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विश्व भर में कोई भी प्राकृतिक आपदा बता कर नहीं आती। प्राकृतिक आपदाओं में भूकंप सबसे अधिक भयानक होते हैं क्योंकि इनसे अचानक बिना किसी भी पूर्वाभास के कुछ क्षणों में ही हज़ारों-लाखों प्राणियों का जीवन प्रभावित हो जाता है। साथ ही भूकंप बहुत बड़े भूभाग में सब तहस-नहस कर देता है। न तो यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे, यूएसजीएस (United States Geological Survey, USGS) और न ही कोई अन्य वैज्ञानिक कभी भी बड़े भूकंप की भविष्यवाणी कर सकता है। यूएसजीएस वैज्ञानिक केवल इस संभावना की गणना कर सकते हैं कि किस वर्ष में एक विशिष्ट क्षेत्र में एक भूकंप आ सकता है। भूकंप की भविष्यवाणी को 3 तत्वों में परिभाषित करा जाता है 1.) दिनांक और समय, 2.) स्थान, और 3.) परिमाण।
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि भूकंप की भविष्यवाणी कुछ चिह्नों के द्वारा की जा सकती है, परन्तु भूकंप का बादलों और शारीरिक दर्द से कोई लेना-देना नहीं है। भूकंप एक वैज्ञानिक प्रक्रिया का हिस्सा है, और ये सब बातें वैज्ञानिक सबूतों पर आधारित नहीं हैं। साथ ही कई ऐसी भविष्यवाणी भी करी जाती हैं कि अगले 30 दिनों में अमेरिका में कहीं M4 भूकंप आएगा या आज अमेरिका के पश्चिमी तट पर एक M2 भूकंप आएगा आदि, तो यह स्वाभाविक बात है कि इनमें से एक भविष्यवाणी सच हो सकती हैं। यूएसजीएस अल्पकालिक भविष्यवाणियां करने के बजाय संरचनाओं की सुरक्षा में सुधार करने में मदद करके भूकंप के खतरों को कम करने के प्रयास पर अपना ध्यान केंद्रित करती है।
भूकंप पृथ्वी की सतह का हिलना होता है, जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी के लिथोस्फीयर (Lithosphere) में अचानक ऊर्जा जारी होती है जो भूकंपीय तरंगों का निर्माण करती है। जब एक बड़े भूकंप का केंद्र तटीय क्षेत्र के नज़दीक होता है, तो वह सुनामी का कारण बन जाता है। भूकंप भूस्खलन और कभी-कभी, ज्वालामुखीय गतिविधि को भी सक्रिय कर देते हैं। भूकंप अक्सर दो कारणों से होते हैं, एक तो प्राकृतिक गतिविधि के कारण से या मानव गतिविधि के कारण। वैसे तो अधिकांश भूकंप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों (Tectonic Plates) की गति के कारण होते हैं, परन्तु मानव गतिविधि भी भूकंप पैदा करती है।
मानव द्वारा की जाने वाली चार मुख्य गतिविधियां कुछ ये हैं : एक बांध के पीछे बड़ी मात्रा में पानी का भंडारण करना, खुदाई और द्रव पदार्थों को कुओं में डालना, कोयला खनन और तेल की खुदाई द्वारा भूकंप आने की संभावनाएं और अधिक बढ़ जाती हैं। मानव गतिविधि का सबसे अच्छा ज्ञात उदाहरण मई में चीन के सिचुआन प्रांत में 2008 में आया भूकंप है। इस झटके के परिणामस्वरूप 69,227 मौतें हुईं और यह अब तक का 19वां सबसे घातक भूकंप रहा है।
हालांकि भूकंप के दौरान सुरक्षित रहने के लिए आप कई चीजें कर सकते हैं। यदि आप भूकंप के दौरान घर के अंदर हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप निम्नलिखित कार्य करें:
• सबसे पहले ज़मीन पर गिर जाएं, फिर किसी मज़बूत मेज़ या फर्नीचर (Furniture) के नीचे आवरण लें और झटके बंद होने तक बाहर ना निकलें। यदि आसपास कोई मेज़ नहीं है तो अपने चेहरे और सिर को अपनी बाहों से ढँक लें और भवन के एक कोने में स्थिर बैठ जाएं।
• कांच, खिड़कियों, बाहर के दरवाजों और दीवारों से दूर रहें क्योंकि वहाँ से कुछ भी गिर सकता है।
• भूकंप आने पर बिस्तर पर ही रहें और सर को तकिए से ढक लें, लेकिन यदि आपके आस पास कोई भारी चीज़ है जो आपके ऊपर गिर सकती हो तो उस स्थिति में किसी नज़दीकी सुरक्षित स्थान में आवरण लें।
• ऐसे किसी द्वार का उपयोग न करें जो भार उठाने में आसमर्थ हो।
• जब तक झटके संपूर्ण रूप से बंद न हो जाएं तब तक अंदर रहें और तब बाहर आएं जब बाहर आना सुरक्षित हो। कई अनुसंधान से पता चला है कि लोगों को ज्यादातर चोटें तब लगती हैं जब वे इमारत से बाहर निकलने का प्रयास करते हैं।
• लिफ्ट (Lift) का उपयोग न करें क्योंकि ध्यान रखें कि बिजली जा सकती है या आग लग सकती है।
यदि आप भूकंप के दौरान बाहर हैं, तो निम्न बातों का ध्यान रखें:
• जहां हैं वहीं खड़े रहें, परंतु इमारतों, सड़क में मौजूद लाइटों (Light) और तारों से दूर रहें।
• जब तक झटके बंद न हो जाएं, तब तक वहीं खड़े रहें। बाहरी दीवारों के बाहर और साथ ही बाहरी इमारतों के आसपास सबसे ज्यादा खतरा मौजूद होता है।
यदि आप भूकंप के दौरान एक चलती गाड़ी में हैं, तो निम्न बातों का ध्यान रखें:
• जैसे ही झटके महसूस हों एक सुरक्षित स्थान देखकर जल्द से जल्द रूक जाएं, और वाहन के अंदर ही रहें। इमारतों, पेड़ों, ओवरपास (Overpass) और तारों के पास या नीचे ना रुकें।
• भूकंप के रुकने के बाद सावधानी से चलें और भूकंप से क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों के आसपास जाने से बचें।
यदि आप भूकंप के दौरान या उसके बाद मलबे के नीचे फंस जाते हैं, तो निम्न बातों का ध्यान रखें:
• माचिस ना जलाएं।
• इधर-उधर ना हिलें और धूल ना उड़ाएं।
• एक रूमाल या कपड़े से अपना मुँह ढक लें।
• किसी पाइप या दीवार पर मारें ताकि बचावकर्मी आपका पता लगा सकें। यदि उपलब्ध हो तो किसी सीटी का उपयोग करें। अंतिम उपाय के रूप में एक बार चिल्लाएँ परन्तु चिल्लाना आपके लिए खतरनाक हो सकता है तथा इससे मुँह में अधिक मात्रा में धूल घुसने की संभावना हो सकती है।
भारत में भी भूकंप कई बार आ चुका है, यहाँ भूकंप की तीव्रता और उच्च आवृत्ति का कारण एशिया में लगभग 47 मिमी / वर्ष की दर से चलने वाली भारतीय प्लेट हैं। निम्नलिखित उन प्रमुख भूकंपों की एक सूची है जो भारत में आए हैं:

संदर्भ:
1. https://www.ses.vic.gov.au/get-ready/quakesafe/what-to-do-in-an-earthquake
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Earthquake
3. https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_earthquakes_in_India
4. https://www.usgs.gov/faqs/can-you-predict-earthquakes?qt-news_science_products=0#qt-news_science_products