ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए जिला उद्योग केंद्रों की भूमिका

शहरीकरण - नगर/ऊर्जा
26-03-2019 09:00 AM
ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए जिला उद्योग केंद्रों की भूमिका

भारत की विशाल जनसंख्‍या का एक बड़ा हिस्‍सा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करता है। अतः ग्रामीण क्षेत्रों का विकास भारत के विकास में अहम भूमिका निभाता है। भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक विकास हेतु औद्योगिक नीति 1977 में जिला उद्योग केंद्रों (डीआईसी) की अवधारणा रखी गयी। 1 मई 1978 को डीआईसी कार्यक्रम प्रारंभ किया गया जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के लघु उद्योगों के विकास पर विशेष बल दिया गया। जिसके माध्‍यम से औद्योगिक विकास के साथ साथ रोजगार का भी सृजन किया जा सके। जिला उद्योग केंद्र की स्‍थापना जिला स्‍तर पर की गयी ताकि ग्रामीण इकाइयों में उद्योगों की स्‍थापना करने हेतु आसानी से सहायता और प्रोत्‍साहन प्रदान किया जा सके।

डीआईसी की स्थापना से पूर्व, ग्रामीण क्षेत्र में एक उद्यमी को अपना उद्योग प्रारंभ करने से पूर्व आवश्‍यक सहायता और सुविधाएं प्राप्‍त करने के लिए अपने जिले से दूर कई संस्‍थाओं में जाना पड़ता था। जिसमें समय और धन की बर्बादी होती थी। इन सभी इकाइयों की शक्तियां डीआईसी को सौंप दी गयी, जिसके माध्‍यम से जिला स्तर पर कुटीर और लघु उद्योगों को आसानी से सहायता प्राप्‍त हो जाती है। डीआईसी जिला स्तर पर कुटीर और लघु उद्योगों के प्रभावी संवर्धन के लिए उत्‍तरदायी हैं। सरकार उद्योग केंद्र की स्‍थापना के लिए आवश्‍यक वित्‍तीय सहायता प्रदान करती है, जिसमें कार्यालय भवन निर्माण, कार्यालय हेतु आवश्‍यक फर्नीचर, उपकरण, वाहन इत्‍यादि शामिल है। कार्यालय में एक महाप्रबंधक और चार अन्‍य कार्य प्रबंधक नियुक्‍त किये जाते हैं। इन चार प्रबंधकों में तीन आर्थिक जांच, ऋण और ग्राम उद्योगों के क्षेत्रों में कार्यरत होते हैं तथा चौथा प्रत्येक जिले की विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर कच्चे माल के विपणन, प्रशिक्षण आदि जैसे क्षेत्रों को देखता है।

जिला उद्योग केंद्रों का उद्देश्य एवं कार्य

डीआईसी का मूल उद्देश्य ग्रामीण लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर सृजित करना है।

1. छोटी इकाइयों को वित्तीय और अन्य सुविधाएं देना
2. ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग स्थापित करने में सहायता प्रदान करने वाले विकास खंडों और विशेष संस्थानों के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित करना
3. नए उद्यमियों की पहचान करना और उनकी मदद करना.

1. सर्वेक्षण और जांच
जिला उद्योग केंद्र मौजूदा पारंपरिक और नए उद्योगों तथा कच्चे माल एवं मानव संसाधनों का सर्वेक्षण करता है। यह विभिन्न उत्पादों के बाजार पूर्वानुमान तैयार करता है। यह उद्यमियों को निवेश सलाह देने के लिए तकनीकी-आर्थिक संभव्‍यता रिपोर्ट भी तैयार करता है। एसएसआई इकाइयों तथा हस्तशिल्प/ कुटीर उद्योगों का पंजीकरण (स्थायी/ अनंतिम) भी करता है।

2. प्रशिक्षण पाठ्यक्रम
जिला उद्योग केंद्र छोटी और छोटी इकाइयों के उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी संचालित करता है। यह उद्यमियों और छोटे उद्योगों सेवा संस्थानों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है ताकि उत्‍पाद की गुणवत्‍ता को समयानुरूप सुधारा जा सके।

3. मशीनरी और उपकरण
जिला उद्योग केंद्र आवश्‍यक उद्यमियों को मशीनरी (Machinery) और उपकरण की व्‍यवस्‍था में सहायता प्रदान करता है।

4. कच्चा माल
जिला उद्योग केंद्र विभिन्न इकाइयों द्वारा आवश्यक सामग्रियों के बारे में विवरण प्राप्त करता है और थोक में सामान खरीदने की व्यवस्था करता है। जिससे यह छोटी इकाइयां अपनी आवश्‍यकता अनुरूप कच्चे माल को उचित मूल्‍य में प्राप्‍त कर सकती हैं।

5. ऋण की व्यवस्था
यह उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रमुख बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ आवश्यक व्यवस्था करता है। यह आवेदन का मूल्यांकन करता है और जिले में औद्योगिक ऋण के प्रवाह की निगरानी भी करता है।

6. मार्केटिंग
जिला उद्योग केंद्र बाजार सर्वेक्षण और बाजार विकास कार्यक्रम आयोजित करता है। यह विपणन आउटलेट (outlet), सरकारी खरीद एजेंसियों के साथ संपर्क और उद्यमियों को बाजार की प्रमुख जानकारी से अवगत कराता है।

7. खादी और ग्रामोद्योग
जिला उद्योग केंद्र खादी और ग्रामोद्योग और अन्य कुटीर उद्योगों के विकास पर विशेष ध्यान देते हैं। यह राज्य खादी बोर्ड के साथ भी संपर्क रखता है और ग्रामीण कारीगरों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराता है।

8. प्रधानमंत्री रोजगार योजना का क्रियान्वयन।

9. औद्योगिक सहकारी समितियों का संगठन।

आपके रामपुर में भी जिला उद्योग केंद्र स्‍थापित किया गया है, इसके द्वारा रामपुर में फसल उत्पादन और वृक्षारोपण के अतिरिक्‍त अन्य कृषि से संबंधित क्षेत्रों में उद्योगों की स्‍थापना करवाई गयी है। इसमें कुल मिलाकर 312 उद्योग (280 ग्रामीण और 32 शहरी क्षेत्र में) स्‍थापित किये गये हैं। इनके माध्‍यम से कुल 460 (394 ग्रामीण और 66 शहरी) लोगों को रोजगार मिला है। रामपुर औद्योगिक दृष्टि से काफी विकसित है किंतु इसकी अर्थव्‍यवस्‍था का बड़ा हिस्‍सा आज भी कृषि पर निर्भर है, जिसे उद्योग की दृष्टि से विकसित करना एक अच्‍छा कदम होगा। रामपुर के डीआईसी में निम्‍न माध्‍यमों से संपर्क कर सकते हैं: 0595- 2351764, 9410400444, gmdicram@rediffmail.com।

संदर्भ:
1. https://accountlearning.com/district-industries-centres-objectives-resources-structure/
2. https://mymbaguide.com/district-industries-center-india-important-functions/