कैसे किया एक इंजीनियर ने भारत में दुग्ध क्रांति (श्वेत क्रांति) का आगाज

आधुनिक राज्य : 1947 ई. से वर्तमान तक
15-09-2019 02:39 PM
कैसे किया एक इंजीनियर ने भारत में दुग्ध क्रांति (श्वेत क्रांति) का आगाज

डॉ॰ वर्गीज़ कुरियन (Verghese Kurien) एक प्रसिद्ध भारतीय सामाजिक उद्यमी थे और श्वेत क्रांति के जनक ('फादर ऑफ़ द वाइट रेवोलुशन') के नाम से 'बिलियन लीटर आईडिया' (ऑपरेशन फ्लड, विश्व का सबसे बड़ा कृषि विकास कार्यक्रम) के लिए आज भी मशहूर हैं। इस ऑपरेशन ने 1998 में भारत को अमरीका (America) से भी ज्यादा तरक्की दी और हमारे भारत देश को दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बना दिया|

उन्होंने लगभग 30 संस्थाओं कि स्थापना की (AMUL, GCMMF, IRMA, NDDB आदि) जो किसानों द्वारा प्रबंधित हैं और पेशेवरों द्वारा चलाये जा रहे हैं। गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (GCMMF) के संस्थापक अध्यक्ष होने के नाते डॉ॰ कुरियन अमूल इंडिया के उत्पादों के सृजन के लिए ज़िम्मेदार थे। डॉ॰ कुरियन की अमूल से जुडी उपलब्धियों के परिणाम स्वरुप तब प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें 1965 में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड का संस्थापक अध्यक्ष नियुक्त किया तांकि वे राष्ट्रव्यापी अमूल के "आनंद मॉडल" को दोहरा सकें|

विश्व में सहकारी आंदोलन के सबसे महानतम समर्थकों में से एक, डॉ॰ कुरियन ने भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में लाखों लोगों को गरीबी के जाल से बहार निकाला है। डॉ॰ कुरियन को पद्म विभूषण (भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान), विश्व खाद्य पुरस्कार और सामुदायिक नेतृत्व के लिए मैगसेसे पुरस्कार सहित कई पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया था|

सन्दर्भ:-
1.
https://www.youtube.com/watch?v=zQM6_ClThno
2. https://bit.ly/2mfD0Sy