अकबर के प्रिय हाथी हिरन को समर्पित हिरन मीनार

स्तनधारी
07-06-2019 10:35 AM
अकबर के प्रिय हाथी हिरन को समर्पित हिरन मीनार

भारतीय इतिहास में एक लम्‍बी अवधि तक मुगलों का शासन रहा, जो मूलतः मध्‍य एशिया से भारत आए थे। भारत में मुगल साम्राज्‍य की नींव बाबर ने रखी तथा आगे चलकर इनके वंशजों ने लम्‍बे समय तक भारत पर शासन किया। मुगलों के सबसे शक्तिशाली और महान शासक सम्राट अकबर थे, जिन्‍होंने अपनी कुशल प्रशासन व्‍यवस्‍था के कारण सबसे ज्‍यादा लंबे समय तक भारत पर शासन किया।

अकबर को पशुओं से बहुत लगाव था विशेषकर हाथी से। इनके पालतू हाथियों में हिरन नाम का एक हाथी था, जो एक जल्‍लाद का कार्य भी करता था। दीवान-ए-आम (दरबार का सुनवायी कक्ष) जहां बादशाह अपनी आम जनता से रूबरू होते थे तथा न्‍याय करते थे, में जब किसी को मृत्‍यु दण्‍ड दिया जाता था, तो वज़ीर द्वारा कागज़ी कार्यवाही पूरी करने के बाद, हिरन (हाथी) को बुलाया जाता था तथा दोषी के सिर को एक सपाट पत्‍थर पर रखकर हिरन से कुचलवा दिया जाता था।

यह हाथी अकबर को अत्‍यंत प्रिय था। जब इसकी मृत्‍यु हुयी तो अकबर ने इसे फतेहपुर सीकरी (अकबर द्वारा बसाया गया एक खूबसूरत नगर) में दफनवाया और इसकी कब्र के ऊपर एक अद्भुत मीनार बनवायी। यह एक स्‍पष्‍ट बेलनाकार मीनार है, जिसकी ऊंचाई लगभग 72 फीट तथा भू-स्‍तर अष्टकोणीय है। वैसे तो इसे एक स्‍मारक के रूप में बनवाया गया था किंतु इसे अन्‍य उद्देश्‍यों की पूर्ति के लिए भी उपयोग किया गया था। रात्रि में इस मार्ग से गुज़रने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए मीनार को प्रकाश स्‍तंभ के रूप में प्रयोग किया जाता था। हिरन मीनार के विषय में कहा जाता है कि अकबर स्‍वयं इसके शीर्ष पर बैठकर महल में होने वाली हाथियों की लड़ाई को देखते तथा झील के निकट स्‍थ‍ित मैदान में खेले जाने वाले खेल का आनंद लेते थे। हिरन मीनार एक बंद रास्‍ते के माध्‍यम से ज़नाना से जुड़ी हुयी थी, जहां से महल की महिलाएं झील की शांत हवा का आनंद ले सकती थीं।

मुगलकालीन भारत में इस प्रकार की मीनारों का निर्माण मार्गों को चिह्नित करने के लिए एक-एक कोस की दूरी पर किया गया था, जिसे कोस मीनार कहा जाता था। एक कोस लगभग 4.17 किलोमीटर का होता था। हिरन मीनार भी इन कोस मीनारों की श्रृंखला का एक हिस्‍सा थी, जो किले के मुख्‍य द्वार के ठीक सामने खड़ी है। इससे एक कोस की दूरी पर दूसरी मीनार बनायी गयी थी। जहांगीर ने दिल्‍ली से लाहौर के मार्गों में आने वाली कोस मीनारों पर हिरन के समान सींगों को लगवाने का आदेश दिया, जो उन्‍होंने बचपन में हिरन मीनार में देखे थे। वर्तमान समय में यह मीनार हाथीपोल और शुष्‍क झील जिसे अब खेत में परिवर्तित कर दिया गया है, के मध्‍य वीरान खड़ी है।

संदर्भ:
1. http://www.princemichaelschronicles.com/akbars-elefant/
2. https://bit.ly/2MzoWjp
3. https://navrangindia.blogspot.com/2017/09/hiran-minar-mogul-emperor-akbars.html
4. http://www.bl.uk/onlinegallery/onlineex/apac/photocoll/g/019pho000001003u00568000.html
5. http://www.columbia.edu/itc/mealac/pritchett/00artlinks/agra_havell/16fatahpursikri.html