 
                                            समय - सीमा 266
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                                            नवाबों की नगरी रह चुका रामपुर आज भी अपने शाही अंदाज को संजोए हुए है। रामपुर के शाही घरानों में आज भी मुगलकालीन व्यंजनों का हूबहू स्वाद चखा जा सकता है। रामपुरी थाली से यहां का लगभग हर एक बासिंदा वाकिफ होगा। रामपुर का खाना भारत के श्रेष्ठ और निम्न दोनों प्रकार के भोजन उत्सवों को प्रेरित करता है। रामपुर के शाही व्यंजन पूरे देश में प्रिय हैं और इसके प्रत्येक व्यंजन के पीछे एक इस समृद्ध इतिहास जुड़ा हुआ है। हाल ही में एशिया अलाइव डबलट्री (Asia Alive, Doubletree) (गुड़गांव) में हिल्टन (विश्व स्तरीय होटल निगम) द्वारा घराना-ए-रामपुर फूड फेस्टिवल (Food Festival) आयोजित कराया गया। जिसमें रामपुर के शाही व्यंजनों को स्थान दिया गया।
इस फैस्टिवल में रामपुर के शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजनों में एक संतुलन देखने को मिला। जिसमें शमी कबाब (कटहल के), तले हुए पकौड़े (मावा के साथ) और मांस के साथ पकी दाल जैसे व्यंजन शामिल थे। यह व्यंजन जमीनी मसालों तथा तेल और घी के अनोखे स्वाद से भरपूर थे, इन्हें बड़े ही शाही अंदाज में परोसा गया था। दिल्ली के अन्य प्रसिद्ध होटलों में भी रामपुर के व्यंजनों का विशेष स्थान दिया गया है।
रामपुर के नवाबों को भी भोजन में विशेष रूचि थी, रामपुर के नवाब भोजन में प्रयोगों के माध्यम से हमेशा कुछ नया बनाने के लिए प्रयासरत रहते थे। रामपुर में भिन्न-भिन्न जगह से आकर लोग बसे थे। जो अपने साथ एक विशेष पाक कला को भी लेकर आए थे जिसका प्रभाव आज भी रामपुर की थाली में देखने को मिलता है जिनमें अवधी, मुगलई, राजपूत, अफगानी आदि प्रमुख है।
रामपुरी कच्चे गोस्त की टिकीया अफागानी चापली कबाब से प्रभावित है। इसका आविष्कार एक नवाब के समय में हुआ था, जो शिकार के शौकीन थे। वे शिकार के दौरान भोजन का भी आनंद लेना पसंद करते थे। लेकिन वे इसके लिए बहुत देर तक प्रतीक्षा नहीं करना चाहते थे। इसलिए उनके खानसामा ने कम समय में तैयार होने वाली कच्चे गोस्त की टिकीया को बनाया। यह स्वादिष्ट, चबाने में सरल और सुगंधित थी। रामपुर का एक और व्यंजन है टार कोरमा जिसे नवाबों ने अपनी सेना के लिए ऊर्जा बढ़ाने वाले व्यंजन के रूप में बनाया था। आज भी इसे रामपुर की शादियों में बनाया जाता है। इस प्रकार के अन्य कई व्यंजन हैं जिनके पीछे कोई न कोई इतिहास जुड़ा हुआ है तथा आज भी इनके स्वाद को बरकार रखा गया है।
संदर्भ:
1.	https://delhi-fun-dos.com/gharana-e-rampur-food-festival-at-asia-alive-doubletree-by-hilton/
2.	https://bit.ly/2XKkjZ2
3.	https://bit.ly/30we7Rh
4.	https://www.financialexpress.com/archive/a-taste-of-tradition/752300/
चित्र सन्दर्भ:-
1.	https://foodandstreets.com/2019/03/07/gharana-e-rampur-a-look-inside-tehzib-and-cuisine-of-rampur/
 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        