कहानियों का पिटारा तूतीनामा

रामपुर

 11-05-2019 10:30 AM
ध्वनि 2- भाषायें

प्राचीन कला और संस्‍कृतियों को संरक्षण देने में मुगल शासकों की विशेष भूमिका रही। जिनमें से अकबर और जहांगीर का नाम शीर्ष पर आता है, इन दोनों कला प्रेमियों ने विभिन्‍न कलाकारों और लेखकों को संरक्षण दिया। अकबर के काल में विभिन्‍न संस्‍कृत ग्रंथों का फारसी अनुवाद कराया गया। चौदहवीं शताब्दी की फारसी भाषा में लिखित 52 कहानियों का संग्रह तूतीनामा, 16वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में मुग़ल शासक अकबर द्वारा 250 लघु चित्रों के रूप में दोबारा बनवाया गया था तथा यह एक प्रमुख संकलन है। और तो और इसका लेखन हमारे निकटवर्ती बदायूं में ही किया गया था।

यह एक प्राचीन परन्तु बहुत मनोरंजक कथा संग्रह है, अकबर के शासन काल में 250 लघु चित्रों के संकलन को इसमें सम्मलित किया गया। जिसकी एक प्रति आज भी रामपुर के रज़ा पुस्‍तकालय में संग्रहित है। वास्‍तव में तूतीनामा की अधिकांश कहानियां संस्‍कृत कथासंग्रह ‘शुकसप्तति’ से प्रेरित हैं।
तूतीनामा का शाब्‍दिक अर्थ है ‘तोते की कथा’। तूतिनामा की 52 कहानियों का मुख्य कथावाचक एक विद्वान तोता है जो अपने मालिक जिसका नाम ‘मिमुनिस’ था, की आज्ञानुसार ‘खोजस्ता’ नाम की उसकी पत्नी को अवैध सम्बन्ध बनाने से रोकने के लिए हर रात उसे एक कहानी सुनाता और उसे बाहर जाने से रोक लेता। यह प्रक्रिया पूरे 52 दिनों तक चलती रही, हर रात कथा का आरम्भ होता और अगला दिन शुरू होते ही कथा का अंत। खोजस्ता का पति एक व्यापारी था जो काम के सिलसिले में घर से बाहर गया हुआ था। इसलिए उसने अपनी पत्नी को तोता और मैना की एक जोड़ी उपहार में दी । घर छोड़ कर ना जाने की सलाह देने पर क्रूर खोजस्ता ने मैना का गला दबा दिया। परिस्थिति की गंभीरता को ध्यान में रख कर तोते ने यह उपाय खोजा कि वह 52 रात्रियों तक खोजस्ता को मनोरंजक कहानी सुनाएगा ताकि खोजस्ता का ध्यान कहानी पर लगा रहे और वह घर से ना भाग सके।

भारत की भांति ईरान में भी साहित्यकारों द्वारा तोते को अपनी कथा का केंद्र बनाना काफी लोकप्रिय है। कहा जाता है कि तूतीनामा की प्रेरक कथाओं ने अकबर को काफी प्रभावित किया और चूंकि अकबर का हरम (बहनों, पत्नियों और सेविकाओं का कक्ष) था, इसलिए वह इस प्रकार की कहानियों के माध्‍यम से महिलाओं को नियंत्रि‍त करने में विशिष्ट रुझान रखते थे। तूतीनामा के लेखक ज़ियाल-दीन नक्शाबी या सिर्फ नक्शाबी थे। वे एक फ़ारसी चिकित्सक और एक सूफी संत थे तथा 14 वीं शताब्दी में भारत में बदायूं, उत्तर प्रदेश चले गए थे, इन्होने फ़ारसी भाषा में अपना लेखन किया था। 1530–40 के दौरान हुमायूँ ने दो कलाकारों मीर सैय्यद अली और अब्द अल-समद को स्वयं को और अपने पुत्र अकबर को यह कला सिखाने के लिए आमंत्रित किया। अकबर के फतेहपुर सीकरी चले जाने के बाद कलाकारों के एक बड़े समूह ने लघु चित्रों का निर्माण किया। 1556 से 1605 के दौरान इन कलाकृतियां को मुगल कलाकृतियां के रूप में जाना जाता था। ये कलाकृतियां वर्तमान में क्लीवलैंड म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट (Cleveland Museum of Art) और कुछ ब्रिटिश पुस्तकालय में भी देखी जा सकती हैं।

तूतिनामा की कथाओं में से एक ब्राह्मण लड़के की कथा बहुत अधिक प्रसिद्ध है। इस कथा में ब्राह्मण लड़का व एक राजकुमारी आपस में प्रेम करते हैं परन्तु एक साधारण ब्राह्मण का राजकुमारी से प्रेम करना उस समय किसी अपराध से कम नहीं था। वह ब्राह्मण अपनी व्यथा अपने एक जादूगर मित्र को बताता है। इसके बाद वह जादूगर कुछ मोतियों का प्रयोग करके जादू से अपने मित्र को सुन्दर कन्या में बदल देता है तथा महल के अंदर जाने में उसकी सहायता करता है। इस प्रकार जादूगर उस कन्या का परिचय अपनी बहू के रूप में देता है। एक दिन राजकुमार की दृष्टि उस सुन्दर कन्या पर पड़ती है और उसे देखते ही वह उस पर मोहित हो जाता है। जबकि वास्तव में वह एक कन्या नहीं बल्कि ब्राह्मण लड़का था। सच्चाई का पता चलने से पूर्व ही ब्राह्मण लड़का और राजकुमारी महल से भाग जाते हैं। जल्द ही दो कन्याओं के लापता होने की खबर पूरे महल सहित राजा को भी पता चलती है। तभी जादूगर जिसने उस कन्या को अपनी बहू बताया था, राजमहल में प्रकट होता है और अपनी बहू के बारे में जानकारी मांगता है। लाचार राजा इसकी क्षतिपूर्ती करने के लिए उसे बहुमूल्य उपहार देता है। इन उपहारों को जादूगर अपने ब्राह्मण मित्र व उसकी पत्नी को भेंट करता है ताकि वह सुख से अपना जीवन व्यतीत कर सकें। इस प्रकार कथा का अंत होता है।

तूतिनामा भले ही सुलेख शैली में लिखा गया है परन्तु विश्व भर में पाई जाने वाली हर चित्रकला एक कहानी के विशिष्ट विषय की कड़ी पर आधारित है। कत्थक, लोकनृत्य, कलाकृतियां भी इसकी विशेषताएं हैं। चित्रकलाओं की भिन्नता का अनुमान इसके रंगों की विविधताओं से लगाया जा सकता है।

सन्दर्भ:
1. https://wikivisually.com/wiki/Tutinama
2. https://indianartinfo.wordpress.com/tag/tutinama/
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Tutinama
4. https://bit.ly/2vTCUkR
5. http://bit.ly/2Ws52Y9
चित्र सन्दर्भ:
1. https://bit.ly/2vRMZii
2. https://bit.ly/2PWBxeF
3. https://bit.ly/2YppVnx



RECENT POST

  • जानें, क्यों पतन हुआ महाजनपदों में से एक, मगध साम्राज्य का
    ठहरावः 2000 ईसापूर्व से 600 ईसापूर्व तक

     22-10-2024 09:25 AM


  • चलिए, चलते हैं, चन्नापटना के रंग-बिरंगे खिलौनों के अद्भुत सफ़र पर
    हथियार व खिलौने

     21-10-2024 09:24 AM


  • आइए, ‘विश्व सांख्यिकी दिवस’ के अवसर पर जानें, मैंडलब्रॉट ज़ूम के बारे में
    संचार एवं संचार यन्त्र

     20-10-2024 09:24 AM


  • हिमालयन न्यूट के प्राकृतिक निवास स्थान, अब कंक्रीट के ढांचों में बदल गए हैं
    मछलियाँ व उभयचर

     19-10-2024 09:15 AM


  • जानें कैसे लोगों का मन मोह रही है, कपड़ों पर ऊनी धागों से बनी क्रुएल कढ़ाई
    स्पर्शः रचना व कपड़े

     18-10-2024 09:20 AM


  • गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध हैं रहस्यमयी मालाबार सिवेट
    स्तनधारी

     17-10-2024 09:22 AM


  • दुनिया भर में अपनाई जाती है लिनियस द्वारा विकसित पहली जीवों की पदानुक्रमित नामकरण प्रणाली
    कोशिका के आधार पर

     16-10-2024 09:25 AM


  • स्वचालन ने खनन कार्यों को विडियो गेम जैसा बना दिया है !
    खदान

     15-10-2024 09:19 AM


  • छुईमुई को स्पर्श करने पर, वह प्रदर्शित करेगा, निक्टिनैस्टिक व्यवहार
    व्यवहारिक

     14-10-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे बनते हैं आलू के चिप्स
    वास्तुकला 2 कार्यालय व कार्यप्रणाली

     13-10-2024 09:14 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id