर और कश्मीर के ग्रे लंगूर दोनों को संकट की स्थिति में माना जा रहा है। काले पैर वाले ग्रे लंगूर बहुत ही दुर्लभ हैं जिसमें 250 से भी कम वयस्क लंगूर शेष हैं। भारत में, ग्रे लंगूरों की संख्या लगभग 3,00,000 है। लंगूरों को पकड़ने या मारने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून भी निर्मित किये गये हैं किंतु फिर भी देश के कुछ हिस्सों में उनका अब भी शिकार किया जाता है। इन कानूनों को लागू करना मुश्किल साबित हुआ है और ऐसा लगता है कि अधिकांश लोग कानून से अनजान हैं। खनन, जंगल की आग और लकड़ी के लिए वनों की कटाई आदि उनके अस्तित्व के लिए खतरा है। इसके अलावा लंगूर सड़कों के पास भी पाए जाते हैं जिससे वे वाहन दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं। लंगूरों को प्रायः दो प्रजातियों के रूप में देखा जाता है। पहला पुरानी दुनिया का बंदर (Old World Monkeys) तथा दूसरा नयी दुनिया का बंदर (New World Monkeys)। दरअसल शारीरिक असमानताओं के कारण उन्हें यह नाम दिये गये। तो चलिए जानते हैं कि कौन सी असमानताएं इन्हें एक दूसरे से अलग करती हैं।
नयी दुनिया के बंदरों का आकार छोटे से मध्यम आकार तक का हो सकता है तथा इन बंदरों की नाक चपटी है। वे अपनी पूंछ का प्रयोग 5वें पैर की तरह करते हैं। इनमें ट्राइक्रोमैटिक (Trichromatic) दृष्टि का अभाव होता है। नयी दुनिया के बंदरों में 12 प्रीमोलर (Premolar) होते हैं। अंगूठा अन्य अंगुलियों के अनुरूप स्थित होता है। इसके विपरीत पुरानी दुनिया के बंदर मध्यम से बड़े आकार के प्राइमेट (Primate) हैं। इनकी नाक संकीर्ण है। ये अपनी पूंछ का इस्तेमाल पांचवें पैर की तरह नहीं करते हैं। इनमें ट्राइक्रोमैटिक दृष्टि पायी जाती है। प्रीमोलरों की संख्या 8 होती है तथा इनका अंगूठा प्रायः अन्य अंगुलियों के विपरीत होता है। पुरानी दुनिया के बंदरों के महत्वपूर्ण उदाहरण रीसस मकाक (Rhesus macaque) और ग्रे लंगूर हैं।
संदर्भ:
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Gray_langur
2. https://www.monkeyworlds.com/new-world-vs-old-world-monkeys/
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Old_World_monkey
4. https://en.wikipedia.org/wiki/New_World_monkey
5. http://primatecare.com/primate-care-sheets/old-world-vs-new-world-monkeys/
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