बरसात का मौसम हो और आप मच्छरों से बच जायें, ऐसा कभी सम्भव नहीं है। क्योंकि मच्छर गर्मियों और बरसात के मौसम में सबसे अधिक दिखने वाले या पनपने वाले जीव हैं जो आपके घर के आस-पास गंदे पानी में मौजूद हो सकते हैं। इसलिए इनसे प्रभावित हुए बिना आप रह नहीं सकते। किंतु क्या आपने कभी यह महसूस किया कि किसी मच्छर ने आप को तो काटा है किंतु आपके पास बैठा व्यक्ति उस मच्छर से अप्रभावित है? इसका जवाब अवश्य ही हां होगा क्योंकि अक्सर ये घटना हर किसी के जीवन में घटित होती है। तो आईये जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों है?
दरअसल मादा मच्छर आपको इसलिए काटती हैं क्योंकि उसे अपने प्रजननक्षम अंडे को विकसित करने के लिए आपके रक्त की आवश्यकता होती है। किंतु प्रत्येक व्यक्ति का रक्त समान रूप से प्रभावी नहीं होता क्योंकि मनुष्यों में A और B एंटीजन (Antigens) तथा एंटीबॉडी (Antibodies) की उपस्थिति या अनुपस्थिति के आधार पर चार प्रकार के रक्त समूह A, B, AB और O पाये जाते हैं। आनुवांशिकता के आधार पर आपका रक्त समूह वो हो सकता है जो आपके माता या पिता का है अर्थात यदि आपके माता-पिता दोनों का रक्त समूह AB है तो आपका रक्त समूह A, B या AB हो सकता है।
रक्त समूह A के बाद O सबसे सामान्य रक्त समूह है। 1972 में हुई एक वैज्ञानिक खोज के अनुसार सर्वदाता रक्त समूह ‘O’ मच्छरों को सबसे अधिक आकर्षित करता है। अर्थात जिन लोगों का रक्त समूह O होता है उन्हें मच्छर सबसे अधिक काटते हैं। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, मच्छर उन लोगों को भी सबसे अधिक काटते हैं जिनकी त्वचा से कुछ रसायनों जैसे लैक्टिक एसिड (Lactic acid) का स्राव होता है। यह स्राव व्यक्ति के डीएनए (DNA) पर निर्भर करता है। डीएनए रक्त समूह को भी निर्धारित करता है। इसके अलावा शरीर की ऊष्मा, कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide), उपापचय आदि भी ऐसे कारक हैं जो मच्छरों को आकर्षित करते हैं।
आनुवांशिक इंजीनियरिंग (Genetic Engineering) के विकास के साथ कई ऐसी तकनीकों को विकसित कर लिया गया है जो इस प्रकार की समस्याओं से निजात दिलाने में सहायक हैं। नई जीन-एडिटिंग (Gene editing) तकनीक वैज्ञानिकों को यह योग्यता या क्षमता दे देती है कि वे मलेरिया (Malaria) और ज़ीका वायरस (Zika Virus) के वाहकों का सफाया कर सकें। जीन-एडिटिंग प्रक्रिया में किसी जीव के डीएनए अनुक्रम को हटाकर, बदलकर या नया अनुक्रम शामिल कर आनुवंशिक पदार्थ में हेराफेरी की जाती है ताकि अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकें। इसी प्रकार मच्छरों के डीएनए अनुक्रम की भी अदला-बदली की जाती है ताकि मलेरिया और ज़ीका वायरस जैसे वाहकों का सफाया किया जा सके। वैज्ञानिकों ने ऐसे जेनेटिक कोड (Genetic code) का निर्माण किया है जोकि मादा मच्छरों में प्रजनन को बाधित करता है और कस्टम (Custom) डीएनए को निषेचित मच्छर के अंडे में इंजेक्ट (Inject) करता है। इस प्रकार जेनेटिक इंजीनियरिंग की इस प्रक्रिया के द्वारा पृथ्वी से मच्छरों का पूरी तरह से सफाया किया जा सकता है।
संदर्भ:
1. https://animals.mom.me/mosquitoes-favor-specific-blood-types-6196.html
2. https://www.terminix.com/blog/science-nature/do-mosquitoes-prefer-a-blood-type/
3. https://www.smithsonianmag.com/innovation/kill-all-mosquitos-180959069/
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