उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन

रामपुर

 27-08-2019 03:13 PM
जंगल

पृथ्‍वी पर जीवन चलाने हेतु वन अभिभावक की भूमिका अदा करते हैं। क्षेत्रानुसार यहां विभिन्‍न प्रकार के वन जैसे उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन, उष्ण कटिबंधीय आद्र पर्णपाती वन, उष्ण कटिबंधीय कटीले वन, उपोष्ण पर्वतीय वन, शुष्क पर्णपाती वन, हिमालय के आद्र वन आदि मौजूद हैं। इन वनों में अनकों प्रजाति के पेड़-पौधे मौजूद हैं।
वनों को मुख्य रूप से तीन प्रमुख क्षेत्रों में बांटा गया है:
• उष्णकटिबंधीय वन
• शीतोष्ण वन
• बोरियल वन (boreal )

उष्णकटिबंधीय वन: ये वन दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में भूमध्य रेखा के आसपास पाये जाते हैं। यहां जीव-जंतुओं और वनस्पतियों की सबसे अधिक विविधता पायी जाती है। यहां का तापमान वर्ष भर स्थिर रहता है जोकि लगभग 27°C तक होता है। यहा एक वर्ष में कम से कम 200 सेमी (80 इंच) बारिश होती है। यहां पायी जाने वाली वनस्पतियों में ब्रॉडलिफ (Broadleaf ) वृक्ष, मॉस (mosses), फर्न (ferns), ताड़ और ऑर्किड (orchids) शामिल हैं। जबकि बंदर, सांप, मेंढक, छिपकली और छोटे स्तनधारी यहां के मुख्य जीव-जंतु हैं। यहां की मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होती है।

उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों की विभिन्न उपश्रेणियाँ निम्नलिखित हैं:
• सदाबहार (Evergreen ) वन
• मौसमी (Seasonal) वन
• सूखे (Dry) वन
• मोंटेन (Montane) वन
• उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय शंकुधारी वन
• उप-उष्णकटिबंधीय वन

समशीतोष्ण वन: समशीतोष्ण वन उत्तरी अमेरिका, उत्तरपूर्वी एशिया और यूरोप में पाए जाते हैं। सामान्य तौर पर, यहां का तापमान -30 से 30 डिग्री सेल्सियस तक होता है और जंगलों में प्रति वर्ष 75-150 सेमी (30-60 इंच) वर्षा होती है। यहां पर्णपाती और शंकुधारी पेड़ों की अधिकता होती है। यहां पाये जाने वाले पेड़ों में आम की प्रजातियाँ, ओक (बलूत), बीच (beech), मेपल (maple), एल्म (elm), बिर्च (birch) आदि शामिल हैं। यहां के आम जानवरों में गिलहरी, खरगोश, पक्षी, हिरण, भेड़िये, लोमड़ी और भालू शामिल हैं। वे ठंडे सर्दियों और गर्म गर्मी के मौसम दोनों के लिए अनुकूलित हैं। शीतोष्ण सदाबहार शंकुधारी वन उत्तर पश्चिमी अमेरिका, दक्षिण जापान, न्यूजीलैंड और उत्तर पश्चिमी यूरोप में पाए जाते हैं।
समशीतोष्ण वनों की निम्नलिखित उपश्रेणियाँ हैं:
• नम शंकुवृक्ष और सदाबहार विस्तृत वन
• शुष्क शंकुवृक्ष वन
• भूमध्यसागरीय वन
• समशीतोष्ण ब्रॉड-लिव्ड (broad-leaved) वर्षावन

बोरियल (Boreal) वन: ये वन उप-आर्कटिक क्षेत्र में 50 और 60 डिग्री अक्षांश के बीच पाए जाते हैं। इस क्षेत्र में साइबेरिया, स्कैंडिनेविया, अलास्का और कनाडा शामिल हैं। पेड़ शंकुधारी और सदाबहार होते हैं। यहां दो प्रकार के मौसम हैं एक हल्की गर्मी तथा दूसरी ठंडी शुष्क सर्दी। यहां का तापमान -40 से 20 ° C तक होता है। इन वनों में हर साल लगभग 40-100 सेमी (15-40 इंच) तक वर्षा होती है। यहां की मिट्टी अम्लीय होती है जिनमें पोषक तत्वों की मात्रा कम होती है। यहां के मुख्य पेडों में देवदार और स्प्रूस (spruce), फर (fir) आदि शामिल हैं। भालू, लिनेक्स (lynx), भेड़िया, हिरण, वूल्वरिन (wolverines), कारिबू, चमगादड़ आदि पक्षी शामिल हैं।

भारत में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिमी घाट, प्रायद्वीपीय भारत के समुद्र तट और उत्‍तर पूर्व में असम तक फैले हुए हैं। इनका कुछ अंश ओडिशा में भी पाया जाता है। उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन सामान्‍यतः 200 सेमी से अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं और 15 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस के तापमान वाले होते हैं। यह पृथ्‍वी की सात प्रतिशत भूमि पर मौजूद हैं। भूमध्यरेखीय क्षेत्र में, ये वन वर्ष भर हरे भरे रहते हैं। भारत में अर्ध-सदाबहार वन सदाबहार वनों की तुलना में अधिक व्‍यापक रूप से फैले हैं, क्‍योंकि मानवीय हस्‍तक्षेप में सदाबहार वनों की संख्‍या में कमी आयी है। भारत में पाए जाने वाले इन वनों में कई वाणिज्यिक प्रजाती के वृक्ष जैसे भारतीय शीशम, मालाबार किनो, सागौन, भारतीय लॉरेल शामिल है, किंतु कई क्षेत्रों से इन्‍हें साफ कर दिया गया है। रामपुर में पाये जाने वाला बेल के वृक्ष उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों की प्रजाति हैं।

दक्षिणपूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिणी चीन और दक्षिणपूर्वी ब्राज़ील में, उपोष्णकटिबंधीय चौड़ी पत्ती वाले सदाबहार वन व्‍यापक रूप से फैले हुए हैं। उत्तर-पश्चिमी उत्तरी अमेरिका में, आर्द्र शीतोष्ण शंकुधारी वन पाए जाते हैं। यह वन बहुत घने, बहुक्षेत्रीय और ऊंचे होते हैं। इन पेड़ों का आकार 45 मीटर ऊंचा होता है, कुछ कुछ तो 60 मीटर से भी अधिक ऊंचे होते हैं। लॉगिंग, प्रदूषण, तेल और गैस के विकास, खनन, पनबिजली जैसी मानव विकास परियोजनाएं इन वनों पर खतरा बनीं हुयी हैं।

दक्षिण अमेरिका में स्थित विश्‍व के सबसे बड़े अमेजन वर्षा वन में अन्‍य उष्णकटिबंधीय वनों की तुलना में सर्वाधिक जैव विविधता पायी जाती है। यह क्षेत्र लगभग 25 लाख कीट प्रजातियों, हजारों पौधों, पक्षियों और स्तनधारियों का घर है। कम से कम 40,000 पौधों की प्रजातियों, 2,200 मछलियों, 1,294 पक्षियों, 427 स्तनधारियों, 428 उभयचर, और 378 सरीसृपों को वैज्ञानिक रूप से इस क्षेत्र में वर्गीकृत किया गया है। सभी पाँच प्रजातियों में से एक अमेज़ॅन वर्षावन में पायी जाती हैं, और पाँच में से एक मछली प्रजाति अमेजोनियन नदियों में रहती है। वैज्ञानिकों ने अकेले ब्राजील में 96,660 और 128,843 अकशेरुकी प्रजातियों का वर्णन किया है। अमेजन के वन ग्लोबल वार्मिंग को विनियमित करने में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं साथ ही यह वन वर्ष भर में लाखों टन कार्बन डाई ऑक्‍साइड को अवशोषित करते हैं।

हाल ही में अमेजन वर्षा वनों में लगी आग ने इसे भारी नुकसान पहुंचाया है इस वर्ष अमेजन में 75 हजार वनाग्‍नि के केस दर्ज किए गए हैं, जो 2013 से दुगुना हैं। अमेजन में जुलाई से अक्‍टूबर तक शुष्‍क मौसम रहता है, जिसमें आग लगना स्‍वभाविक है। किंतु कई मानवीय गतिविधियों के कारण भी यहां आग लगा दी जाती है। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो की पर्यावरण विरोधी बयानबाजी ने लोगों को वृक्ष काटने के लिए और अधिक प्रोत्‍साहित किया है। इसके साथ ही जंगल में लगी इस आग से निपटने के लिए सरकार के पास पर्याप्‍त संसाधन उपलब्‍ध नहीं है। इस आग से कार्बनडाई ऑक्‍साइड और धूंए की मात्रा में तीव्रता से वृद्धि हुयी है। यदि यही स्थिति बनी रही तो इसके दुष्‍प्रभाव संपूर्ण विश्‍व को भोगने पड़ेगें।

संदर्भ:
1.
https://en.wikipedia.org/wiki/Tropical_Evergreen_forests_of_India
2. http://webmaggu.com/blog/2016/03/19/tropical-wet-evergreen-forests/
3. https://www.bbc.com/news/world-latin-america-49433767
4. https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S1878522015000788
5. https://en.wikipedia.org/wiki/Amazon_rainforest
6. https://www.zmescience.com/other/did-you-know/different-types-forests/
चित्र सन्दर्भ:-
1.
https://bit.ly/2ZxKrWY
2. https://bit.ly/2ZsdLKz
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Indian_elephant#/media/File:Elephas_maximus_(Bandipur).jpg



RECENT POST

  • मेहरगढ़: दक्षिण एशियाई सभ्यता और कृषि नवाचार का उद्गम स्थल
    सभ्यताः 10000 ईसापूर्व से 2000 ईसापूर्व

     21-11-2024 09:26 AM


  • बरोट घाटी: प्रकृति का एक ऐसा उपहार, जो आज भी अनछुआ है
    पर्वत, चोटी व पठार

     20-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, रोडिन द्वारा बनाई गई संगमरमर की मूर्ति में छिपी ऑर्फ़ियस की दुखभरी प्रेम कहानी
    म्रिदभाण्ड से काँच व आभूषण

     19-11-2024 09:20 AM


  • ऐतिहासिक तौर पर, व्यापार का केंद्र रहा है, बलिया ज़िला
    आधुनिक राज्य: 1947 से अब तक

     18-11-2024 09:28 AM


  • इस अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस पर चलें, ऑक्सफ़र्ड और स्टैनफ़र्ड विश्वविद्यालयों के दौरे पर
    वास्तुकला 1 वाह्य भवन

     17-11-2024 09:27 AM


  • आइए जानें, विभिन्न पालतू और जंगली जानवर, कैसे शोक मनाते हैं
    व्यवहारिक

     16-11-2024 09:15 AM


  • जन्मसाखियाँ: गुरुनानक की जीवनी, शिक्षाओं और मूल्यवान संदेशों का निचोड़
    विचार I - धर्म (मिथक / अनुष्ठान)

     15-11-2024 09:22 AM


  • जानें क्यों, सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में संतुलन है महत्वपूर्ण
    विचार 2 दर्शनशास्त्र, गणित व दवा

     14-11-2024 09:17 AM


  • आइए जानें, जूट के कचरे के उपयोग और फ़ायदों के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     13-11-2024 09:20 AM


  • कोर अभिवृद्धि सिद्धांत के अनुसार, मंगल ग्रह का निर्माण रहा है, काफ़ी विशिष्ट
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     12-11-2024 09:27 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id