हमारा दिमाग इतना शक्तिशाली है और यह किसी भी स्थिति के आभासी प्रभाव को पैदा करने की क्षमता रखता है और जब हमारे सपने या विश्वास मजबूत हो जाते हैं तो यह अक्सर भौतिक पदार्थों को प्रभावित करने की शक्ति प्राप्त करता है। यदि आप किसी वास्तु के बारे में सपने देख रहे होते हैं, तो उस समय वह तथाकथित वस्तु आपके पास होती है। यदि आप खुद की कल्पना करते हैं तो आप अपनी ही दूसरी छवि पाते हैं। जब हर कोई सकारात्मक सोच की शक्ति का प्रचार करता है, तो भूतिया सोच की शक्ति क्या है?
इन सभी सवालों के बारे में बनायीं गयी थी, सन 2007 में रिलीज की गयी फिल्म भूल-भुलैया।। इस फिल्म में विघटनकारी व्यक्तित्व विकार (डिसोशिएटिव आइडेंटिटी डिसॉर्डर) जैसे एक अहम विषय को हास्यात्मक रूप से प्रदर्शित किया गया था। आज प्रारंग लेकर आया है, इस फिल्म में राजपाल यादव द्वारा निभाए गये छोटे पंडित के किरदार का स्पूफ चलचित्र (Spoof Video)।
सन्दर्भ:
1. https://www.youtube.com/watch?v=d43IXGSjCH4
2. https://www.youtube.com/watch?v=gjPGJcgS5Kg
3. https://www.youtube.com/watch?v=2nGRfy8hCJ0
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