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जैसा कि हम जानते ही हैं कि पृथ्वी सपाट नहीं है। यह पहाड़ों, घाटियों, सागरों इत्यादि से मिलकर बनी है। बाह्य रूप से देखने पर दृश्य हमें कुछ इसी प्रकार का दिखाई देता है किंतु इसके भीतर और कुछ भी है जो प्रायः छिपा रहता है। उदाहरण के लिए हम समुद्र की सतह से नीचे बहने वाली झीलों, नदियों, तालाबों इत्यादि के बारे में बात कर सकते हैं। जी हां, यह बात बहुत आश्चर्यचकित करती है, किंतु सत्य है। समुद्र की सतह के नीचे एक और दुनिया है जो हमसे छिपी हुई है या जिसे हम नहीं जानते। ये दुनिया ताज़े पानी की झीलों, नदियों, तालाबों और इसमें विचरण कर रहे जीवों से बनी है। इस बात की पुष्टि मैक्सिको की खाड़ी से की जा सकती है जहां समुद्र की सतह के नीचे कुछ जगहों पर झीलें और नदियाँ पायी गयी हैं।
रामपुर भी मोती और गौर जैसी महत्वपूर्ण झीलों का घर है, लेकिन सभी झीलें पृथ्वी की सतह पर मौजूद नहीं होती हैं। हमने अक्सर नदियों या झीलों को बाहर ही बहते देखा है इसलिए यह कल्पना करना मुश्किल हो सकता है कि समुद्र जो अथाह जल से व्याप्त है वहां पर भी झीलें या नदियों पायी जा सकती हैं। जब सर्वप्रथम गोताखोरों ने इस दृश्य को देखा तो उनके आश्चर्य का भी कोई ठिकाना न था। तो चलिए जानते हैं कि आखिर समुद्र के अंदर इन जीलों या नदियों का निर्माण हुआ कैसे?
दरअसल समुद्र की सतह के कुछ क्षेत्रों में लवणीय नमक की मोटी परतें होती हैं जोकि कुछ मील लंबी और गहरी हो सकती हैं। जब समुद्री जल इस घने नमक के सम्पर्क में आता है तो उसके साथ मिश्रित हो जाता है जिससे नमक इस पानी में घुलने लगता है। इसके परिणामस्वरूप अत्यधिक लवणीय और सघन पानी का निर्माण होता है जो समुद्री जल से बिल्कुल अलग दिखता है।
इसकी संरचना समुद्र में ठीक ऐसी बन जाती है जैसी तेल और पानी को मिश्रित करने पर तेल अलग हो जाता है और पानी अलग। इस प्रकार समुद्री जल और इन लवणीय झीलों या नदियों में भिन्नता आ जाती है। बिना बल का प्रयोग करे गोताखोर इन झीलों और नदियों में प्रवेश नहीं कर सकते क्योंकि ये बहुत ही अधिक सघन होते हैं। इनकी लम्बाई कुछ मील हो सकती है जो बहुत गहरी होती है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी और वुड्स होल ओशियनोग्राफिक इंस्टीट्यूशन (Woods Hole Oceanographic Institution) के वैज्ञानिकों ने पहली बार इन जलाशयों की मैपिंग (Mapping) की थी जो दुनिया के ताज़े पानी का सबसे नया स्रोत साबित हो सकते हैं।
भले ही अब हम यह जान चुके हैं कि पानी के नीचे झीलें और नदियाँ मौजूद हैं किंतु यह जानना भी ज़रूरी है कि इन झीलों या नदियों में तैरा नहीं जा सकता क्योंकि इसमें मीथेन (Methane) और हाइड्रोजन सल्फाइड (Hydrogen sulfide) की अत्यधिक विषाक्त सांद्रता होती है जो जानलेवा है। इसी कारण समुद्र के अन्य जीव इसमें निवास नहीं करते। हालांकि फिर भी कुछ जीवों जैसे सीप, घोंघा आदि ने इस पानी में अपने विशाल समुदाय बना लिये हैं क्योंकि वे इस खारे जल से अनुकूलन स्थापित कर चुके हैं।
संदर्भ:
1. https://oceantoday.noaa.gov/lakesinanocean/
2. https://bit.ly/32mpblk
3. https://qz.com/1650613/scientists-discover-sea-of-fresh-water-under-the-ocean/
4. https://oceanservice.noaa.gov/facts/riversnotsalty.html
5. http://www.geog.ucsb.edu/~kclarke/G126/Lecture06.ppt
6. http://valorielord.com/index.cfm/blog/underwater-lakes-and-rivers/
चित्र सन्दर्भ:
1. https://www.amazon.com/Blue-Planet-II-David-Attenborough/dp/B077XY5SCB
2. https://www.youtube.com/watch?v=iHBvKDOfWiI