रामपुर की स्थापना अवध संधि के तहत 7 अक्टूबर 1774 में नवाब फैज़ुल्लाह खान द्वारा की गयी थी। इसे ब्रिटिश औपनिवेशिक शक्तियों द्वारा 15 तोपों की सलामी वाली रियासत की मान्यता दी गई थी। फैजुल्लाह खान के पिता नवाब अली मुहम्मद खान को 1737 में बादशाह मुहम्मद शाह से कठेर राज्य मिला था, लेकिन वे 1746 में अवध के नवाब वजीर के साथ एक प्रतियोगिता में सब कुछ हार गए थे। दो साल बाद, उन्होंने अहमद शाह दुर्रानी की भारत में आक्रमण करने में मदद की और अपनी सारी संपत्ति इनाम में वापस प्राप्त कर ली। अली मुहम्मद खान ने मृत्यु के समय, अपने सभी राज्यों को अपने सारे बेटों के बीच समान रूप से विभाजित किया। इस प्रकार उनके दूसरे बेटे फैजुल्लाह खान को रामपुर और चचित के आसपास का क्षेत्र प्राप्त हुआ।
यदि आपको यहां के इतिहास के बारे में जानना है तो यहां की ऐतिहासिक इमारतें इसके गौरवशाली इतिहास को बयां करती हैं। नीचें दिए गए तस्वीरों में आप रामपुर राज्य की 100 साल से पुरानी तस्वीरों को देख सकते हैं। आज भी इन तस्वीरों में उस समय के शहर को अनुभव किया जा सकता है। नवाब फैजउल्ला खाँ के समय से ही रामपुर में भवन निर्माण प्रारम्भ हो गया था। कई भाषाओं में बातचीत करने के साथ साथ नवाब फैजुल्लाह खान एक उल्लेखनीय प्रतिभाशाली और दूरदर्शी शासक थे। इन्होंने एशिया के सबसे प्रतिष्ठित पुस्तकालयों में से रामपुर रज़ा लाइब्रेरी की नींव रखी थी। इस लाइब्रेरी में अरबी, उर्दू, फारसी और तुर्की में 15,000 से अधिक पांडुलिपियां हैं, जिनमें से कई अनमोल और प्राचीन हैं। यहाँ 661 से पहले की चौथे खलीफा अली बिन अबू तालिब द्वारा लिखी गई कुरान भी संग्रहीत की गयी है। इस विडियो में आप इसे भी देख सकते हैं।
इसके साथ साथ आप इस विडियो में रंग महल (रंग महल गायकी और संगीत सम्बन्धी गतिविधियों के लिए बनाया गया था), सरकारी इमारतें, अस्तबल, हाथी खाना, बाग बेनजीर में कोठी बेनजीर, यूरोपीय गेस्ट हाउस, इमामबाड़ा और जामा मस्जिद, उस समय की जेल और कचहरी, कोतवाली, सदर अस्पताल, मच्छी भवन (जहाँ नवाब रहते थे तथा जो अवधी महलों के मछली प्रतीकवाद पर रचा गया था), रामपुर का किला, खास बाग, हामिद मंजिल (नवाब हामिद अली खाँ द्वारा बनवाई गई थी), हामिद मंजिल का प्रवेश द्वार तथा गलियारा एवं फाटक आदि की 100 साल से पुरानी तस्वीरों को देख सकते हैं। पुराने समय में बनी ये आलीशान इमारतें आज भी रामपुर शहर की रौनक को चार चाँद लगा रही हैं।
इस विडियो में आप नवाब कल्ब-ए-अली खान की एक तस्वीर को भी देख सकते हैं। नवाब कल्ब-ए-अली खान अरबी और फारसी का ज्ञान रखते थे और इसके परिणामस्वरूप उनके द्वारा रज़ा लाइब्रेरी का कई बार विस्तार किया गया। उन्होंने शिक्षा को सुधारने के लिए बहुत कुछ किया और 3 लाख रु की लागत से प्रसिद्ध जामा मस्जिद का निर्माण करवाया था। इसके अलावा आप इसमें जनरल अजीम उद्दीन खाँ के मकबरे की पुरानी तस्वीर को भी देख सकते हैं।
1.https://youtu.be/vz23w0DDv9E
2.https://en.wikipedia.org/wiki/Rampur_State
3.https://www.royalark.net/India/rampur.htm
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