विश्व भर में आज तमाम ऐसे देश हैं जिनमे अन्य देशों से आई हुई जनसँख्या का आंकड़ा बहुत ही बड़ा है। वर्तमान समय में भारत में कई देशों के अप्रवासी आकर निवास करते हैं इनमें से कई भारतीय नागरिकता लिए हुए हैं, कुछ कागजाद के साथ हैं और एक बड़ी आबादी अवैध रूप से निवास करती है। ऐसी जनसँख्या भारत में मुख्य रूप से पाकिस्तान, बंगलादेश, अफगानिस्तान आदि से हैं। इस लेख के माध्यम से हम बंगलादेशी प्रवासियों के बारे में चर्चा करेंगे। ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो बंगलादेश भारत का ही हिस्सा था लेकिन उपनिवेशिक काल के समय में ब्रितानी शासन (British Rule) के द्वारा एक बड़ी आबादी में लोग इस भूभाग से काम करने के लिए लाये गए थे। इनको लाने का मुख्य काम था विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर। उस काल में लाई गयी जनसंख्या के अलावा सबसे बड़े रूप से जिस जनसँख्या ने भारत में प्रवास किया वो बंगलादेश की आजादी के समय की है। उस समय एक तनाव पूर्ण माहौल जरूर बन गया था लेकिन इस प्रवास से दोनों देशों को आर्थिक लाभ जरूर मिला था। भारत में बांग्लादेशियों की संख्या का अनुमान व्यापक रूप से भिन्न है।
भारत सरकार द्वारा की गयी 2001 की जनगणना के समय में 3.1 मिलियन बांग्लादेशी आबादी निवास करती थी। वहीँ 2009 में एक आंकड़े के अनुसार भारत में बंगलादेशियों की संख्या 15 मिलियन की थी जिन्होंने यहाँ पर निवास किया था। 2012 में मुल्लापल्ली राम्चंद्रन, गृह राज्य मंत्री ने दावा किया कि अकेले भारत में 1.4 मिलियन लोग ने एक दशक में प्रवास किया। 2007 में भारत सरकार ने कहा कि गैर कानूनी रूप से भारत में 30,000 बंगलादेशी रह रहे हैं। अब उपरोक्त लिखित कथनों के अनुसार यह कहा जा सकता है कि भारत सरकार के पास अप्रवासी बांग्लादेशियों संख्या से सम्बंधित कोई ठोस आँकड़ा नहीं है । भारत में रहने वाली वैध, अवैध आदि प्रकार की जनसंख्या की भाषा मुख्य रूप से बांगला है। इसका एक महत्वपूर्ण कथन यह भी है कि बंगलादेश से भारत में आना एक अत्यंत ही सस्ता विकल्प है इसके लिए मात्र 2000 रूपए तक का खर्चा आता है। यह दोनों देश आपस में एकदम से सटे हुए हैं। कई बार जो कुछ जरूरी कागजात चाहिए वो भी मात्र 200 रूपए जैसी सस्ती राशि में बन जाते हैं। अतः एक बड़ी आबादी अवैध तरीके को वैध साबित कर के भारत में आ जाती है। बांग्लादेशी प्रवासियों का प्रभाव भारत में होने वाले चुनावों आदि में भी देखने को मिला है उसका जीता जागता उदाहरण आसाम है। वोटर आई डी कार्ड बनाना एक सरल उपाय है जिसका फायदा ये अप्रवासी लेते हैं। भारत में इनकी संख्या का कोई ठोस आंकड़ा न होने के कारण यह भी एक सरदर्द बना हुआ है कि इतनी बड़ी आबादी किस प्रकार से संभलेगी। भारत में नागरिकता क़ानून संविधान में लिखित वर्णनों के अनुसार चलता है। इस कानून में कई बार परिवर्तन किये गए हैं जिनमे सबसे ताजा उदाहरण अभी हाल ही में देखने को मिला है।
सन्दर्भ:-
1. https://en.wikipedia.org/wiki/Bangladeshis_in_India
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Illegal_immigration_to_India
3. https://bit.ly/2Sb66jW
4. https://bit.ly/2sMP00S
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