शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके - सर्वपल्ली राधाकृष्णन|
शिक्षा तथा ज्ञान की प्राप्ति सिर्फ किताबों से नहीं बल्कि आस-पास के वातावरण, संस्कृतियों तथा उनका ऐतिहासिक महत्त्व समझने से होगा| शिक्षा का हर विषय एक दुसरे में जुड़ा हुआ है| बच्चों की शिक्षा उनके घर से तथा आस-पास के वातावरण से शुरू होती है| सही उम्र पर विद्यालय में दाखिला करवाना भी बच्चों के मानसिक विकास के लिए अत्यंत अावश्यक है| भारत की बात करें तो यहाँ कई विश्वविद्यालयों की स्थापना हुई तथा उत्तर प्रदेश का लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद ज्ञान का केंद्र रहा| अट्ठारहवीं एवं उन्नीसवीं शताब्दी में रामपुर भी शिक्षा में अग्रसर रहा तथा यहाँ के लोग कला, संगीत, चित्रकारी इत्यादि में सबसे उत्तम पद पर रहें| रामपुर जिले में प्रति लाख जनसंख्या पर विद्यालयों की संख्या पर नज़र डाले तो 2014-2015 में जूनियर बेसिक विद्यालय 88 तथा सीनियर बेसिक विद्यालय लगभग 42 हैं| यह प्रति लाख जनसंख्या के हिसाब से कम है, परन्तु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के आकड़ें और भी चिंताजनक हैं – रामपुर जिले में प्रतिलाख जनसंख्या पर केवल 6 उच्चतर विद्यालय है|
1.जिलेवार विकास संकेतक, उत्तर प्रदेश 2015 - अर्थ एवं संख्या प्रभाग, राज्य नियोजन संस्थान नियोजक विभाग, उत्तर प्रदेश.
2.http://www.censusindia.gov.in/2011census/dchb/0905_PART_B_DCHB_RAMPUR.pdf