उच्चतम शिक्षा वो है जो हमें सिर्फ जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है – रवीन्द्रनाथ टैगोर| शिक्षा के बिना किस भी शहर एवं देश का विकास होना असंभव है| रामपुर की बात करें तो यहाँ का रज़ा पुस्तकालय आज भी हमारे सामने इस बात का गवाह है कि कैसे रामपुर में साहित्य एवं कला को प्रोत्सहान दिया जाता था| लखनऊ एवं दिल्ली के बाद यहाँ पर कला संस्कृति को सबसे ज्यादा संरक्षण मिला| रामपुर घराने में कई कवी, साहित्यकारों, संगीतकारों इत्यादि को संरक्षण मिला जैसे वज़ीर खान, नौबत खान, पंडित रवि शंकर इत्यादि जिससे उनकी कला प्रसिद्ध हुई|अट्ठारहवी एवं उन्नीसवी शताब्दी में जहाँ रामपुर के लोग सबसे शिक्षित एवं ज्ञान, संगीत, साहित्य, कला से परिपूर्ण थे आज वही यहाँ की साक्षरता दर केवल 53 प्रतिशत रह गया है| रामपुर ज़िले में महिलाओं की कुल संख्या लगभग 11 लाख है जिसमे साक्षरता दर केवल 44 प्रतिशत है (अर्थात् करीब 5 लाख महिलायें) वही पुरुषों की संख्या लगभग 12 लाख 23 हज़ार है (अर्थात् करीब 7 लाख 46 हजार) और साक्षरता दर 61 प्रतिशत है| औद्योगीकरण एवं प्रौद्योगिकी उन्नति के बाद यहाँ की शिक्षा दर बढ़ने के बजाए घट गयी| वह शहर जो की इतिहास में शिक्षा एवं कला का सबसे बड़ा मिसाल था आज वही यहाँ की साक्षरता दर में सबसे अत्यधिक गिरावट हुई है। 1.http://www.censusindia.gov.in/2011census/dchb/0905_PART_B_DCHB_RAMPUR.pdf
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