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अधिकांशतः बच्चों को छोटे से ही पहाड़े याद करवा दिए जाते हैं। लेकिन क्या कभी किसी ने ये सोचा है कि पहाड़ों को सर्वप्रथम किसने बनाया था। 4,000 से अधिक साल पूर्व पहाड़े का आविष्कार प्राचीन बेबीलोनियन की संस्कृति द्वारा किया गया था। उनकी बढ़ती सभ्यता के साथ-साथ व्यापार में मदद करने के लिए अधिक परिष्कृत गणित की आवश्यकता होने लगी थी। जिसके लिए उन्होंने पहाड़े लिखी हुई एक स्मरण पुस्तिका बनाई थी, जिसे वे व्यापार में गणना करने के लिए अपने साथ ले जाया करते थे, ठीक वैसे जैसे आज के आधुनिक इंजीनियर अपने पास कैलकुलेटर को रखते हैं।
जो लोग इन पहाड़े को अच्छे से स्मरण कर लेते थे, वे उन लोगों (जिन्हें हर बार स्मरण पुस्तिका की आवश्यकता पड़ती थी) कि तुलना में सफलतापूर्वक व्यापार करने में सक्षम होते थे। बेबीलोनियाई छात्रों द्वारा आज हमारे द्वारा उपयोग की जाने वाली 10 घात के बजाए गणना 60 के घात में की जाती थी। और उन्हें पूरे 59 तक के पहाड़े के योग हमेशा याद रखने होते थे। वहीं उस समय आलेख मिट्टी की तालिकाओं पर कीलाकार अक्षरों में लिखे जाते थे, जो अधिकांश आयताकार या हाथ में आराम से पकड़ आ जाने वाले आकार में बनाए जाते थे। इस सभ्यता के भग्नावशेषों से सैकड़ों हजारों स्मरण पुस्तिका मिली हैं, जिसमें से कुछ हजार गणित से संबंधित हैं। उदाहरण के लिए, यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया म्यूजियम ऑफ आर्कियोलॉजी एंड एंथ्रोपोलॉजी तस्वीरों के साथ 458 पुरानी बेबीलोनियन गणितीय तालिकाओं (जिनमें से लगभग 110 प्रकाशित हुई हैं) को क्यूनिफॉर्म डिजिटल लाइब्रेरी इनिशिएटिव की वेबसाइट पर सूचीबद्ध किया है। वहीं बेबीलोनियों के लिए गणित व्यावहारिक थी और उनकी गणित में इकाइयों की विभिन्न प्रणालियों, जैसे ज्यामिति, शब्द समस्याएं आदि भी शामिल थी। साथ ही बेबीलोनियन के गणित के पहाड़े को तो हर कोई समझ सकता है, खासकर जिन्होंने बेबीलोनियन संख्या प्रणाली में महारत हासिल की हो। इनके द्वारा पहाड़े की तालिका बनाने की परंपरा सर्वप्रथम है और ये आज भी जीवित और उपयोगी है।
बेबीलोनियन संख्या प्रणाली को तीन विशेषताओं से चिह्नित किया जाता हैं, जो निम्नलिखित है:
उदाहरण के लिए :-
दशमलव संकेतन में 10 के पहाड़े बहुत दिलचस्प नहीं है, लेकिन मूल 60 में कुछ चीजें छोटी हैं। वॉर्डरासीअतिसचेस संग्रहालय (Vorderasiatisches Meuseum), बर्लिन में 10 के पहाड़े की स्मरण पुस्तक VAT7858 पहाड़े के सामान्य स्वरूपों में से एक को प्रदर्शित करता है; जिसकी पहली पंक्ति में 10 a-rà (बार) 1 10 लिखा है। वहीं इस स्वरूप में दूसरी पंक्ति में गुणा करनेवाली संख्या से निम्न a-rà 2 20 और a-rà 3 30 लिखा है। इसके साथ ही VAT7858 हमें पुराने बेबीलोनियन मूल-60 के स्थानिय-मान को आंकने का एक अच्छा परिचय देता है:
a-rà 6 1
a-rà 7 1 10 क्रमशः ...
a-rà 13 2 10
आसान शब्दों में बताये तो ये एक भाग देने जैसा है यदि आप 6 को 6 से भाग देते है तो भागफल एक आता है और यदि आप 7 को 6 से भाग देते है तो भागफल एक आता है और शेष 1 बचता है जिसे आप दशमलव लगा कर आगे का भाग देते है, इसी तरह से 13 को 6 से भाग देने पर भागफल 2 आता है और शेष 1 बचता है। यदि इसे उल्टा पढ़ा जाये तो इसमें निम्न संख्याएं प्राप्त होती है:
a-rà 14 2 20
a-rà 19 3 10
a-rà 20 3 20
ये पहाड़े एक कोलोफॉन, या सबस्क्रिप्ट (आमतौर पर लिखने वाले के नाम और तारीख) के साथ समाप्त होती है। यह बेबीलोनियाई लोगों द्वारा सबसे पुरानी ज्ञात गुणन सारणी है जिसमें उन्होंने 60 के आधार का इस्तेमाल किया था।
10 के आधार का उपयोग करने वाली सबसे पुराने ज्ञात पहाड़े चीन से प्राप्त लगभग 305 ईसा पूर्व की बांस की पट्टियों पर चीनी दशमलव गुणन पहाड़े हैं। इस गुणन पहाड़ों का श्रेय कभी-कभी प्राचीन ग्रीक गणितज्ञ पाइथागोरस (570-495 ईसा पूर्व) को दिया जाता है। इसके आलावा ग्रीको-रोमन गणितज्ञ निकोमाचस (60–120 ई), (जो कि नियोफैथोगनिज़्म के अनुयायी थे), ने अंकगणित के परिचय में एक गुणन पहाड़ा शामिल किया, जबकि सबसे पुरानी बची हुई यूनानी गुणन तालिका 1 शताब्दी ईस्वी में एक मोम के पट्ट पर अंकित है और वर्तमान में ब्रिटिश संग्रहालय में स्थित है।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2UqbKNg
2. https://bit.ly/2GGfiVD
3. https://en.wikipedia.org/wiki/Multiplication_table