लंदन में संग्रहित है रामपुर के फूलों का विवरण

रामपुर

 30-03-2019 07:00 AM
बागवानी के पौधे (बागान)

दुनिया का सबसे बड़ा वनस्पति उद्यान, रॉयल बोटेनिक गार्डन्स, क्यू, लन्दन में 18वीं और 19वीं शताब्दी के कलाकारों द्वारा बनाई गई भारतीय वनस्पति चित्रों का एक विशाल संग्रह है। लेकिन इन कलाकारों में से सबसे विशिष्ट कार्य ब्रिटिश वनस्पति वैज्ञानिक ‘जोसेफ डाल्टन हुकर’ का माना जाता है, जिसके 30 क्षेत्र-रेखाचित्र वर्तमान में क्यू संकलन में देखे जा सकते हैं, और साथ ही ये वनस्पतिक दृश्य की प्रक्रिया में अंतर्राष्ट्रीय मूल्य प्रदान करते हैं।

भारतीय वनस्पति विज्ञान में जोसेफ डाल्टन हुकर (1817-1911) की खोज ने 19वीं सदी के दौरान यूरोपीय और ब्रिटिश बागवानी पर सबसे अधिक प्रभाव डाला था। वनस्पति विज्ञान में हुकर की आजीवन रुचि ने उन्हें विश्व भर में भ्रमण करवाया, जिसमें भारत और अंटार्कटिका के वनस्पति खोजयात्रा भी शामिल थी, इसने उन्हें क्यू के निर्देशक और रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति भी दिलाई।

1847 और 1851 के बीच सिक्किम और हिमालय की तलहटी से ब्रिटेन में बुरांस (रोडोडेंड्रॉन) की 25 प्रजातियों की शिनाख्त और परिवहन कर, वे “वाइल्ड गार्डनिंग” (wild gardening) का हिस्सा बन गए थे। हुकर की खोज की ओर बागबानों और वनस्पति-वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित न केवल बुरांस के नमूनों ने किया, बल्कि 1849 और 1851 के बीच प्रकाशित “दा रोडोडेंड्रॉन ऑफ़ सिक्किम-हिमालय” (The Rhododendron of Sikkim-Himalaya) प्रकाशन में इस फूल के तीन भागों में दिया गया स्पष्टीकरण ने भी किया था।

इस प्रकाशन को हुकर द्वारा लेखबद्ध किया गया था और आज भी ये भारत में मौजूद है, इस अंक में सिक्किम और आस-पास के क्षेत्रों में पाए जाने वाले बुरांस की 31 प्रजातियों के वानस्पतिक विवरण और वनस्पति चित्रकार वाल्टर हूड फिच द्वारा हाथ से बने लिथोग्राफ (Lithograph) भी शामिल हैं जिसका एक उदाहरण नीचे दिए गए चित्र में है।


इन लिथोग्राफों को बनाने के लिए, फिच ने हुकर द्वारा क्यू में भेजे गए सूखे वनस्पति नमूनों और क्षेत्र-रेखाचित्रों का उपयोग किया था। हुकर द्वारा भेजे गए फूलों के सूखे पत्तों के नमूने से फूल और पत्तियों के आकार को पहचाना जा सकता था। हुकर की कलात्मक प्रतिभा ने भारतीय और नेपाली बुरांस की लोकप्रियता और व्यापक वैज्ञानिक समझ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। तत्कालीन समय में, बुरांस रामपुर और सुंगनाम के बीच सतलुज घाटी में 10,000 से 14,000 फीट की ऊंचाई पर पाया जाता है। इनके पत्तियों को तिब्बत और कश्मीर से आयात किया जाता है, और कश्मीर के मूल निवासियों द्वारा एक सूंघ के रूप में उपयोग किया जाता है। इसकी छाल का उपयोग कागज बनाने के लिए किया जाता है।

वहीं हुकर की कलात्मक प्रतिभा उनके क्षेत्र-रेखाचित्रों से स्पष्ट होती है। हालांकि, हुकर का मानना था कि प्रकाशित वानस्पतिक चित्रण स्पष्ट होने चाहिए और काले और सफेद रूपरेखा में होने चाहिए जो रंगीन चित्रों से ज्यादा स्पष्ट पहचाने जा सकते हैं। साथ ही बुरांस व्यावसायिक रूप से सफल प्रकाशनों में से एक था, जिसने भारतीय और नेपाली बुरांस को पूरे ब्रिटेन में आकर्षक पौधों के रूप में प्रमाणित किया।

संदर्भ :-

1. किताब का सन्दर्भ : मार्ग ए मैगज़ीन ऑफ़ द आर्ट्स (A Magazine Of Arts) दिसम्बर 2018- मार्च 2019 VOL. 70 NO. 2
2. http://gluedideas.com/content-collection/cyclopedia-of-india-3/Rhododendron_P2.html


RECENT POST

  • आइए आनंद लें, फ़ुटबॉल से जुड़े कुछ मज़ेदार चलचित्रों का
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     22-12-2024 09:23 AM


  • मोरक्को में मिले 90,000 साल पुराने मानव पैरों के जीवाश्म, बताते हैं पृथ्वी का इतिहास
    शुरुआतः 4 अरब ईसापूर्व से 0.2 करोड ईसापूर्व तक

     21-12-2024 09:31 AM


  • आइए जानें, रामपुर के बाग़ों में पाए जाने वाले फूलों के औषधीय लाभों और सांस्कृतिक महत्व को
    गंध- ख़ुशबू व इत्र

     20-12-2024 09:19 AM


  • वैश्विक हथियार निर्यातकों की सूची में, भारत कहाँ खड़ा है?
    हथियार व खिलौने

     19-12-2024 09:22 AM


  • रामपुर क्षेत्र के कृषि विकास को मज़बूत कर रही है, रामगंगा नहर प्रणाली
    नदियाँ

     18-12-2024 09:24 AM


  • विविध पक्षी जीवन के साथ, प्रकृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है रामपुर
    पंछीयाँ

     17-12-2024 09:26 AM


  • आइए जानें, कैसे हम, बढ़ते हुए ए क्यू आई को कम कर सकते हैं
    जलवायु व ऋतु

     16-12-2024 09:31 AM


  • आइए सुनें, विभिन्न भारतीय भाषाओं में, मधुर क्रिसमस गीतों को
    ध्वनि 1- स्पन्दन से ध्वनि

     15-12-2024 09:34 AM


  • आइए जानें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर दी गईं स्टार रेटिंग्स और उनके महत्त्व के बारे में
    नगरीकरण- शहर व शक्ति

     14-12-2024 09:27 AM


  • आपातकालीन ब्रेकिंग से लेकर स्वायत्त स्टीयरिंग तक, आइए जानें कोलिझन अवॉयडेंस सिस्टम के लाभ
    य़ातायात और व्यायाम व व्यायामशाला

     13-12-2024 09:24 AM






  • © - , graphics, logos, button icons, software, images and its selection, arrangement, presentation & overall design, is the property of Indoeuropeans India Pvt. Ltd. and protected by international copyright laws.

    login_user_id