भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में तीव्रता से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसके लिए विभिन्न कारक उत्तरदायी हैं जिनमें से एक है सोना। भारत दुनिया का शीर्ष स्वर्ण आयातक देश है जो विश्व के सोने के कुल उत्पादन का 40% हिस्सा (प्रति वर्ष लगभग 1000 टन सोना) आयात करता है। भारत को सोना निर्यात करने वाले प्रमुख देश चीन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और रूस हैं। सोना भारतीय अर्थव्यवस्था का ही नहीं भारत के अधिकांश परिवारों की अर्थव्यवस्था का भी अभिन्न अंग है। कुछ अनुमानों के अनुसार, भारत में लगभग 23,000-24,000 टन सोने का भंडार है जो ज्यादातर भारतीय घरों में संचित है। भारत के औसत मध्यम वर्गीय अपने जीवनकाल की कुल आय का लगभग 15 से 80 लाख सोने में खर्च करते हैं। सोने को भारत में एक अच्छे निवेश विकल्प के रूप में भी लिया जाता है, क्योंकि भारत में सोने की कीमत हमेशा बढ़ती है। विश्व स्वर्ण परिषद द्वारा बनवाई गई एक रिपोर्ट (Report) ने अनुमान लगाया कि सोने ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 30 बिलियन डॉलर से अधिक का प्रत्यक्ष योगदान दिया है।
हालांकि अन्य देशों से सोने का आयात भारत के व्यापारिक घाटे में भी कहीं ना कहीं वृद्धि करता है। वास्तव में भारत के घरों में या मंदिरों में संचित सोना कई बार सदियों तक संभाला रहता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में किसी प्रकार का योगदान नहीं देता है। सोने के आयात पर विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा हिस्सा खर्च किया जाता है। जिससे विश्व बाजार में रुपए का मूल्य प्रभावित होता है, भारत के ऋण में वृद्धि होती है। भारतीयों की आधी बचत सोने के रूप में है। यदि यह धन बैंकों में जमा हो, तो भारत की अर्थव्यवस्था में बड़े सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे। उच्च और मध्यम वर्गीय लोग सोना खरीद रहे हैं। परिणामस्वरूप रुपये में गिरावट आती है, जिससे मुद्रास्फीति होती है, और कीमत बढ़ने की वजह से इसका प्रभाव गरीबों पर ज्यादा पड़ता है। इसलिए, यह अमीर और गरीब के बीच की खाई को बढ़ा देता है।
भारत सरकार ने सोने के आयात की मांग को कम करने के लिए सोने के आयात पर कर बढ़ा दिया। भारतीय अर्थव्यवस्था में घरों में निष्क्रिय पड़े सोने को बाहर लाने के लिए 2015 में स्वर्ण मुद्रीकरण योजना शुरू की गई। इस योजना के माध्यम से लोग अपना सोना जमा कर सकते हैं और उस पर ब्याज कमा सकते हैं। लेकिन यह योजना तब तक प्रभावी नहीं होगी जब तक सोने के गहनों को सोने के बिस्किट (Biscuit) के रूप में परिवर्तित नहीं किया जाएगा। इस वजह से यह योजना इतनी लोकप्रिय नहीं रही तथा यह मंदिर प्रमुखों के लिए ही लाभदायक रही।
भारत सोने से व्यावसायिक और परंपरागत दोनों रूप से जुड़ा हुआ है। भारतीय इतिहास में सिंधु घाटी की सभ्यता (लगभग 4,000 साल पहले) से ही सोने का उपयोग आभूषण के रूप में प्रारंभ हो गया था। वैदिक युग में भी इसका उपयोग प्रभावी था। भारत के महाकाव्य रामायण और महाभारत में भी सोने का उपयोग देवी देवताओं द्वारा भी किया गया है। इस प्रकार की अनेक पौराणिक कथाओं में सोने की अहम भूमिका दर्शायी गयी है, जिस कारण यह हमारे धार्मिक पहलुओं से जुड़ गया है। आज भी हमारे अधिकांश धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम सोने के बिना पूरे नहीं होते हैं, जिसमें शादियां सबसे महत्वपूर्ण हैं। भारत में संपन्न होने वाली शादियों में स्वर्ण आभूषणों का आदान-प्रदान करना सामान्य बात है। प्राचीन समय में, इस परंपरा को मुश्किल समय में महिलाओं की मदद करने के लिए शुरू किया गया था क्योंकि गहने दुल्हन की स्वतंत्र संपत्ति होती है। अन्य भारतियों की भांति रामपुर के लोग भी स्वर्ण आभूषणों के प्रति मोहबद्ध हैं, रामपुर का सर्राफा बाजार सुनार और आभूषणों के लिए प्रसिद्ध है।
भारत सरकार को धन के रूप में बचत को प्रोत्साहित करने के लिए बचत खातों पर ब्याज दरों में वृद्धि करनी चाहिए। निवेश के विकल्पों जैसे म्यूचुअल फंड (Mutual Fund), गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond) आदि, और सोने के आयात से भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ते प्रभाव के विषय में जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कराया जाना चाहिए। काले धन को सोने के रूप में परिवर्तित करने पर रोक लगाने के लिए महंगे गहने खरीदने पर पैन कार्ड (Pan Card) अनिवार्य किया जाना चाहिए। अन्य निवेश विकल्पों पर किया गया निवेश हमारी अर्थव्यवस्था के लिए भी सुरक्षित है।
अभी भारतियों को सोने से पूरी तरह अलग करना असंभव है, किंतु हम गहनों की खरीद पर नियंत्रण कर सकते हैं। साथ ही हमें सोने के अतिरिक्त अन्य निवेश विकल्पों की ओर ध्यान देना चाहिए। ब्याज दरों में वृद्धि निश्चित रूप से लोगों को सोना खरीदने के बजाय बैंकों में पैसे जमा करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
संदर्भ:
1.http://www.groupdiscussionideas.com/indias-obsession-with-gold-how-it-affects-indian-economy/
2.https://economictimes.indiatimes.com/wealth/invest/how-does-gold-impact-the-economy/articleshow/64538078.cms
3.https://in.reuters.com/article/india-gold-demand/indias-2018-gold-demand-forecast-as-high-as-800-tonnes-below-10-year-average-wgc-idINKBN1FQ0HW
4.https://mises.org/library/gold-india%E2%80%99s-capital-asset-through-history
5.https://gold.todaypricerates.com/gold-silver-selling-rate-per-gram/Rampur-in-Uttar-Pradesh
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