भारत के अनाथालयों में बच्चों की बढ़ती संख्या एक गंभीर मुद्दा

रामपुर

 26-06-2019 12:40 PM
नगरीकरण- शहर व शक्ति

एक नए सदस्य का किसी घर में आना एक हर्षोल्लास की बात होती है परन्तु यह हर्ष सभी के लिए नहीं होता। और यह कथन कहने का सार यही है कि यदि होता तो आज अनाथालयों में करीब 3 करोड़ से भी अधिक नवजात व मासूम न रह रहे होते। भारत आज दुनिया के उन शीर्ष देशों मे से आता है जहाँ पर अनाथालयों में बच्चों की संख्या बड़ी तेज़ी से बढ़ रही है। अनाथ बच्चों में सबसे ज्यादा संख्या बच्चियों की है, लड़कों की संख्या इनमें काफी कम है। भारत में अनाथ बच्चों में 3 प्रमुख प्रकार के बच्चे पाए जाते हैं 1- जिनके माँ बाप होते हैं पर पालने में सक्षम नहीं हैं, 2- ऐसे बच्चे जो कि समाज द्वारा अपनाए ना जा सकने योग्य थे और 3- जिनके माँ-बाप अब इस दुनिया में नहीं हैं।

भारत में महिलाओं की स्थिति सोचनीय है और जब लैंगिक आंकड़े पर हम नज़र डालते हैं तो यह अंदाज़ा लगता है कि भारतीय समाज के ढाँचे में किस प्रकार से महिलाओं को एक सीमित स्थान मिला है। लड़कियों की अपेक्षा लड़कों को यहाँ के समाज में अधिक दर्जा प्राप्त है और यही कारण है कि भारत में गर्भपात कराना एक व्यापार बन चुका है। कहीं पर ऐसा भी होता है कि जब लड़की पैदा हो भी जाती है तो लोग उसको अनाथालयों में छोड़ आते हैं और यह एक बड़ा कारण है कि भारत के अनाथालयों में अनाथ लड़कियों की संख्या ज्यादा है। अगर राष्ट्रीय अपराध विभाग की रिपोर्ट को देखा जाए तो 2007-11 के दरमियान कुल 3,500 बच्चे जो कि 12 वर्ष से कम थे, को उनके माँ बाप ने छोड़ दिया। वहीं करीब 1,000 लोगों पर कार्यवाही की गयी जिन्होंने बच्चा पैदा होने से पहले ही या बाद में उसका क़त्ल किया या करने की कोशिश की। राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो राष्ट्रीय अपराध विभाग की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में सबसे ज्यादा बच्चे अपने परिवार द्वारा छोड़ दिए जाते हैं। लड़कियों को छोड़ने में गुजरात की स्थिति सबसे भयावह है और यह भारत में सबसे ज्यादा है।

हाल ही में रामपुर से एक ऐसी खबर आई जिसने सबको यह साफ़ कर दिया कि लैंगिक असमानता एक अत्यंत महत्वपूर्ण बिंदु हैं जो कि अनाथालयों को और भी ज्यादा घनत्व वाला बना रहा है। रामपुर के समीप मिलक की एक घटना ने मानसिकता और मानवता दोनों को प्रदर्शित किया जहाँ पर एक बच्ची का जन्म मात्र 6.5 महीने में ही हो गया। बच्ची एक असाध्य रोग से पीड़ित थी। जन्म के समय उसको बढ़ा हुआ भग-शीश्न था जिसकी वजह से घर वालों को लगा कि वह बच्ची लड़की नहीं लड़का है अतः लोगों ने उसको निजी अस्पताल में भरती कराया परन्तु जब वहां पर पता चला कि नवजात बच्चा नहीं बच्ची है तो उसके परिवार ने उसे अपनाने से मना कर दिया और अस्पताल पर बच्चा बदलने का इलज़ाम लगा दिया, जिसके बाद उस बच्ची की देखभाल बाल कल्याण समिति के पास चली गयी। रामपुर बरेली में ऐसे कई अनाथालय हैं जहाँ पर इस स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। जिस प्रकार से बच्चों के अनाथालयों में छोड़ने की दर है उस स्तर पर बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया अत्यंत कम है। हाल में हुए एक अध्ययन से यह पता चला है कि लोग बच्चे गोद लेने में अधिकतर हिचकिचाते हैं और यदि लेते भी हैं तो ज्यादातर लोगों की पसंद 5 साल से कम के बच्चे होते हैं। रामपुर में भी एक अनाथालय है जहाँ से व्यक्ति बच्चा गोद ले सकता है, रामपुर के अनाथालय का पता निम्नवत है-
राजकीय बाल गृह रामपुर,
मोहल्ला अंगूरी बाग, पुलिस चौकी के पास जुल्फिकार इंटर कॉलेज गंज, रामपुर
संपर्क: राकेश कुमार सक्सेना
फ़ोन नम्बर- 05957518024117, 7518024117
इमेल :- rbg.rampur@gmail.com

संदर्भ:
1. https://www.soschildrensvillages.ca/girl-child-endangered-child-abandonment-india
2. https://bit.ly/2N8HyqD
3. https://bit.ly/2KAti8l
4. https://bit.ly/31V4gpK
5. http://childadoption.in/uttar-pradesh-child-adoption/



RECENT POST

  • रामपुर में कोसी और रामगंगा जैसी नदियों को दबाव मुक्त करेंगे, अमृत ​​सरोवर
    नदियाँ

     18-09-2024 09:16 AM


  • अपनी सुंदरता और लचीलेपन के लिए जाना जाने वाला बूगनविलिया है अत्यंत उपयोगी
    कोशिका के आधार पर

     17-09-2024 09:13 AM


  • अंतरिक्ष में तैरते हुए यान, कैसे माप लेते हैं, ग्रहों की ऊंचाई?
    पर्वत, चोटी व पठार

     16-09-2024 09:32 AM


  • आइए, जानें विशाल महासागर आज भी क्यों हैं अज्ञात
    समुद्र

     15-09-2024 09:25 AM


  • प्रोग्रामिंग भाषाओं का स्वचालन बनाता है, एक प्रोग्रामर के कार्यों को, अधिक तेज़ व सटीक
    संचार एवं संचार यन्त्र

     14-09-2024 09:19 AM


  • जानें शाही गज़ से लेकर मेट्रिक प्रणाली तक, कैसे बदलीं मापन इकाइयां
    सिद्धान्त I-अवधारणा माप उपकरण (कागज/घड़ी)

     13-09-2024 09:08 AM


  • मौसम विज्ञान विभाग के पास है, मौसम घटनाओं की भविष्यवाणी करने का अधिकार
    जलवायु व ऋतु

     12-09-2024 09:22 AM


  • आइए, परफ़्यूम निर्माण प्रक्रिया और इसके महत्वपूर्ण घटकों को जानकर, इन्हें घर पर बनाएं
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     11-09-2024 09:14 AM


  • जानें तांबे से लेकर वूट्ज़ स्टील तक, मध्यकालीन भारत में धातु विज्ञान का रोमाचक सफ़र
    मध्यकाल 1450 ईस्वी से 1780 ईस्वी तक

     10-09-2024 09:25 AM


  • पृथ्वी का इतिहास बताती हैं, अब तक खोजी गईं, कुछ सबसे पुरानी चट्टानें
    खनिज

     09-09-2024 09:38 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id