जल और मिट्टी की तरह वायु भी हमारे अस्तित्व को बनाए रखने के लिए बहुत आवश्यक है। किंतु क्या हो यदि यह वायु ही हमारी मृत्यु का कारण बन जाए? यह कल्पना बहुत डरावनी प्रतीत होती है किंतु सत्य है। बढ़ती जनसंख्या तथा बढ़ते संसाधनों का सीधा प्रभाव हमारे वातावरण पर पड़ता है जिसमें वायु भी शामिल है। विभिन्न कारखानों, वाहनों और ईंधनों आदि से निकलने वाली हानिकारक गैस वायु में दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और मानव स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है। वायु प्रदूषण की चपेट में केवल बाहरी वातावरण ही नहीं बल्कि घरेलू वातावरण भी शामिल है। अर्थात घर के अंदर भी हम प्रदूषित वायु में जी रहे हैं। भारत उन देशों में से एक है जहां वायु प्रदूषण सर्वाधिक मात्रा में होता है।
रामपुर की वायु गुणवत्ता हालांकि ‘औसत’ है किंतु फिर भी यहां की वायु अतिसंवेदनशील व्यक्तियों, श्वसन सम्बंधी मरीज़ों, बुज़ुर्गों और नवजात शिशुओं को प्रभावित कर सकती है। दरअसल कारखानों, वाहनों, और ईंधन से निकलने वाला धुंआ वायुमंडल में जाकर ऑक्सीजन (Oxygen) युक्त वायु को विषाक्त कर देता है। इन हानिकारक गैसों में कार्बन-डाई-ऑक्साइड (Carbon dioxide), नाईट्रोजन ऑक्साइड (Nitrogen oxide) आदि गैसें शामिल हैं। ये गैसें ओज़ोन (Ozone) परत से क्रिया करके उसका क्षरण करती हैं जिससे सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणें सीधे पृथ्वी को प्रभावित करती हैं और विभिन्न रोगों का कारण बनती हैं।
वायु प्रदूषण का मानव जीवन पर प्रभाव निम्नलिखित रूपों में देखा जा सकता है:
• सांस लेने में कठिनाई का अनुभव होता है।
• वायु प्रदूषण से हृदय और श्वसन संबंधी बीमारियां उत्पन्न होती हैं।
• फेफड़े ग्रसित हो सकते हैं।
• ओज़ोन क्षरण से त्वचा सम्बंधी रोग हो सकते हैं।
• दमा, ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), और कैंसर (Cancer) जैसी भयावह बीमारियां विकसित होती हैं।
• हानिकारक वायु का प्रभाव गर्भवती महिलाओं पर बहुत अधिक देखा जा सकता है।
• खांसी या गले में खराश जैसे लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं।
• सीने में दर्द, सिरदर्द या मतली जैसी समस्या उत्पन्न होती है।
वर्तमान में कई ऐसे उपकरण उपलब्ध हैं जिनकी सहायता से आस-पास के वातावरण की वायु गुणवत्ता को मापा जा सकता है। यह मौसम पूर्वानुमान सम्बंधी जानकारियां भी प्रदान करते हैं। इन्हें वायु गुणवत्ता सूचकांक कहा जाता है। रामपुर की वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान की जानकारी आप निम्नलिखित लिंक में जाकर प्राप्त कर सकते हैं:
https://www.airvisual.com/india/uttar-pradesh/rampur
वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान को मापने के लिए सर्वाधिक उन्नत प्रणाली वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (System of Air Quality and Weather Forecasting- SAFAR) का उपयोग भी किया जाता है। यह एक प्रकार की एप्प (App) है जिसे पहली बार 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) के दौरान दिल्ली में लाया गया था। वायु गुणवत्ता सूचकांक के आधार पर इसके द्वारा स्वास्थ्य परामर्श एवं संबंधित सावधानी अधिसूचित की जाती है तथा नागरिकों को पहले से ही तैयार किया जाता है। यह भारत की पहली वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली है जिसे सबसे पहले दिल्ली में परिचालित किया गया था। यह वायु प्रदूषण और मौसम के खराब होने की अवस्थाओं के बारे में लोगों को जागरूक करती है।
वायु प्रदूषण के प्रभाव से बचने के लिए आपको घर से बाहर निकलते समय या घर के अंदर कुछ सावधानियां बरतनी होंगी जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
• अपने क्षेत्र की वायु गुणवत्ता की निरंतर जांच करें।
• मीडिया (Media) अक्सर धुंध की चेतावनी प्रसारित करती है। अतः इसके लिए पहले से ही जागरूक रहें।
• यदि आपको कोई श्वसन सम्बंधी बीमारी है तो दवा अपने पास रखें तथा डॉक्टर के निर्देशों का ठीक से पालन करें।
• उन क्षेत्रों में जाने से बचें जहां वायु प्रदूषित है जैसे व्यस्त सड़कें, औद्योगिक क्षेत्र आदि।
• बाहर जाने पर महसूस होने वाले लक्षणों पर विशेष ध्यान दें। यदि सांस लेने में कठिनाई होती है, तो घर के अंदर रहें।
• बाहरी वायु प्रदूषण को कम करने में योगदान दें।
• सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। यह वायु प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा।
• सर्दियों में अलाव और लकड़ी के चूल्हे के उपयोग को सीमित करें।
• घर के अंदर प्राकृतिक चीज़ों का उपयोग करें।
• घर के अंदर धुम्रपान न करें।
• नियमित रूप से अपनी खिड़कियों और दरवाज़ों को खोलें।
संदर्भ:
1. https://www.airvisual.com/india/uttar-pradesh/rampur
2. http://safar.tropmet.res.in/
3. http://www.sparetheair.com/health.cfm
4. https://bit.ly/2ryRjRH
5. https://bit.ly/2OpAMfi
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