भारतीय मूल की जाति रोमा आज विश्व के अधिकांश देशों में निवास कर रही है, जो अपने धात्विक कार्य, संगीत, नृत्य के लिए प्रसिद्ध है। भारत में प्राचीनकाल से ही धातु विज्ञान का व्यापक रूप से विस्तार हो गया था। किंतु यूरोप में इसकी उत्पत्ति और विकास का कोई उल्लेखनीय इतिहास नहीं है, कुछ विद्वान अनुमान लगाते हैं कि यूरोप को धातु की कला से रोमा जाति ने ही परिचित कराया था। संगीत जिप्सीयों (Gypsies) के जीवन का अभिन्न अंग था। लगभग प्रत्येक जिप्सी वायलीन बजाना जानता था तथा उसके प्रति सम्मान अभिव्यक्त करता था। वे संगीत वाद्य यंत्रों का इतना सम्मान करते हैं कि उन्हें कभी बेचते नहीं थे, संगीत के लिए उनका गहन प्रेम सदियों से दुनिया भर में जाना जाता है।
रोमानी संगीत का विकास हंगरी और इटली में 1400 के दशक के उत्तरार्ध में वाद्ययंत्र बजाने से हुआ। परंपरागत रूप से रोमानी संगीत दो प्रकार के होते हैं: एक गैर-रोमानी दर्शकों के लिए गाया जाता है, दूसरा रोमानी समुदाय के भीतर गाया जाता है। पूर्वी यूरोप में आम लोगों के पारंपरिक समारोहों के लिए जिप्सी सबसे पसंदीदा गायक मंडली हुआ करती थी। जिप्सी वीणा बजाने में पारंगत थे। माना जाता है कि यूरोप को वीणा से जिप्सियों ने ही परिचित कराया। वीणा भारतीय मूल का वादक यंत्र है।
1993 की फ्रांसीसी वृत्तचित्र (डाक्यूमेंट्री/Documentary) लाचो ड्रोम (Latcho Drom; जिसका अर्थ है सुरक्षित यात्रा) रोमा के इतिहास का पता लगाती है। पश्चिम में कई लोगों के लिए, यह उस समुदाय का पहला सहानुभूतिपूर्ण वृत्तचित्र था। इसमें आज तक के सबसे शानदार संगीत में से कुछ को फिल्माया गया था। शानदार टोपी, चमकीली साड़ियों और जगमगाते गहनों के साथ राजस्थान के लोक संगीतकार मंगणियार को जिप्सी से जोड़ा गया है और कहा जाता है कि ये उनके साथ एक संगीत विरासत को साझा करते हैं। वास्तव में, अध्ययनों ने रोमा और राजस्थान के बीच आनुवंशिक और भाषाई संबंधों का पता लगाया है।
दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में जन्मे और शिक्षित हुए ओलिवर राजामणि आज अमेरिका के प्रमुख संगीत केंद्रों में से एक ऑस्टिन, टेक्सास में रहते और कार्य करते हैं। जिप्सी, फ़्लेमेंको, भारतीय, पश्चिमी और ब्लूज़ स्टाइल (Blues style) के संगीत को सम्मिश्रित करने वाले राजामणि निश्चित रूप से किसी भी शैली के साथ भेदभाव न करने के लिए श्रेय के हकदार हैं। राजामणि ने स्पेन में शीर्ष फ्लेमेंको कलाकारों के साथ-साथ अमेरिकी मूल या देश के संगीत में सबसे बड़े नामों में से कुछ के साथ काम किया है जिसमें विली नेल्सन, एडी ब्रिकेल और जिप्सी सितारे जैसे डोट्स्की रेइनहार्ट शामिल हैं।
रोमानी में गायन और विरल उपकरण के साथ गाया गया ‘सॉन्ग फॉर मर्सी’ (Song for mercy) गीत विश्वास और आशा की छवियों को उजागर करता है। इस तरह के गीत से पता चलता है कि यह गीत संभवतः रोमानी संगीतकारों के लिए है जिन्हें समाज के परे धकेलने का प्रयास किया जाता है, अक्सर उन अपराधों का झूठा आरोप इन पर लगाया जाता है जो उन्होंने कभी किये ही नहीं। गिटारवादक और गायक, मारियो और जॉर्जेज़ रेयेस ने जिप्सी किंग्स (Gypsy Kings) की परंपरा को जीवित रखने के लिए जिप्सी ऑल स्टार्स (Gypsy All Stars) का गठन किया। ये लोग भारत में अपने संगीत के स्रोत पर वापस लौटना चाहते थे और इसे एक समकालीन पहलू प्रदान करना चाहते थे। जिप्सी ऑल स्टार्स ने राजस्थानी लोक गीत ‘कट्टे’ के गायन के लिए शेखावाटी की भंवरी देवी के साथ काम किया। इस गीत में लय और प्रवाह सभी रोमा के हैं, जो भंवरी देवी के प्रदर्शन को और अधिक प्रभावशाली बनाता है।
रोमा संगीत के विभिन्न रूप देखने को मिलते हैं किंतु असली रोमा संगीत वही है जो रोमा सिर्फ अपने लिए रोमा भाषा में ही गाते हैं। स्थानीय उपयोग के लिए रोमानी संगीत के अलावा, पूर्वी यूरोप में पार्टियों (Parties) और समारोहों में मनोरंजन हेतु एक अलग रोमानी संगीत की उत्पत्ति हुई। तो वहीं दूसरी ओर यह माना जाता है कि शुद्ध रोमा संगीत जैसा कोई संगीत नहीं हैं। यह विभिन्न संस्कृतियों के संगीत का मिश्रण है। जैसे-जैसे रोमा एक स्थान से दूसरे स्थान में गए इन्होंने वहां का संगीत सीखा ताकि जीवन यापन किया जा सके। इस प्रकार इन्होंने एक देश से जिस संगीत को सीखा उसे दूसरे देश के संगीत के साथ मिश्रित कर दिया जिससे एक नए अनोखे और अद्भुत संगीत का अविष्कार हुआ।
स्पेन:
स्पेन के रोमानी लोगों (गीताओं) ने ‘एंडालूशियन’ (Andalusian) संगीत परंपरा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसे ‘फ्लेमेंको’ (Flamenco) के रूप में जाना जाता है।
बुल्गारिया:
बुल्गारिया में रोमानी आबादी के कारण, इस जातीय समूह का संगीत बहुत लोकप्रिय है। ‘चेलगा’ संगीत, बुल्गारिया में रोमानी संगीतकारों द्वारा बजाया जाता है।
रूस:
रूस में एक जिप्सी गायक-मंडली सोकोलोव्स्की (Sokolovsky) जिप्सी गायक-मंडली थी। 1931 में मॉस्को में एक सार्वजनिक जिप्सी थिएटर, रोमेन थियेटर की स्थापना की गई, जिसमें रोमानी संगीत और नृत्य को नाट्य प्रदर्शन में शामिल किया जाता है।
तुर्की:
रोमानी लोग अपने संगीत के लिए पूरे तुर्की में जाने जाते हैं। उनके शहरी संगीत ने शास्त्रीय तुर्की संगीत की गूँज को ‘मीहेन’ (Meyhane) या ‘टेवरना’ (Taverna) के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया।
बाल्कन:
1990 के दशक में कोसोवो में अश्काली (Ashkali) अल्पसंख्यक द्वारा बनाया गया तल्लवा (Tallava) को बाद में रोमानी समूह के बीच अपनाया गया। इस शैली में अन्य संगीत शैलियों जैसे ग्रीक (स्किलाडिको) और बल्गेरियाई (चेलगा) का प्रभाव है। यह तुर्की, अरबी (अरबी पॉप संगीत), सर्बियाई (टर्बो-फ़ोक) और अल्बानियाई संगीत के साथ भी मिश्रित है।
हंगरी:
हंगरी में 18वीं शताब्दी के अंतिम दशकों में राष्ट्रवादी आंदोलन के चलते रोमानी संगीत को गति मिली। 19वीं शताब्दी की शुरुआत में, रोमानी संगीतकार राष्ट्रीय संगीत के प्रतिनिधि बन गए। 1848 की हंगरी क्रांति के दौरान, जिप्सी बैंड ने हंगरी में लड़ाई से पहले सैनिकों को प्रोत्साहित करने और उनका मनोरंजन करने के लिए अपना संगीत बजाया। भले ही वे जंग हार गए, परन्तु रोमानी संगीत और संगीतकारों ने राष्ट्र में काफी इज्ज़त कमाई।
जिप्सी संगीत के कुछ गीत आप नीचे दिए गए वीडियो में सुन सकते हैं:
संदर्भ:
1.https://archive.org/details/in.ernet.dli.2015.107535/page/n279
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Romani_music
3.http://www.rootsworld.com/rw/feature/gypsy1.html
4.https://scroll.in/article/812317/tune-in-to-some-truly-spectacular-global-gypsy-music-with-india-in-its-soul
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